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Nitu Mathur

Inspirational

3  

Nitu Mathur

Inspirational

प्यार और परवाह

प्यार और परवाह

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प्यार और परवाह ::


 "मॉम देखो ना कृति मुझे परेशान कर रही है, इसकी क्लास खत्म हो गई तो ये बिना हेडफोन यूज किए तेज आवाज में म्यूज़िक सुन रही है" राशी ने झल्लाते हुए अपने कमरे से ही ज़ोर से अपनी मां को बोला। "एक तो वैसे भी कमर में दर्द हो रहा है, ऊपर से ये पीरियड्स" राशी ने कराहती आवाज़ में अपनी मां को बोला , उनकी मां नीलम कमरे में आई तो उसने अपनी छोटी बेटी कृति को समझाते हुए प्यार से म्यूजिक धीमा करने को कहा और उसके गोल मटोल गालों को सहलाते हुए सर पर हाथ फेरा, उसके बाद वो अपनी बड़ी बेटी राशी की ओर बढ़ी जो बेड पर सिकुड़ी हुई सो रही थी , नीलम ने हॉट वॉटर बॉटल जो पहले से ही उसके हाथ में थी, उसे राशी के कमर पर धीरे से रखा, राशी तुरंत अपनी मां से लिपट गई। नीलम ने राशी के सर को अपनी गोद में लिया और धीरे धीरे उसे सहलाने लगी और उसकी कमर पर हाथ फेरने लगी। नीलम अपने पति सलिल जो कि एक सीनियर बैरिस्टर थे और दो बेटियों राशि और कृति 17और 14 वर्ष की थीं के साथ आस्था ग्रीन्स , नोएडा एक्सटेंशन में पिछले 6 सालों से रह रही थी। वो खुद एक परफेक्ट होम मेकर, वाइफ और मां थी।


"ये हर महीने आने वाले पीरियड्स का दर्द, क्रैंप एक नेचुरल प्रोसेस है जो हर लड़की में एक निश्चित समय से शुरू होता है, इस दौरान कई तरह के हॉर्मिनल चेंजेस होते हैं, जिससे बॉडी अलग अलग तरीके से रिएक्ट करती है, इंटरनल फीमेल ऑर्गन की क्लींजिंग और उन्हें सही से फंक्शन करने का प्रोसेस ही पीरियड्स है, जो की 25-30 दिनों की एक साइकिल से रिपीट होता है और ये हर औरत को होता है" नीलम ने सहज अंदाज में राशी को बताया। वैसे राशी भी आज की पीढ़ी की लड़की थी, एक्टिव, स्मार्ट और होनहार लड़की थी, उसने ये सब पहले ही डिटेल में पढ़ रखा था। "लेकिन इस दौरान हर औरत को अपना खास ख्याल रखना चाहिए" , नीलम ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा। साफ सफाई, खाना पीना आदि, चूंकि इस दौरान शरीर में फिजिकल के साथ साथ मेंटली भी काफी चेंजेज आते हैं तो हमें अपने विचारों को भी कंट्रोल करना चाहिए । "राशी तुम्हें एक फैक्ट बताऊं ??"

राशी ने मुस्कुराते हुए सर हिलाया.. नीलम ने कहा

 पुराने ज़माने में महिलाओं को महावारी के दौरान घर में एक अलग जगह रखा जाता था, उनका खाना पीना सोना सब एक दम अलग कर दिया जाता था , और फिर 5,6 दिन बाद जब महावारी का समय पूरा होता, तब ही वो परिवार के बाकी सदस्यों के साथ रहती थी, ये एक रूढ़ीवादी विचारधारा है और कुछ नहीं बेटा। महावारी कोई अछूत की बीमारी नहीं है जो किसी के छू ने से फैल जाएगी , अगर इसमें स्वच्छता का ध्यान रखा जाए तो ये एक सामान्य बात है"। 

"मां क्या सच में ?.. पर मां ये सब वहां होता है जहां अज्ञानता होती है , क्या उस समय वहां की सरकार, प्रशासन या एनजीओ आदि ने इससे संबंधित जानकारी के किए कोई कदम नहीं उठाए थे? क्या तब टीवी या रेडियो पर महावारी के बारे में कोई सेशंस या जानकारी नहीं होती थी ? एक बात कहूं मां ? राशी ने उत्सुकता भरी आवाज़ में कहा, "महावारी माना कि एक औरत में आती है, लेकिन इसकी पूरी जानकारी, सावधानियां और इसमें हर लड़की और औरत का विशेष ध्यान रखना ,ये जिम्मेदारी... घर के पुरुषों की भी होनी चाहिए । जिस चीज से हम हर महीने गुजरते हैं उसके बारे में जन जन को पता होना चाहिए, जिससे वो अपने घर की महिलाओं का प्यार से ख्याल रख सके। । आजकल के दौर में लड़कियां स्कूल, कॉलेज, और ऑफिस जाती हैं, वहां भी इस बारे में ज्यादा से ज्यादा सेशंस और सेमिनार्स होने चाहिए"।


"बिल्कुल सही कहा राशी " नीलम ने राशी की ओर प्यार से देखते हुए कहा, " ये कोई शर्म की या छुपाने वाली बात नहीं है , महत्वपूर्ण बात ये है कि आपको इसकी अच्छे से जानकारी हो, सेनिटेशन, हेल्थी डाइट , मेफिटेशन आदि बातों को फॉलो करें बस ...एक मां होने के नाते मैं ये तुम्हे बता रही हूं और अगर हर बेटी की मां उसे प्यार से खुल कर बिना किसी संकोच के बताए तो बेटी कोऔर क्या चाहिए"। राशी तुरंत अपनी मां से लिपट गई, "मां आप कितनी अच्छी हो , पता है अब मेरा बैकपेन भी थोड़ा कम हुआ है, थोड़ा रेस्ट करके मैं अपना असाइनमेंट पूरा करती हूं" नीलम ने उसे प्यार से गले लगाया और कहा "फाइन माय गर्ल , तुम रेस्ट करो मैं दोनों के लिए हॉट मिल्क लाती हूं"।


हर लड़की जब अपनी किशोरावस्था से धीरे धीरे आगे बढ़ती है तब उसमें कई तरह के शारीरिक और मानसिक परिवर्तन आते हैं , तब ज़रूरी है उनका ख़ास ख्याल रखना, उन्हें खूब प्यार, दुलार देना, आपके प्यार और देखभाल और समझ से वो भी खुद में आत्म विश्वास लाएंगे। महावारी के बारे में बात करना शर्म नहीं बल्कि बहुत ज़रूरी है, क्युकी ये औरत के जीवन का हिस्सा है, शर्माएं नहीं, प्यार दिखाएं। प्यार और परवाह से सब आसान हो जाता है। 


 


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