Mrs. Mangla Borkar

Inspirational

4.0  

Mrs. Mangla Borkar

Inspirational

मेरे मार्गदर्शक

मेरे मार्गदर्शक

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मेरे माता -पिता ही मेरे मार्गदर्शक है।


परिवार: एक प्रेरक कहानी


एक घर में पांच बहने दो भाई थे। दोनों भाई और पाँचों बहने पढ़ने में तेज थे। हमारे माता- पिता सातों से बहुत प्यार करते थे। हमारे पिताजी रेलवे में कार्यरत थे। हमारे माता -पिता ने हमें बहुत अच्छे संस्कार दिये थे, मुझे इतने अच्छे माता -पिता पर बहुत अभिमान है।


छोटा भी पढ़ लिखकर इंजीनियर बन गया। तीन बहनों की और बड़े भाई की शादी हो गई। बड़ा भाई भी दूसरे शहर में कार्यरत था। मैं भी अच्छे पद पर कार्यरत थी, पर दूसरे शहर में थी। 


कुछ दिन बाद छोटा भाई स्टील कंपनी में कार्यरत था। कुछ दिन में पिताजी का रिटायरमेंट हो गया पिताजी की तबीयत खराब होने लगी पिताजी के पास दोनों भाई नहीं थे, सबसे छोटी बहने माता - पिता का ध्यान रखती थी, तब सबसे छोटी बहन पिताजी के इलाज के लिए हॉस्पिटल जाती थी। बहुत जगह इलाज कराये पर ठीक नहीं हुए उनका स्वर्गवास हो गया। छोटी बहन माता - पिता को बहुत प्यार करती थी, पर कहने का आशय यह है की वह छोटी रहने के बाद भी बेटे का फर्ज निभाती थी। 


उसके बाद हमें बहुत सी मुसीबतें भी आई, सबने मिलकर मुसीबतों का सामना किया।

 

सभी बहनों और दोनों भाइयों ने मिलकर दोनों बहनों की शादी कराई। दोनों भाइयों ने इसके लिए (पिता का ) फर्ज निभाया था। छोटे भाई का कहना था की छोटे बहनों की शादी के बाद , मैं अपनी शादी करूंगा फिर शादी के समय बड़ा भाई एवं सभी बहनों ने बहुत खुशियां मनाई। छोटे भाई की पत्नी बहुत समझदार है उनके यहाँ अभी बेटा है। मेरी माताजी भी उसके साथ रहती है दोनों माताजी की सेवा लगन से करते है


सभी अपने अपने कर्तव्य अच्छे से निभाते है और सभी भाई -बहन हँसी -ख़ुशी से रहते है।

माता -पिता द्वारा अच्छे संस्कार एवं मार्गदर्शन के कारण हम सभी भाई बहन की जिंदगी में बहुत खुशियां मिली। 

 

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