Swapnil Choudhary

Tragedy Inspirational

3  

Swapnil Choudhary

Tragedy Inspirational

"फर्ज प्रेम का"

"फर्ज प्रेम का"

8 mins
403


दोपहर 2 बजे का समय था। आग की लपटो की तरह धूप पड़ रही थी। शहर की गलियों में भी चहल-पहल कम थी इसी समय कोमल अपने कालेज से आकर अपनी माँ से खाना मांगती है। तब कोमल की माँ खाना देकर कहती है- ”मैंने तेरी मनपसंद की सब्जी बनाई है पालक पनीर“ 

”वाह ! माँ जल्दी दो, बहुत तेज भूख लगी है“ कोमल ने माँ से कहा।

खाना खाने के पश्चात कोमल अपना होमवर्क करके मोबाइल में नेट खोलकर फेसबुक पर अपने दोस्तों से बात करने में व्यस्त हो जाती है। तभी एक कृष्णा नाम के व्यक्ति का मित्रता अनुरोध आता है। कोमल उससे परिचित नहीं थी परन्तु उसकी तस्वीर में एक अजब सी झलक थी जो कि कोमल अपनी ओर आकर्षित कर लेती है और कोमल उसकी मित्रता का अनुरोध स्वीकार कर लेती है। कुछ समय बाद कृष्णा संदेश द्वारा कोमल से पूछता है, ”हैलो कोमल जी कैसी हो आप ? “ इस पर कोमल जवाब देती है, ”आई एम फाइन एन्ड यू“ 

”मैं भी ठीक हूँ, आप क्या करती हो कृष्णा उत्तर देकर पूछता है।

”जी मैं जी0एफ0 कालेज से बी0कॉम कर रही हूँ और आप क्या करते हो। ? कोमल ने भी कृष्णा को जवाब देकर पूॅछा।

”अरे वाह मैं भी जी0 एफ0 कालेज से बी0 कॉम ही रहा हूँ“ लेकिन आपको कभी देखा नहीं“ 

कृष्णा ने जवाब देकर कहा तो कोमल बोली ” फिर मुझे मित्रता का अनुरोध कैसे भेजा मैं तो अनजान थी “

”सच बताऊँ या झूठ“ कृष्णा ने कोमल से कहा ”मुझे सच बोलने वाले पसन्द है। झूठ मुझे बिल्कुल पसन्द नहीं है “ ”इसलिए सच बताओ“ कोमल ने कृष्णा से कहा।

”कोमल जी कल मैंने आपको शापिंग मॉल में आपकी सहेलियों के साथ देखा तो ऐसा लगा कि तुम्हारा हमारा साथ जनम-जनम का है और मैं तुम्हारे बिना जी नहीं पाऊँगा, परन्तु वहां तुम एकदम से अदृश्य हो गई और मैं तुम्हारे सपनों में खोया रहा, जैसे ही मैं पलकें बंद करता तो ऐसा लगता कि तुम अपनी चूड़ियों और पायल की झंकार से मुझे जगा देती हो और मैं उठकर बैठता तो ऐसा लगता कि तुम दरवाजे पर खड़ी हो, मैं पूरी (सारी) रात लेटता उठता और दरवाजा खोलकर आपको देखकर फिर बन्द करता रहा जब सुबह हुई तो माँ के साथ मन्दिर गया, ईश्वर से मैंने तुम्हें माँगा और भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली। मैं मन्दिर की सीढ़ी से उतर रहा था कि मैंने फिर आपको आटो में देखा आपकी सहेली उतरी थी जो कि आपका नाम लेकर बाय कर रही थी पर आकर नाश्ता करके मैं कालेज गया परन्तु पार्क में बैठकर आपकी तस्वीरें बनाता रहा। तुम्हारी तस्वीर मेरे दोस्त ने देखी तो उसने मुझे फेसबुक पर आपका नाम सर्च करने को कहा घर आकर जब मैंने सर्च किया तब आपकी आई डी निकल आई और मैंने रिक्वेस्ट भेज दी। 

