प्यार या तबाही
प्यार या तबाही
“तुम्हें समझ नहीं आता कि मैं तुमसे प्यार नहींं करती। मेरी शादी तय हो चुकी है। हम सिर्फ दोस्त है और दोस्त ही रहेंगे। मैंने कभी तुम्हें उस नजर से नहीं देखा।”
“मेरे प्यार को इस तरह मत ठुकराओ। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। मैं तुम्हें बहुत खुश रखूँगा। मैं तुम्हें कभी कोई तकलीफ नहींं होने दूंगा।”
“तुम्हारी समझ में नहींं आता, मैं तुमसे प्यार तो क्या दोस्ती भी नहीं रखना चाहती। मुझे अफसोस हैं कि कभी तुम मेरे दोस्त हुआ करते थे।”
इतना कहकर वह जाने लगी तो वह पीछे से धमकाते हुए बोला- अगर “तुम मेरी नहींं तो किसी और भी की नहीं।”
उसने इस धमकी को अनसुना कर दिया और अगले ही दिन यह खबर आई कि एक सिरफिरे ने एक युवती पर कॉलेज जाते समय फेंका तेजाब।
आज वह लड़की जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ते हुए यही सोच रही है कि अपनी जिद के लिए किसी को कुछ यूं तबाह कर देना क्या यही प्यार है ?