Prem Bajaj

Tragedy

1.0  

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सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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कब तक सीता को ही अग्नि परीक्षा देनी होगी, आखिर कब तक, और क्यों ???

औरत को हर बात में क्यों दोषी ठहराया जाता है , बिना किसी ठोस वजह के, सोनिया के साथ भी यही हुआ, बिना किसी ठोस सबूत के उस पर घिनौना इल्ज़ाम लगाया गया ।

सोनिया और राहुल की लव मैरिज हुई थी। रहुल शुद्ध ब्राह्मण परिवार से था और सोनिया सिख परिवार से थी, पहले तो दोनों परिवार इस रिश्ते के खिलाफ़ थे, लेकिन उनके सच्चे प्यार के आगे दोनों को सहमति देनी पड़ी और उनकी शादी हो गई । राहुल बैंक में नौकरी करता था, और सोनिया ने B. Com. किया हुआ था, पढ़ाई में होशियार होने के साथ- साथ सोनिया को पढ़ने का शौक भी बहुत था , वो आगे की पढ़ाई कर के नौकरी करना चाहती थी , ताकि राहुल का भी परिवारिक खर्च में हाथ बंटा सके, राहुल के पिता रिटायर्ड स्कूल टीचर थे। उन्हें भी लगा कि अगर सोनिया आगे की पढ़ाई कर के नौकरी करेगी तो परिवार की इनकम भी बढ़ेगी और आने वाले समय में कोई परेशानी नहीं हो सकती ।

सोनिया के ससुराल वालों ने उसे पढ़ाई के लिए नहीं रोका बल्कि उसका साथ दिया, सोनिया ने M. Com. भी कर लिया और अब वो नौकरी के लिए कोशिश करने लगी उसकी कोशिश रँग लाई , उसे एक कॉलिज में नौकरी मिल गई। सोनिया मिलनसार होने के साथ मेहनती भी थी और हर किसी की मदद करने वाली भी, उसी कॉलिज के एक प्रोफेसर आकाश से उसकी काफी अच्छी बनती थी, दोनो के विषय एक होने के कारण अक्सर दोनो में कोई ना कोई बातचीत होती रहती ।

आकाश का दूनिया में माँ के सिवाय कोई नहीं था। सोनिया के रूप में उसे एक अच्छी दोस्त मिल गई थी। आकाश जो अक्सर चुपचाप रहा करता था, सोनिया को अपना सब दुःख सुख कह दिया करता था। कभी -कभी सोनिया अगर कॉलिज से लेट हो जाती तो आकाश उसे घर तक छोड़ दिया करता था। लेकिन सोनिया के घरवालोंं को ये बात अखरती थी। ऐसा अक्सर होने लगा..

एक बार आकाश का जन्म दिन आया तो सोनिया ने हर बार की तरह आकाश से जन्मदिन की पार्टी के बारे में बात करने लगी तो आकाश ने कहा ..नहीं इस बार जन्मदिन की कोई पार्टी नहीं है माँ घर पर नहीं है किसी ज़रूरी वजह से मामा के घर गई है , सो माँ के बिना मेरा मन नहीं करता पार्टी करने को, सोनिया ने देखा आकाश उदास सा था, तो उसने कॉलिज से आधे दिन की छुट्टी ली और आकाश को भी साथ जाने को कहा, दोनो एक रेस्टोरेँट में गये ,सोनिया ने केक मँगवया और आकाश का मनपसन्द खाना भी, अभी केक काटा ही था कि राहुल और उसके पिता आ गये और सोनिया को बुरा-भला कहने लगे, और सोनिया को लगभग घसीटते हुए घर ले गये, आकाश ये सब देख कर अचंभित सा हो गया, उस की समझ में कुछ नही आया अगले दिन जब सोनिया कॉलिज नहीं आई तो राहुल शाम को सोनिया के घर गया, और जो सोनिया हर समय हँसने-खेलने वाली उसका चेहरा सूजा हुआ था, लग रहा था जैसे बहुत मार खाई है और रात भर रोती रही सो नहीं पाई।

जैसे ही आकाश ने डोर बेल बजाई तो सामने से सोनिया के ससुर जी आए और आते ही उसे गालियाँ देने लगे, उसे वहाँ से निकल जाने को कहा, उसकी समझ में कुछ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है, इस बात को 15-20 दिन बीत गये लेकिन ना तो सोनिय ही कॉलिज आई ना ही कुछ पता चला, एक दिन कॉलिज में पता चला कि सोनिया ने अपना इस्तीफ़ा भिजवाया है, इस बात पर तो आकाश को और भी हैरानी हुई कि ऐसा क्यों हु , वो सीधा सोनिया के घर गया, वहाँ जाने पर पता चला कि सोनिया को घर से बाहर कदम नहीं रखने दिया जाता और उसका फोन भी ले लिया गया। उसने सोनिया के पति से बात करने की ठानी और जब शाम को राहुल और उसके पिता जी घर आए तो आकाश भी बात करने के लिए आ पहुँचा, आकाश को देखते ही उन दोनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया, और आकाश को बुरा-भला कहने लगे, आकाश शांत हो कर सुनता रहा, फिर थोडी़ देर तक सुनने के बाद शान्त स्वभाव से आकाश ने कहा कि आप बताए तो सही बात क्या है ...आप ऐसा व्यवहार मेरे और सोनिया के साथ क्यों कर रहे है, तो उन्होने जो कहा वो सुन कर तो आकाश पर घड़ो पानी पड़ गया....उन्होने कहा कि तुम्हारे सोनिया के साथ अनैतिक सम्बन्ध है , सोनिया और आकाश ने लाख समझाने की कोशिश की लेकिन राहुल और उसके पिता नहीं माने कि वो दोनो महज दोस्त है....आखिरकार एक लम्बी बहस के बाद राहुल और उसके पिता ने कहा कि तुम सोनिया से राखी बँधवाओ तब हम मानेंगे कि तुम्हारा कोई अनैतिक सम्बन्ध नहीं, सोनिया झट से उठी और धागा ले कर आकाश को राखी बाँध दी, लेकिन अभी भी सोनिया नौकरी नहीं करती क्योंकि अभी भी उसके पति और ससुराल वालों को लगता है कही बाहर जा कर सोनिया कोई गलत कदम ना उठा ले। क्या कोई लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते ?? उनकी दोस्ती पर शक क्यों , सदा औरत ही क्यों कटघरे में होती है , उसकी पवित्रता को शक की निगाहों से क्यों देखा जाता है, क्यों.....क्यों.....???


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