कृष्णा ने एस एम एस द्वारा कोमल को बताया। कोमल कृष्णा की बातें सुनकर नेट बन्द कर देती है। परन्तु उसके दिल में कृष्णा की बातें घर बना बैठी थी। कृष्णा की सूरत बार-बार कोमल के सामने आती कभी उसे छेड़ती तो कभी उसे सीने से लगा लेती। शायद कोमल को कृष्णा से प्यार हो गया था। परन्तु उसे डर था कि कही ये कोई फ्राड तो नहीं फिर भी कोमल का दिल कृष्णा से मिलने व बात करने को बेताब था क्योंकि उसका डर मिलने के बाद ही दूर हो सकता था इसलिए कोमल अपना नेट ऑन करके फेसबुक देखती है तो कृष्णा के कई मैसेज पढ़ती है, ”कोमल जी मैने जो कुछ आपको बताया वह बिल्कुल सत्य है मैं आपसे प्यार करता हूँ।“ अगर आपके दिल में मेरे लिए कोई जगह है तो कल मैं आपका कालेज के पास पी0डब्लू0डी0 डिपार्टमेन्ट के सामने पार्क में इन्तजार करूँगा“ 9897गगगगगग मेरा नम्बर है आप फोन भी कर सकती हो।“ 

कृष्णा के मैसेज पढ़कर कोमल अपने आपको खोकर कृष्णा के ही सपने देखने लगती है और कल का बेसब्री का इन्तजार करने लगती है। कोमल रात को ठीक से सो नहीं पाई क्योंकि वह कृष्णा के विषय में खुद से काफी रात तक विचार-विमर्श करती रही। परन्तु फिर भी वह सुबह जल्दी उठकर रोज की अपेक्षा अच्छे से सजकर कालेज को निकल जाती है। पार्क में पहुँचती है तो देखती है कि कृष्णा उसका वहां पहले से ही इन्तजार कर रहा है। 

”वाह कोमल तेरी तो किस्मत ही चमक गई तूने जैसे जीवन-साथी सोचा था कृष्णा ठीक वैसा ही है। यह मौका हाथ से न जाने देना “

कोमल मन ही मन सोचती है कि कृष्णा उसे देख लेता है तो वह उसके पास आकर कहता है, ” मुझे पता था कि आप जरूर आयेंगी“ क्योंकि अपने प्यार पर पूरा विश्वास है।“

”मगर मैं आपसे प्यार नहीं करती, मैं तो एक दोस्त की हैसियत से आपसे मिलने आई हूँ। “ कोमल ने जवाब दिया। ”यदि आज आपने दोस्ती की है तो कल प्यार भी करोगी यह मेरा विश्वास है। चलो दोस्त की सही मैं कृष्णा कुमार ” कृष्णा “ कृष्णा कोमल से कहकर दोस्ती का हाथ बढ़ाता है ”मैं कोमल वर्मा“ मुझसे दोस्ती करोगे कोमल हाथ मिलाकर कृष्णा कृष्णा से कहती है ”क्यों नहीं“ मैं तो आपकी दोस्ती के बगैर मोहताज हूँ “ कृष्णा ने जवाब दिया तो कोमल मुस्कुराकर बोली, ”चल झूठे“।

कृष्णा और कोमल दोनों आज बहुत खुश थे। कृष्णा और कोमल की जिन्दगी का आज सबसे बड़ा दिन था दोनों एक दूसरे के रात-दिन सपने देख रहे थे। जब कोमल ने कृष्णा को भली-भांति जान लिया तो अपने प्यार का इजहार भी कर दिया। 

”मैंने कहा था न आज दोस्ती की है तो कल प्यार भी करोगी“ कृष्णा ने कोमल को याद दिलाते हुए कहा और झपट कर गले लगा लिया। 

कालेज से छुट्टी के उपरान्त कृष्णा कोमल टैक्सी का इन्तजार कर रहे थे कि एक टैक्सी रूकती है कोमल जैसे ही टैक्सी के दरवाजे के अन्दर घुसती है एक लड़का कृष्णा को बन्दूक की बट मार के गिरा देता है। और कोमल को टैक्सी लेकर चली जाती है। कृष्णा टैक्सी के पीछे भागता है परन्तु पकड़ नहीं पाता है। कृष्णा टैक्सी का नं0 पुलिस को देकर सारी घटना की जानकारी देता है। कुछ देर बाद एक गाड़ी आती है जो कुछ धीरे होकर एक लड़की को धक्का देकर गिराती है। ”अरे ये तो कोमल है।" कोमल तुम्हारा ये हाल किसने किया। कृष्णा कोमल से पूछता है। कोमल घबराई हुई सहमी हुई थी वह कुछ न बोल पा रही थी। तभी पुलिस आ जाती है। कोमल कुछ समय बाद आरोपी को बता देती है। आरोपी पकड़ा जाता है अदालत उसे धारा के तहत सात साल की कैद की सजा सुना देती है।

