शिव वही कहलाएगा
शिव वही कहलाएगा


आग में जब तू जलेगा, जलजला बन जाएगा।
जो तपेगा कोयले में स्वर्ण वो बन पाएगा।
जब तलक ना वार तूफ़ां का सहेगा मुस्कुराकर,
आग में जब तू जलेगा, जलजला बन जाएगा।
जो तपेगा कोयले में, स्वर्ण वो बन पाएगा ।I
जब तलक ना वार तूफ़ां का सहेगा मुस्कुराकर,
तब तलक ना वज्र सा तन और मन तू पाएगा ॥
पत्थर तभी भगवान होगा, जब तराशा जाएगा I
विष को पीना जानता हो, वो ही अमृत पाएगा ॥
जीवन मरण के चक्र में , लाखों ही आकर जाएँगे I
तोड़ दे मृ
त्यु का बन्धन, अमर वही बन पाएगा II
लाखों ही मुश्किलें आएँगी, जीवन में तुझ़को तोड़ने I
मुश्किलों में उठ खड़ा हो, शिव वही कहलाएगा ॥
तब तलक ना वज्र सा तन और मन तू पाएगा॥
पत्थर तभी भगवान होगा जब तराशा जाएगा,
जो विष को पीना जानता हो अमृत को वो ही पाएगा॥
जीवन मरण के इस चरण में लाखों ही आकर जाएँगे,
जो तोड़ दे मृत्यु का बन्धन अमर वही बन पाएगा।
लाखों ही मुश्किल आएँगी जीवन में तुझ़को तोड़ने,
जो मुश्किलों में उठ खड़ा हो शिव वही कहलाएगा॥