Mrs. Mangla Borkar

Classics Inspirational

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Mrs. Mangla Borkar

Classics Inspirational

परिवार के संस्कार

परिवार के संस्कार

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एक घर में पांच बहने दो भाई थे। दोनो भाई और पांचों बहनेंं पढ़ने में तेज थे। हमारे माता- पिता सातो से बहुत प्यार करते थे। हमारे पिताजी रेल्वे में कार्यरत थे। हमारे माता -पिता ने हमें बहुत अच्छे संस्कार दिये थे, मुझे इतने अच्छे माता -पिता पर बहुत अभिमान है।

छोटा भी पढ लिखकर इंजीनियर बन गया। तीन बहनो की और बडे भाई की शादी हो गई। बडा भाई भी दुसरे शहर में कार्यरत था। मैं भी अच्छे पद पर कार्यरत थी, पर दुसरे शहर में थी। 

कुछ दिन बाद छोटा भाई स्टील कंपनी में कार्यरत था। कुछ दिन में पिताजी का रिटायमेन्ट हो गया पिताजी की तबियत खराब होने लगी पिताजी के पास दोनो भाई नहीं थे, सबसे छोटी बहने माता - पिता का ध्यान रखती थी, तब सबसे छोटी बहन पितजी के इलाज के लिए हॉस्पिटल जाती थी। बहुत जगह इलाज कराये पर ठीक नहीं हुए उनका स्वर्गवास हो गया। छोटी बहन माता - पिता को बहुत प्यार करती थी, पर कहने का आशय यह है की वह छोटी रहने के बाद भी बेटे का फर्ज निभाती थी। 

उसके बाद हमें बहुत सी मुसीबते भी आई , सबने मिलकर मुसीबतो का सामना किया।

सभी बहनो और दोनो भाईयों ने मिलकर दोनो बहनो की शादी कराई। दोनो भाइयों ने इसके लिए (पिता का ) फर्ज निभाया था। छोटे भाई का कहना था की छोटे बहनो की शादी के बाद , मैं अपनी शादी करूंगा फिर शादी के समय बडा भाई एवं सभी बहनो ने बहुत खुशियां मनाई। छोटे भाई की पत्नी बहुत समझदार है उनके यहा अभी बेटा है। मेरी माताजी भी उसके साथ रहती है। दोनो माताजी की सेवा लगन से करते है

सभी अपने अपने कर्तव्य अच्छे से निभाते है और सभी भाई -बहन हँसी -ख़ुशी से रहते हैं।

अच्छे संस्कार के कारण हम सभी भाई बहन की जिंदगी में बहुत खुशियां मिली। 


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