साहस
साहस
एक जंगल में एक बकरी और उसका छोटा बच्चा जिसका नाम मेमना था दोनों घूमने जा रहे थे चलते चलते वह दोनों आपस में बातें कर रहे थे बकरी अपने बेटे को समझा रही थी कि अगर कोई मुसीबत आ जाए तो उसका साहस के साथ धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिए
तभी उस मुसीबत से निकाल निकला जा सकता है मां की यह सब बातें छोटा सा मेघना सुन रहा था और समझ भी रहा था चलते-चलते बकरी ने कहा मुझे बड़ी प्यास लगी है मैं अपना भी बोला हां मुझे भी प्यास लगे या दोनों नदी की ओर चल पड़े नदी के तट पर पहुंचकर बकरी ने सबसे पहले नदी को प्रणाम किया नदी में दोनों का स्वागत किया और उंहें बताया कि जल्दी जल्दी पानी पी लो नहीं तो भेड़िया आ जाएगा
मैंने बोला हम तो इतने छोटे से हैं फिर भी हम भेड़िया हमें क्यों खाता है और तुम यह जानती हो कि भेड़िया इतना बुरा है सभी जंगली जानवरों को खा जाता है फिर भी तुम उसे अपना पानी पीने देती हो नदी बोली मैं क्या करुं मेरा काम ही दूसरों की प्यास बुझाना है जब मेरे पास कोई प्यासा आता है तो मैं उसे पानी पीने से मना नहीं कर सकती बकरी को बहुत जोर से प्यास लग रही थी पानी बहुत मीठा और ठंडा का बकरी ने जल्दी-जल्दी खूब सारा पानी पिया मिलना भी खूब सारा पानी पीने लगा पानी पीने के बाद बकरी में एक लंबी सी सांस ली और फिर पानी पीना शुरू कर दिया मेमना ने भी अपनी मां को देखा और फिर पानी पीना शुरु कर दिया क्योंकि दोनों को बड़ी प्यास लगी थी जैसे ही बकरी पानी पी कर उठी तो पीछे एक काला भेड़िया खड़ा था बोला इतना ठंडा पानी कितना मीठा पानी और इतने मजेदार शिकार आज तो पेट भर जाएगा बकरी डर के मारे सहन गई उसकी आवाज भी नहीं निकली उसको मेमना भी उसके पीछे जाकर छुप गया बकरी ने थोड़ी देर सांस ली और फिर बोली कि कितने गंदे हो रहे हो लगता है कई दिनों से नहाए नहीं हो तुम हमें खा सकते हो पर पहले जरा अपना मुंह तो धो लो मेमना भी पीछे से बोला हां हां ऐसा लग रहा है कि पूरे हफ्ते से नाही नहीं हूं मुंह तो पूरा मिट्टी में लिस्ट गंदा हो रखा है।
भेड़िया बोला नहीं अभी मैं रेत से अपना मुंह साफ कर के आया हूं ताकि तुम्हें हम पर भरोसा हो जाए कि हम भागेंगे नहीं हम तो छोटे जंगली जानवर हैं और तुम जंगल के मंत्री हो हमारा तो यह ही कर्तव्य है कि हम तुम जैसे बड़े जानवरों की भूख मिटाई और तुम्हारा शिकार बन जाएंगे सब बातें सुनकर भेड़िए को बकरी की बात पर भरोसा किया और वह उसी तरफ चल गया जहां बकरी ने इशारा किया था वहां पानी गहरा था और फिसलन भी थी जैसे ही भेड़िए ने नीचे को मुंह धोने के लिए मुंह किया बकरी ने अपनी पूरी जान लगा कर उसे जोर का धक्का मारा भेड़िया गिर पड़ा और बकरी अपने मेमना के साथ जंगल की ओर भाग पड़ी और नदी से बहुत दूर जा कर उन्होंने सांस लिया ताकि भेड़िया वहां तक ना आ सके बकरी बोली अपने मेमने से समझ आया अगर हम साहस से काम लेंगे तो बड़ी से बड़ी मुसीबत का सामना भी कर सकेंगे और अपने जीवन में आगे भी बढ़ सकेंगे Because जल्दबाजी में कोई भी काम सही नहीं होता वह बिगड़ ही जाता है और हम जब तक मुसीबत का सामना नहीं करते मुसीबत हमारा पीछा नहीं छोड़ती।
