Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Sandeep Kumar Keshari

Thriller

3  

Sandeep Kumar Keshari

Thriller

प्रिय डायरी (मुन्नी)

प्रिय डायरी (मुन्नी)

3 mins
177


मुन्नी वह चिल्लाते हुए घर से बाहर भागा। उसका बायाँ हाथ उसके गर्दन पर था जहाँ से खून का फव्वारा निकल रहा था। मुहल्लेवालों ने देखा तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। घर के अंदर लोगों ने जाकर देखा तो मुन्नी कोने में दुबकी अपने फटे फ्रॉक को पिन से जोड़ने का प्रयास कर रही थी।

लोगों को देखते ही वह डर गई। उसकी आँखों में भय और सूनापन साफ दिख रहा था। लोगों ने उससे पूछना चाहा तो कुछ कह न सकी। उधर लोगों ने उसके पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति जिसे मुन्नी चाचा बोला करती थी, को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुँचा दिया।

पुलिस आई, छानबीन हुई फिर मुन्नी को थाने ले गई। वहाँ उससे पूछताछ हई। मुन्नी के जैसे जुबां सिल गए थे। अंततः उसे एक मनोरोगी चिकित्सक के पास ले जाया गया, उसकी कॉउंसलिंग हुई, तब उसने अपनी आपबीती सभी को सुनाई- “मेरा बाबा गरीब है और मजदूरी करता है।

मेरी माँ भी कभी-कभी उसके साथ काम करने जाती है। मेरा पड़ोसी चाचा की दुकान है जहाँ से हम खाने का सामान लेते हैं। उससे उधार भी लेते हैं। मेरी एक दीदी है, कमली। वो दसवीं में पढ़ती है। हम दोनों साथ में सरकारी स्कूल जाते हैं।

पिछले दिनों जब मैं पड़ोसी चाचा के पास उधार लेने गई तो उसने अजीब हरकतें की। मुझे कुछ समझ नहीं आया तो ये बात मैंने कमली दीदी को बताई। उन्होंने माँ बाबा को ये बात बताई तो उन्होंने अनसुना कर दिया। उन्हें हमारी बातों पर भरोसा नहीं हुआ। फिर दीदी ने मुझे समझाया। दीदी ट्यूशन गई थी और मुझे अकेले देख उस दिन वह घर पर आया और मुझे बेड पर पटक दिया। मेरे छाती को मसलने लगा और फ्रॉक फाड़ दिया।

जबरदस्ती मेरे होंठों को काटने लगा। तभी मुझे दीदी की बात याद आई। मैंने अपने फ्रॉक के पीछे से सेफ्टी पिन निकाली और उसके गर्दन के बायीं ओर उभरे हुए नस में चुभा दी। लगातार कई बार मैंने उसी जगह सुई चुभोई। वह तड़प उठा और गर्दन पर हाथ रखकर भागा। उसके गर्दन से खून का फव्वारा निकल रहा था।" सभी मुन्नी की बात सुन सकते में आ गए।

उसे बाल सुधार गृह भेजा गया। तीन दिनों बाद खबर मिली कि पड़ोसी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया! (नोट:- 1. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एन. सी. आर. बी. के अनुसार 2012 में भारत में कुल 24923 रेप के मामले आए थे जो 2016 में बढ़कर 36657 हो गया। 2016 के आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में 4882 और उसे ठीक पीछे उत्तर प्रदेश खड़ा है जहां कुल 4816 रेप हुए। 2. एन. सी. आर. बी. के अनुसार 98% केस में रेप करने वाला लड़की का जान पहचान वाला होता है।)


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