अच्छा थोड़ा साबुन दो हाथ धोना है, फिर कुछ खाने का मन भी करेगा। बुढ़िया के हाथ के नाखून में कितना गंद... अच्छा थोड़ा साबुन दो हाथ धोना है, फिर कुछ खाने का मन भी करेगा। बुढ़िया के हाथ के...
शहर से दूर स्थित इस जंगली क्षेत्र में सरकार और निजी कंपनियों के विस्तार से वन संपदा नष्ट हो रही थी। शहर से दूर स्थित इस जंगली क्षेत्र में सरकार और निजी कंपनियों के विस्तार से वन सं...
लेखक : सिर्गेइ नोसव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक : सिर्गेइ नोसव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
फिर सोचा सरकार भी जिसको ना रख पाई उसे तो भगवान ही रखेगा ........ फिर सोचा सरकार भी जिसको ना रख पाई उसे तो भगवान ही रखेगा ........
आँखों के कोरों ने अब तक संभाले आँसुओं को उन्मुक्त छोड़ दिया जो छुपन-छुपाई के इस खेल का दर्द ब्यान कर ... आँखों के कोरों ने अब तक संभाले आँसुओं को उन्मुक्त छोड़ दिया जो छुपन-छुपाई के इस ख...