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डॉ दिलीप बच्चानी

Tragedy

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डॉ दिलीप बच्चानी

Tragedy

फरेब

फरेब

1 min
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पुनीत ऑफिस के काम में व्यस्त था तभी राजेंद्र अंदर आया कुछ फाइलों पर डिस्कशन करने के बाद अपने चेम्बर में चला गया। राजेंद्र उसका कलीग ही नही मित्र भी था। पुनीत फिर लैपटॉप पर मसरूफ होता ,तभी मोबाईल की बीप बीप की आवाज से चौका शायद राजेंद्र जल्दबाजी में मोबाईल भूल गया था। 

पुनीत ने देखा व्हाट्सएप्प पर कोई मैसेज था उत्सुकतावश खोलकर देखा। अरे ये क्या ये तो उसकी पत्नी प्रिया का मैसेज था। 


"क्या बात हैं नाराज हो क्या"


क्या मतलब हो सकता है इस मैसेज का ?

हाथो की उंगलियों में जलन होने लगी सिगरेट जल कर खत्म हो चुकी थी ! पर असली जलन तो दिल में हो रही थी। घर पहुचते ही प्रिया चहकते हुए बोली आ गए आप आज आपकी फेवरेट मटर पनीर की सब्जी बनाई हैं हाथ मुँह धोके आ जाइये मै खाना लगती हूँ। 

पर पुनीत को सब कुछ व्यर्थ सा लगने लगा ये वेल्फर्निशड फ्लेट, आलिशान नॉकरी, कार सब बेकार।मटर पनीर भी बेस्वाद हो चुके थे !


           


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