किस्मत के दरवाजे
किस्मत के दरवाजे
चन्दन का परिवार बहुत ही गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहा था। चन्दन अपने माँ-बाप को भगवान कि तरह उनके हर बात का अनुसरण करता था।चन्दन का जैैसा नाम था उसका व्यक्तित्व भी वैैैसा ही था।चन्दन कभी भी अपने गरीबी का नुमााइशनहीं करता था। वह अपने मेहनत को अपना सखा और अपनी हिम्मतको अपने जीवन का आदर्श मान कर नित्य प्रति दिन अपने माँ बाप की सेवा करने के बाद सोता था।बुुुजुर्ग माँ-बाप का चन्दन एकलौता वारीश था। और उनके जिवन का एक मात्र सहारा भी चन्दन ही था। चन्दन के माँ-बाप कि एक आखिरी इच्छा उसके शादी को लेकर थी लेकिन
चन्दन को शादी से कोई दिलचस्पी नहीं थी। परन्तु माँ-बाप के कहनेे पर आखिर कार पासकेे गाँँव मे ही चन्दन की शादी रागिनी से हो जाती है। रागिनी अत्यन्त चंचल सुन्दर और रूपवती थी। परन्तु उसे अपने पति चन्दन का अपने माँ-बाप के प्रति इतना लगाव देखकर मानोजैैसे चन्दन रागिनी का उसी प्रकार उपेक्षा कर रहा हो जैसे मानो कोई चंद्रमणि रत्न को छोड़ कर रंग और गंन्ध हिन पानी की चमकती धारा को अपना सर्वस्व समझ रहा हो। चन्दन अपने पत्नी को हमेशा आदर देता था और उसे इस बात सेे अवगत करता रहता था कि जो अपने माँ बाप की सच्चे मन से सेेेेवा करते है। ईश्वर उसके किस्मत के दरवाजे हमेशा खोल केे रखता है। लेकिन यह बात रागिनी को रास नहीं आती थी।
एक दिन रागिनी अपने पति सेेे बोली- आप कहीं जाकर काम क्यों नहीं करते हो?रागिनी के बार-बार कहने पर चन्दन गावँसे कुछ दूरी पर एक छोटी सी
बजार थी वही पर एक सोनार के यहा काम करने लगा । यहा रागिनी अपने। सास-ससुर की सेवा नहीं करती थी।इन दोनों को समय से भोजन पानी भी नहीं देती थी।चंदन महीने में एक बार घर आता था।जब उसको पगार मिलती थी।चंदन घर आते ही पहले अपने मां-बाप का हालचाल पूछता था।परंतु मां-बाप कभी अपनी बहू की शिकायत नहीं करते थे।कुछ समय इसी तरह से चलता है।
एक दिन सुनार के यहां रात में चोरी हुई ।को सारा सोना चांदी चोर उठा ले गए ।रात में चंदन दुकान पर ही सोता था।परन्तु नींद में होने के कारण वह चोरी होते हुए नहीं देख पाया।जिस से सारा इल्जाम चंदन के ऊपर आ गया । चंदन बार-बार अपनी सफाई देता लेकिन उसके बातों को कोई मानने को तैयार नहीं था।पुलिस ने चंदन को जेल में डाल दिया।लाचार मां बाप और पत्नी बार-बार चंदन केनिर्दोष होने की दुहाई दे रहे थे।लेकिन पुलिस और सुनार मानने को तैयार नहीं थे।चंदन पत्नी से कहता है कि अगर मैं मां बाप की सच्चे मन से सेवा की है तो मैं निर्दोष जरूर साबित हो जाऊंगा। तुम चिंता ना करो।
और ऐसा ही हुआ।
उसी शहर में चोरी करते हुए कुछ चोर पकड़े गए पुलिस के सख़्ती करने पर सारा चोरी का सामान बरामद हुआ और सुनार को सारे अपने सोने मिल गए।
सुनार खुश होकर के चंदन को अपने यहां का मुंशी बना दिया।रागिनी को भी अपनी गलती का पछतावा हुआ और अब वह अपने सास-ससुर की सेवा अपने पति के साथ मिलकर के कर रहे हैं । और धनधान्य से पूर्ण अपना जीवन यापन कर रहे हैं।।
एक दिन रागिनी चंदन से कहती है कि आपने सत्य कहा था कि जो अपने मां-बाप की सेवा सच्चे दिल से करते हैं उनके किस्मत के दरवाजे ईश्वर जल्द ही खोल देते है।।
