सच्चाई
सच्चाई
हार के कारणों पर विचार करने के लिये आज नेताजी ने समीक्षा बैठक रखी। जिसमें कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति से उनके चेहरे की उदासी और गहरा गई है। फिर बैठक में उनके ही कुछ चापलूस समर्थकों ने उनकी हार के लिये। अपने तर्कों से लचर चुनाव प्रबंधन को जिम्मेदार बताने में जुटे है। जिससे नेताजी का चेहरा अब कुछ खिला। पर ये बात वहां उपस्थित निष्ठावान कार्यकर्ताओं के गले नही उतर रही है। और हाल में हर तरफ सन्नाटा पसरा है। फिर अपनी बारी आने पर उन्हीं में से एक निष्ठावान कार्यकर्ता ने नेताजी को हकीकत का आईना दिखाते हुए कहा। कि किसी क्षेत्र का जन प्रतिनिधि उस क्षेत्र की जनता की आवाज होता है। पर आपने तो पिछले कुछ समय से अपने कुछ खास लोगों को ही अपनी आंख ,कान बना रखा है। और आपकी कार के ये काले शीशे, अब आम लोगों व आप के बीच दीवार से प्रतीत होते है। जिस कारण आप जन मानस का मन टटोल ही नहीं पाए। मेरी नजर में तो बस यही आपकी इस करारी हार का प्रमुख कारण है। तब उस कार्यकर्ता के मुँह से सच्चाई सुन, पूरा सभा हाल करतल ध्वनि से गूंज उठा। और नेताजी व उनके कुछ खास चापलूसों के चेहरों की हवाईयां उड़ गई।
