Swapnil Choudhary

Drama Romance Others

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Swapnil Choudhary

Drama Romance Others

"प्यार की कहानी "

"प्यार की कहानी "

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आज अचानक फ़ोन कांटेक्ट चेक कर रहा था तभी अचानक तुम्हारे नाम पर मेरी थिरकती हुई उंगलियां रुक-सी गयीं दिल की धड़कनों के साथ... तुम्हारा नंबर आज भी सेव्ड है मेरे फ़ोन लिस्ट में, कभी-कभी देखकर दिल को सुकून से भरने देता हूँ

तुम्हारी तस्वीरों को तो डिलीट कर दिया था मैंने… कमज़ोर कर रही थी मुझे, जकड़ रही थी मुझे तुम्हारी यादों में। दर्द बढ़ता ही जाता था तुम्हें सिर्फ तस्वीर में देखकर, तुम्हारा पास न होना बहुत तकलीफ़ देता है मुझे

कल ही मैंने तुम्हारा फेसबुक टाइमलाइन चेक किया था ख़ुद से बचाकर, तुम्हारी हर पोस्ट के कमेंट्स पढ़े थे मैंने, न जाने कितनों ने तारीफ़ में न जाने क्या-क्या लिख रखा था… गुरूर सा हो रहा था अपनी पसन्द पर, डर था तुम्हारे भोलेपन पर और जलन सी भी हो रही थी... मगर तसल्ली सी है की तुम्हारी आदत आज भी वैसी ही, ठीक वैसी जैसे पहले थी.... ”किसी को भाव नहीं देती तुम… किसी को भी नहीं

शायद याद हो तुम्हें लगभग दो साल पहले या यूं कहूं तो आने वाले साल में दो साल हो ही जाएंगे। मैं रात के आठ बजे ठिठुरते हुए सड़क से मेसेज करता था तुम्हें.. कभी बायां हाथ पॉकेट में तो कभी दायां, बड़ी ठण्ड थी उन दिनों… मैं ठीक से टाइप भी नहीं कर पा रहा था और तुम घर में बैठी मुझे लेट रिप्लाई दिया करती थी। मैं रात-रात भर ठण्ड में छत की सीढ़ियों पर बैठा तुमसे बातें करता था गिरती हुई ओस से जैसे दोस्ती हो गई थी मेरी। 

मैं रात भर जगा हूँ पहले तुम्हारे सोने के इंतज़ार में… जब तुम असाइनमेंट लिखा करती थी तब सुना है मैंने तुम्हारे पलटते हुए पन्ने की आवाज़ों को, उसपर चलती और घिसती हुई कलम को फिर तुम्हारे सो जाने के बाद तुम्हारी साँसे सुनी हैं मैंने, तुम्हारी करवटों को महसूस किया है, तुम्हारी चादर पर पड़ी सिलवटों को अपनी चादर पर डाल कर उससे तुम्हारे अक्स बनाएं हैं मैंने… कभी फ़ोन नहीं काटा

फिर तुम्हारे उठने से पहले अपनी नींद से लड़कर तुमको मेसेज भी तो किया है ”प्यार की कहानी... 

आज जब यूं ही फ़ोन के कॉन्टे Good Morning ” ताकि जब उठो तो सबसे पहले मेरा प्यार रहे तुम्हारे मोबाइल स्क्रीन पर। “चाय” बनाते वक़्त सिर और कंधे के बीच में फ़ोन रखकर तुमसे बातें की हैं की तुम्हें मेरी हैडफ़ोन से आती हुई शोरगुल से एतराज था 

ख़ैर.... सोच रहा था तुम्हारा व्हाट्सप्प स्टेटस भी चेक कर लूं, लास्ट सीन भी चेक किये तो बहुत दिन हो गए हैं, शायद तुम्हें याद नहीं होगा पिछली बार हमारी आखिरी बात भी इसी पर हुई थी मेरे लगातार मेसेज करने से तुम नाराज़ सी थी मगर अब तो खुश होगी ही तुम एक साल होने को हैं और मैंने तुम्हें तंग नहीं किया है और न कोई कोशिश की है…तुमने मुझे कहा था ना कि तुम्हें समझ में नहीं आता, क्या बार-बार मेसेज करते रहते हो… कोई काम-वाम है या नहीं, कोई मतलब हो तभी मेसेज किया करो

इस बार मैंने तुम्हें खुद को ब्लॉक करने का कोई मौका भी नहीं दिया, अपनी ख़ुद्दार मोहब्बत को और कितना ज़लील होने देता... कितना.... ?

अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ की जो मतलब से होता है वो व्यापार होता है प्यार नहीं, मैंने तो बस प्यार का मतलब जाना है किसी मतलब से प्यार नहीं किया तुम्हें.....

तुम्हें कॉल नहीं करूंगा मैं… न ही तुमसे मिलने की कोई चाहत सी है, बस यूं ही आज तुम्हारे नाम का दीदार हुआ तो आँखों से दर्द सा कुछ रिसने लगा था… सो लिख दिया और ये भी किसी मेसेंजर के मेसेज की तरह क्रॉस-सर्किल में डाल दिया जाएगा, क्यों ...ऐसा ही होगा न..लोग पढ़ लेंगे और शेयर कर लेंगे बस..


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