Swapnil Choudhary

Inspirational

4.5  

Swapnil Choudhary

Inspirational

शराब

शराब

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रात आठ बजने वाले थे कि दरवाजे की घण्टी बजी दरवाजा खोलने पर अमीना एकाएक बोल बोल पड़ी "अरे आप अचानक ना कोई फोन ना कोई मैसेज आया कैसी है" "अन्दर आने को नहीं कहोगी सारी बाते दरवाजे पर ही पूछ लोगी" अमीना की बड़ी बहन के शौहर अषफाक ने अमीना से कहा। 

दारू की बदबू आने पर अमीना फिर बोली "आपने शराब पी रखी है" 

"क्यो शराब पी नहीं जाती है क्या अगर नहीं तो सरकार इसे बन्द क्यो नहीं करती" अषफाक ने जवाब दिया।

" हॉ पी जाती है लेकिन एक लिमिट मे रहकर और शान्ति से रहा जाता है पीने के बाद। दूसरो के घर पी कर नहीं जाया जाता है।" 

अमीना ने जवाब दिया तब अषफाक फिर बोलाा" मैंने क्या बेलिमिट पी रखी है अरे पूरे दिन काम करता है शाम को थकाना मिटाने के लिए पीना जरूरी है। यह दारू नहीं दवा है दवा, अषलम कहाँ है ? बुलाओ उसे मुझे उससे बात करनी है“ ”उन्हें तुमसे कोई बात नहीं करनी है। आपका नशा उतर जाये तब आना “ अमीना इतना कहकर दरवाजा बन्द करने की कोशिश करती है कि अषफाक धक्का देकर अन्दर आकर सोफे पर बैठ जाता है। और अषलम -अषलम की आवाज देकर बुलाने लगता है। 

वो घर पर नहीं है। कल आयेंगे। आप जाओ और कल दिन मे आना।

 अमीना ने अषफाक से कहा अरे तू कैसी साली है मेरी अपने जीजू को घर से बाहर निकाल रही है , जा चुपचाप सो जा अब जब अषलम आयेगा तब उससे मिलकर की जाउॅगा।

अषफाक ने जवाब दिया। अमीना के मना करने के बावजूद अषफाक वहॉ जम कर बैठा हुआ था। अन्त मे थककर अमीना अपने रूम मे जाकर अपने शौहर अषलम को फोन करती है परन्तु फोन पहॅुच से बाहर था। उसे अषफाक की चिन्ता हो रही थी। रात 10 बजे कुछ गिरने की आवाज आई तो अमीना ने देखा कि अषफाक ने खिड़की के शीषे तोड़ दिये है। 

”ये तुमने क्या किया, अषलम आयेंगे तो डाटेंगे“ अमीना ने अषफाक से कहा तब अषफाक ने जवाब दिया, ”अच्छा तुझे अषलम की चिन्ता है जो रात-रात भर बाहर रहता है“ मै उन्हे अभी फोन करके तुम्हारी करतूते बताती हूॅ अमीना ने फिर धमकाकर कहा।

”नहीं लगेगा फोन उसका, मैं भी ट्राई कर चूका हूॅ, कही मस्ती कर रहा होगा “ अषफाक ने अमीना से कहा और फिर हाथ पकड़ कर कहने लगा, ”एक बात बता अमीना मुझमे कोई खराबी है। जो तू मुझसे नाराज है। मै तेरा जीजा हूॅ।“ और तू मेरी साली, साली का मतलब समझती है तू आधी घरवाली, समझी“ हाथ छोडो वरना मै शोर मचा दूंगी। 

 अमीना ने कहा कि अचानक अषलम की आवाज आई, ”हराम जादे मेरी बीवी का हाथ पकड़ता है। मै तूझे जिन्दा नहीं छोड़ूंगा।

अचानक अषलम आकर अषफाक को दो चार घूसे जमा देता है तब अमीना बचा लेती है और हैरानी से कहती है ”आप अचानक आपका फोन नहीं लग रहा है कब से ट्राई कर रही हूॅ।“

”क्लाइंट ने कल मिलने से मना कर दिया इसलिए आज का जाना कैसिंल हो गया।“ 

 अषलम ने जवाब दिया और कुछ कहने को हुआ कि अषफाक ने पिस्तौल निकालकर कहा, ” तूने मुझ पर हाथ उठाया , मै तुझे जिन्दा नहीं छोड़ूंगा, मेरी बेईज्जती की।“

”अब तू अभी निकल जा नहीं तो मै पुलिस बुला लूॅगा।“अषलम ने अषफाक को धमकाकर कहा ”अच्छा तू बचेगा तब बुलायेगा न“ इतना कहकर अषफाक से पिस्तौल का स्ट्रिगर दब जाता है। नशे में धुत होने के कारण उसका हाथ काँप जाता है और गोली अमीना को जा लगती है। गोली की आवाज सुनकर रात्रि ड्यूटी के सिपाही आ जाते हैं और अषफाक को गिरफ्तार कर लेते है अमीना वही ढेर हो जाती है।


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