शारीरिक कष्टों
शारीरिक कष्टों
प्रदीप तिरुवरूर के रविचंद्रन का बेटा है। उसके स्नातक करने के बाद 30 साल में शादी लगी थी।
रविचंद्रन शादी की व्यवस्थाओं के लिए विदेश गए हैं। वह कल घर पहुंचे। प्रदीप घर से ग़ायब था। इस समय प्रदीप का पत्र घर पर प्राप्त हुआ।
यह उल्लेख किया गया था कि "मैं आत्महत्या करने जा रहा हूँ क्योंकि मैं बीमार हूँ और मेरी मृत्यु दागी जानी है।" रविचंद्रन प्रतिभा की तलाश में थे जो आँसुओं में थी।
तब पता चला कि उसने उसी इलाके में पिडारिक तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली। क्या आप उसके माता-पिता को उसकी स्थिति समझा सकते हैं?
इसे उनके साथ क्यों छिपाए? अपने कष्टों, अपने शारीरिक कष्टों को अपने दिमाग में रखने से किसे लाभ होता है?