मोहित शहर आ कर जैसे माँ बाप को भूल ही गया, बिना उन्हें बुलाये शादी भी कर ली और उसके बाद भी जाना जरु... मोहित शहर आ कर जैसे माँ बाप को भूल ही गया, बिना उन्हें बुलाये शादी भी कर ली और ...
जैसे तुम्हें सही रस्ते पर लाया था, अब बारी तुम्हारी है। जैसे तुम्हें सही रस्ते पर लाया था, अब बारी तुम्हारी है।
पर एक बात है जो मेरा किताबी ज्ञान सिखाता है। "इज्ज़त दो इज्ज़त लो।" पर एक बात है जो मेरा किताबी ज्ञान सिखाता है। "इज्ज़त दो इज्ज़त लो।"
और बड़ी बेटी बेटी दामाद बड़े मनोयोग से उनका इलाज करके उसको ठीक करने में लग जाते हैं। और बड़ी बेटी बेटी दामाद बड़े मनोयोग से उनका इलाज करके उसको ठीक करने में लग जाते ...
औलाद की खातिर माँ-बाप अपना सब कुछ लुटा देते हैं और वही औलाद, माँ-बाप को एक ऐसे किनारे पर ला छोड़ती है... औलाद की खातिर माँ-बाप अपना सब कुछ लुटा देते हैं और वही औलाद, माँ-बाप को एक ऐसे क...