अपराधी विषाल को तो सजा हो जाती है परन्तु कोमल का जीना मुश्किल हो जाता है। वह समाज के ताने सुनते -सुनते थक जाती है। जब बर्दाश्त से बाहर हो जाता है तो वह रेलवे ट्रैक (रेलवे लाईन) पर खुदकुशी करने को खड़ी हो जाती है। जब कृष्णा उसे देखता है तो वह उसे बचा लेता है और कसकर थप्पड़ मारता है। ”क्या कर रही थी तुम। तुमने सोचा तुम्हारे मरने के बाद मेरा क्या होगा। मैं भी तुम्हारे बगैर नहीं जी पाऊँगा कृष्णा ने कोमल से कहा तो कोमल ने जवाब दिया ”मैं तुम्हारे लायक नहीं रही“ मेरी इज्जत का मोती टूटकर बिखर गया है। मुझे भूल जाओ कृष्णा“

”भूल जाऊँ कैसे क्या यही सुनने के लिए प्यार किया था साथ जीने मरने की कसमें खाई थी “ कृष्णा ने कोमल को पिछली बातें याद दिलाकर कहा।

”तब की बात और थी अब मै तुम्हारे लायक नहीं रही हूँ। कोमल ने कृष्णा से कहा।

”बस कोमल बस बहुत हो गया चलो मेरे साथ“ इतना कहकर कृष्णा कोमल का हाथ पकड़कर चल देता है। भगवान शिव के मन्दिर की ओर। 

मन्दिर में जाकर कृष्णा - कोमल से कहता है ”मैं भगवान शिव को साक्षी मान कर तुम्हारी मांग में सिन्दूर भर के तुम्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूँ।“

”कोमल अब तुम मेरी पत्नी हो तुम्हारा दुख हमारा दुख होगा इसलिए उस घटना को याद करके कभी दुखी मत होना। वादा करो तुम्हारा पति तुमसे कुछ मांग रहा है।“

कृष्णा हाथ फैलाकर कोमल से कहता है तो कोमल कुछ सोचकर कृष्णा के हाथों में अपने हाथ रखकर कहती है। ”तुम धन्य हो कृष्णा, मैं तुमसे वादा करती हूँ के तुम्हें कभी उदास नहीं होने दूंगी।“ कृष्णा कोमल को लेकर अपने घर जाता है। उसे डर लगता है कि कही कोमल को मेरे माँ -बाप ने स्वीकार नहीं किया तो... क्या होगा मैं उन्हें छोड़कर नौकरी करके अपना गुजर बसर कर लूंगा। कृष्णा मन ही मन सोचता है।

घर पहुँचने पर कृष्णा की माँ दरवाजा खोलती है तो कोमल और कृष्णा उनके पैर छू लेते है। ”माँ मैं तुम्हारी बहू हूँ।“ कृष्णा माँ को बताता है। ”बहू“ कृष्णा की माँ के मुख से एकाएक निकल पड़ता है।

”हाँ माँ। मैंने भगवान शिव को साक्षी मानकर कोमल से शादी कर ली“ कृष्णा ने अपनी माँ को बताया।

”ये तुमने क्या किया कृष्णा“ माँ ने कहा कि कृष्णा के पिता आ जाते है और कहते है ,”कुछ नहीं किया है मेरे बेटे ने इसने तो अपने प्यार का फर्ज अदा किया है। मुझे गर्व है अपने बेटे पर“

”परन्तु मैं इस शादी को नहीं मानती“ कृष्णा की माँ ने कहा।

”क्यों देवकी“ कृष्णा के पिता बोले। ”मैं इसकी शादी बड़े धूम-धाम से करना चाहती हूँ। हमारा इकलौता बेटा है। कुछ खर्चा पानी भी तो होना चाहिए। ठीक दो दिन बाद कृष्णा की शादी कोमल से होगी वो भी बैण्ड बाजा, नाच गानों व सभी रस्मों के साथ “ कृष्णा की माँ सबको बताती है और वैसा ही होता है आज सभी खुश है।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy