पुनर्मिलन
पुनर्मिलन
यह बात तब कि है जब चन्दन की उम्र मात्र तेरह वर्ष की थी। चन्दन उस समय कक्षा छः का छात्र था। उसी क्लास में रागिनी भी पड़ती थी। चन्दन जब पहली बार रागिनी को देखा तो देखता ही रह गया। उसकी झील सी आँखों की गहराई में मानो वह डूब सा गया। चन्दन दिन रात उसी के ख्यालों
में खोया रहता था। चन्दन को समझ नहीं आ रहा था की उसको रागिनी की मुस्कुराती आँखें क्यों हर पल उस के ख्यालों में आती रहती है।
इस किशोरावस्था में चन्दन किसी से अपने मन की बात किसी से कह भी नहीं पाता था। वह सोचता था की किसी से कहूँगा तो लोग मेरा मजाक बनायेंगे।
रागिनी को क्लास में आते देख कर चन्दन उसी प्रकार प्रफुल्लित होता था। जैसे मानो बादल के घटा छाने पर मोर प्रफुल्लित होता है। रागिनी भी कभी-कभी चन्दन को भर निगाह देखकर मुस्कुरा देती थी।
चन्दन-रागिनी का यह आँख मिचौली चार साल तक चलता रहा न चन्दन कुछ कहता न रागिनी कुछ कह पाती दोनों एक दूसरे से इजहार करने में संकोच करते रह गए। अब चन्दन अट्ठारह साल का हो गया था। चन्दन को अब सही गलत समाज एवं मान सम्मान सब कि चिन्ता सताने लगी थी। रागिनी को भी अब समझदारी आ गई थी। दोनों के अरमान मानो मन में ही दफन हो गए प्यार के कमल मानो खिलने से पहले ही मुरझा गए। कुछ वर्षों बाद दोनों के रास्ते। और मंजिल अलग- अलग हो गए रागिनी और चन्दन के। बिछड़े हुए आज तेरह वर्ष हो गया। लेकिन चन्दन आज भी रागिनी को भूल नहीं पायाा है।
अब दोनों शादी-शुदा है। दोनों एक दूसरे से बहुत दूर है। चन्दन एक दिन। फेसबुक पर देख रहा था कि अचानक रागिनी का फेसबुक एकाउंट दिखा
चन्दन ने उसे तुरन्त फ्रेन्ड रिक्वेस्ट भेजी, रागिनी कुछ समय बाद रिक्वेस्ट स्वीकार कर लिया आज चन्दन इतना खुश था कि मानो संसार कि सारी खुशी मिल गई हो। कुछ पल बाद रागिनी का फोन आता है। नया नम्बर देखकर चन्दन फोन उठता है और बोलता है हेल्लो कौन ??
रागिनी- मैं बोल रही हूँ। कह कर चुप हो जाती है।
चन्दन- आप रागिनी बोल रही हैं क्या?
रागिनी- आप हमें बिना नाम बताए कैसे पहचान लिया जी।
चन्दन- आप को तो हम कभी अपने से दूर किया ही नहीं तो फिर न पहचानने कि क्या बात है
रागिनी- हम भी कहाँ भूले है आप को
चन्दन- रागिनी आज ऐसा लग रहा है जैसे हमारा आप का पुनर्मिलन हो रहा हो
रागिनी- चन्दन हम आप को बहुत-बहुत चाहते थे। लेकिन कभी कह नहीं पाए और आज हमारे दिल और दिमाग में आप छाये रहते हो।
चन्दन -रागिनी आप के चाहत का ही असर रहा की आज। तक आप के चाहत के अलावा किसी और कि चाहत कभी नहीं हुई ।
रागिनी-आज हम यह वादा करते हैं कि यह पुनर्मिलन अब हम दोनों को कभी बिछड़ने नहीं देगी।
चन्दन-रागिनी जानती हो किसी ने सच कहा है कि किसी के प्रति सच्चे प्रेम, लगन ,और विश्वास हो तो आज नहीं कल उससे पुनर्मिलन हो ही जाती है।

