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Versha Gupta

Tragedy

5.0  

Versha Gupta

Tragedy

रजनी की कहानी

रजनी की कहानी

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रजनी जो मेडिकल की कोचिंग कर रही थी। आज बहुत दिनों बाद अपनी दीदी से मिलने जा रही थी। रजनी के मम्मी-पापा बंगलौर में रहते हैं। क्योंकि वो अपनी दादी से बहुत प्यार करती है इसीलिये वो उनके साथ आगरा में रहती है बस मेडिकल कोचिंग के लिये जयपुर आयी हुई है।

आज बहुत दिनोंं बाद उसे छुट्टी मिली है इसीलिये वह बहुत खुश है। उसकी बस शाम 4:00 की है। बस वो अपनी आखरी क्लास के खत्म होने का इतंजार कर रही थी। उसने अपना बैग भी पैक कर लिया था।

शाम के 3:45 बजे वह बस स्टैण्ड के लिये निकली और रास्ते में ट्रैफिक जाम होने के कारण 4:05 मिनट पर बस स्टैण्ड पहुँचती है और उसकी बस निकल जाती है। अगली बस 4:30 बजे की थी इसीलिये वह बस का इंतजार ही कर रही थी कि कुछ बदमाश आते हैं, उसके साथ छेड़खानी की कोशिश करते हैं तो वह अपने बैग से पेपर स्प्रे निकाल कर उन पर स्प्रे करती है (अपनी सुरक्षा के लिये हर औरत, लड़की को अपने पास पेपर स्प्रे रखना चाहिये) और वहाँ से भागती है।

भागते-भागते वही बस पकड़ती हैं जो उससे छूट गयी थी, क्योंकि उसमें पेंचर हो गया था। बस में बैठ कर चैन की साँस लेती है एवं बाहर के सुन्दर वातावरण में खो जाती है और आगरा पहुँच जाती है।

दादी के घर पहुँचती है तो क्या देखती है कि दादी के घर के बाहर भीड़ लगी हुई है और सभी सफेद कपड़ों मेंं है। उसका दिल जोर जोर से धक धक कर रहा था। बस, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ती जा रही थी। दादी के पास पहुँचते ही क्या देखती है कि दादी सफेद कपड़े में लिपटी हुई जमीन पर लेटी हुई थी। वो आगे बढ़ती है और उसको ठोकर लगती है, उसका सिर आगे वाली सीट पर लगता है। वो यह सोचकर चैन की साँस लेती है कि ये सिर्फ एक सपना था।

बाहर के नजारो में खो जाती है फिर वो दादी के यहाँ पहुँचती है। दादी दादी कहते हुए आगे बढ़ती है। घर का दरवाजा खुला हुआ था वो घबरा जाती है। वो दादी को ढूँढ़ती है पर उसे दादी नहीं मिलती। रजनी बहुत घबरा जाती है और रोते रोते कुर्सी पर बैठकर मेज पर सिर रख के सो जाती है।

तभी दरवाजे पर आहट होती है तो सामने दादी और अपने मम्मी-पापा को देखती है। रजनी भाग कर दादी को गले लगाने की कोशिश करती है ,लेकिन दादी को गले नहीं लगा पाती वह सपने को सच मानने लगती है और रोने लगती है।

सपने की बात मम्मी-पापा को बताने के लिए उनकी तरफ भागती है और उन्हें गले लगाने की कोशिश करती है पर गले नहीं लगा पाती। तब ही वह देखती है कि रजनी खुद सफेद कपड़े में लिपटी हुई जमीन पर लेटी हुई है। दरअसल जब वह जयपुर से आगरा आ रही थी उसकी बस पुल पर पलट कर पानी में गिर गयी थी। रजनी अपनी दादी से बहुत प्यार करती थी इसीलिये आखिरी बार उनको देखने आयी थी और रजनी के मम्मी-पापा रजनी के एक्सीडेन्ट की खबर सुनकर वहाँ आये थे।

पल-पल में आपकी जिंदगी बदल सकती है। बस यही था इस कहानी का सार।


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