पत्नी की लालसा
पत्नी की लालसा
राजेश की नई -नई शादी कमाई केवल 15000/- महीने की छोटा -सा मकान बूढ़े माँ-बाप, पत्नी का घर प्रवेश एकता राजेश की पत्नी चलो शुरु करते हैं।
राजेश की इतनी कमाई थी घर चला सके पर पत्नी की मागँ बाईक, एलईडी टी. वी ,जो राजेश की कमाई से हो नहीं सकता था। एकता भी गरीब घर की थी लेकिन वह ख्वाब बड़े देखती थी। माँ -बाप की दवाई मे उसका सारा खर्चा निकल जाता था। एकता की नई -नई शादी बूढ़े माँ-बाप की सेवा कतई बर्दाशत न हुई।
एकता की पैसो की भूख बढ़ती जा रही थी उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार थी। एक दिन राजेश के पड़ोस मे युवक आया था जिसका नाम दीपक था सरकारी पद पर कार्य करता था। एकता को पैसो की भूख थी और किसी न किसी तरह से पैसों की भूख मिटाना चाहती थी, एकता उसको प्रेम जाल मे फसाँ कर पैसों की भूख मिटाना चाहती थी चाहे उसके लिए अवैध सबधं ही क्यों न बनाने पड़ जाए। एक दिन एकता राजेश से चाय के प्रस्ताव रखती हैं उसका पति बोलता क्यों नहीं
पड़ोसी -पड़ोसी के काम आएगा पर दीपक ने आने से मना कर दिया ये बात एकता को बिल्कुल अच्छी न लगी।
दीपक को आकर्षित करने के लिए रोज बढ़िया कपड़े पहनती कि वह उसके जाल में फँस सके। वह बात करने की कोशिश करती, उसको घर बुलाने की कोशिश करती अब दीपक भी समझ चुका हैं कि वह जाल मे फँसाना चाहती है।
वह बिना देर किए यह बात उसके पति को बोलता और वह एकता पर काफी नराज होता। वह बोलता तुम तलाक दे दो। एकता काफी शर्मिंदगी महसूस करती और पति से माफी माँगती, पति माफ कर देता और वह अपना घर संभालने में व्यस्त हो जाती।