स्कूल की अधुरी चाहत
स्कूल की अधुरी चाहत
शहर के अच्छे से स्कूल में पापा ने नाम लिखवा दिया। नई-नई किताबें देखकर मन हिलोरे लेने लगा, कि इस बार भी हर बार की तरह फर्स्ट आऊंगा। ड्रेस भी चेंज हो गयी थी, अब लाल पैंट की जगह स्लेटी कलर की पैंट हो गया था, लेकिन शर्ट अब भी वही सफेद कलर की थी। नये स्कूल में पहले दिन पहुँचा और लास्ट वाली बेंच पर मुँह लटका कर बैठ गया। लंच हुआ तो लड़कियाँ खो-खो खेल रही थी और मैं वहीँ दूर जाकर बैठ गया और धीरे से बीच-बीच में खेल देखता, जैसी ही लड़कियों की नजर मेरी ओर होती मैं सिर झुका लेता, तभी पल्लवी नाम की लड़की अपनी सहेलियों से कहती है, कि देख कितना शर्मीला और बुद्ध लड़का आ गया है अपने क्लास में..
अगले दिन क्लास गया तो इंग्लिश वाले सर ने टेन्स पूछना शुरू कर दिया, लेकिन जैसे ही मेरा नंबर आया मैंने लगातार 10 सन्टेन्स उदाहरण सहित बता दिए, टीचर मुझसे बेहद खुश हो गए और मुझे क्लास मॉनिटर बना दिया जो कि पहले पल्लवी थी, पर मुझे अपने मॉनीटर बनने से बिल्कुल खुशी नहीं हुई, क्योंकि पल्लवी को हटाकर मुझे मॉनीटर बनाया गया था। पर उसने मुझे बधाई दी।
कई दिनों के बाद एक दिन उसने मुझसे हिंदी की कॉपी मांगी, अपना काम पूरा करने के लिए....
लेकिन मुझे ये ध्यान ही नहीं रहा कि अगले दिन हिंदी वाले सर विलोम शब्द सुनेंगे, घर पहुँचने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।
अगले दिन जब हिंदी का पीरियड आया, तब हिंदी वाले सर कत्थई रंग का डंडा लेकर क्लास में आये,और विलोम शब्द सुनने लगे, अब मुझे लगा की आज कत्थई डंडे से मेरे हाथ लाल होने तय है, मेरा नंबर जैसे ही आया मैं खड़ा हो गया, लेकिन मैं कुछ बोलता कि इससे पहले पल्लवी ने सर से बोल दिया कि इनकी कॉपी मेरे पास थी मैं तो बच गया पर उसके हाथ लाल हो गए।
अब मैं जब क्रिकेट खेलता तो वो और लड़कियों से अपनी नजरें बचाकर मुझे देखती, कभी अपनी बालों का रिबन सही करते हुए देखती तो कभी खो-खो खेलते हुए...धीरे-धीरे मेरी तरफ से भी फ़ासला कम हो रहा था, मैं जब मैच में फील्डिंग करता तो मेरी नज़रें भी उसी पर जाकर ठहरती, कई बार तो कैच भी छूट जाता...वो मुँह से ज्यादा नहीं बोलती, पर ख्याल बहुत रखती, वो कभी टिफ़िन में गाजर का हलवा लाती तो कभी उबले हुए चने, और चुपके से मेरे बैग में टिफ़िन रख देती।
मैं उसके चम्मच से हलवा खाता, और उस चम्मच को कभी ना वापस करने के इरादे से अपने पास रख लेता था, क्योंकि उसी चम्मच से वो भी हलवा खाती थी।
वो मेरे बर्थडे पर ता
ँबे का छल्ला मुझे देती, मेरी आँखों में खुद को देखती, और मेरी नज़रें उसकी मासूमियत पर टिकी रहती।
मैं उसको मैथ बता देता, तो वो कला के पीरियड में मेरा 'साड़ी का किनारा' बना देती और उसमे रंग भर देती....वो ठेले वाले के पास गोल गप्पे खाती और अंत में उससे तीखा वाला पानी माँगती, मैं उसके मुँह की तरफ देखकर मुस्कुरा देता...उसका बर्थडे था मुझे कुछ समझ नहीं आया क्या दूँ, तो मैंने उसको गाने की एक सीडी लाकर दे दी और उससे मैंने कहा कि इसे अकेले में सुनना...वो कैसेट को किताबों में छुपा कर घर ले गयी और उसने ग़लती से अनुराधा पोडवाल की भजन वाले लिफ़ाफे में उसको रख दिया, वो ये भी भूल गयी कि उसके पापा सुबह उठकर भजन सुनते हैं, उसके पापा ने सुबह को उसी लिफ़ाफे से कैसेट निकालकर लगा दी,और उसमे "बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम" गाना बजने लगा...पापा को गुस्सा आ गया और पल्लवी से पूछने लगे कि ये कैसेट कहाँ से आई, तो वो चुप रही..अगले दिन उसके पापा अचनाक से स्कूल आये और हम दोनों को बात करते देख लिया।
अगले दिन से उसके पापा उसको छोड़ने आने लगे और छुट्टी में लेने भी आते थे।
क्लास में सबके सामने उतनी बात हो नहीं पाती थी और जब छुट्टी में स्कूल से बाहर निकलते तो नीम के पेड़ के नीचे स्कूटर लेकर उसके पापा खड़े होते और वो भी देखकर नज़रें झुका लेती...
कुछ ही दिनों बाद एग्जाम थे और रिजल्ट जब आया तो वो क्लास में फर्स्ट आई और मैं सातवी पोजीशन पर।
वो शॉक्ड थी मेरी सातवी पोजीशन देखकर,और मैं बेहद खुश उसकी पहली पोजीशन देखकर...मैंने उसके पास जाकर कहा, बधाई हो और उसने कहा थैंक यू।
हम दोनों का प्यार शक के दायरे में आ चुका था, और वही हुआ जो मैं सोच रहा था, अगली साल वो क्लास में नहीं आई ,क्योंकि उसका नाम उसके पापा ने किसी दूसरे स्कूल में लिखवा दिया। हम दोनों का प्यार मोतियों की माला की तरह राह में ही बिखर गया।
अब मेरे पास सिर्फ उसका दिया हुआ ताँबे का छल्ला, उसके झुठे चम्मच और उसकी मासूमियत है, तो उसके पास मेरी दी हुई गाने वाली सीडी और अनगिनत यादें...
12 साल बाद उसने फेसबुक से मेरा नंबर खोजा और 5 फरवरी को मैसेज किया और उसने तीन शब्द लिखे "HAPPY BDAY RAJ" मैंने ट्रू कॉलर पर नंबर सर्च किया और फिर मैंने भी तीन शब्द लिख दिए THANK YOU PALLAVI...
फिर आगे मैंने कोई बात नहीं की, क्योंकि मैंने फेसबुक पर उसका स्टेटस देख लिया था---IN A RELATIONSHIP