कर्म और वचन दोनो से राष्ट्रवादी।
अपने गुजरे स्वर्णिम समय की बातों में समय गुजरता गया। अपने गुजरे स्वर्णिम समय की बातों में समय गुजरता गया।
अब वो अखबार इकट्ठा करके मोड़ कर कोने में दबा दिया गया था। अब वो अखबार इकट्ठा करके मोड़ कर कोने में दबा दिया गया था।
सारिका की आँखों में एक चमक थी। आत्म शांति का हवन पूर्ण हो चुका था। सारिका की आँखों में एक चमक थी। आत्म शांति का हवन पूर्ण हो चुका था।
"रफ्तार का जमाना है, सब काम फटाफट तेजी से निपटाया जाता है "रफ्तार का जमाना है, सब काम फटाफट तेजी से निपटाया जाता है
लिफाफा गिर गया दवा की शीशी चकनाचूर हो गई। लिफाफा गिर गया दवा की शीशी चकनाचूर हो गई।
आज मैं भी उन्हीं की तरह ढूंढ़ रहा हूँ एकांकीपन में जीवन की रफ्तार। आज मैं भी उन्हीं की तरह ढूंढ़ रहा हूँ एकांकीपन में जीवन की रफ्तार।
वत्सल को बाबूजी की आँखों में अपनी बहन वीणा का दर्द साफ नजर आ रहा था। वत्सल को बाबूजी की आँखों में अपनी बहन वीणा का दर्द साफ नजर आ रहा था।
लोकल महिला पुलिस स्टेशन पहुँच चुकी थी। लोकल महिला पुलिस स्टेशन पहुँच चुकी थी।
हाथो की उंगलियों में जलन होने लगी सिगरेट जल कर खत्म हो चुकी थी हाथो की उंगलियों में जलन होने लगी सिगरेट जल कर खत्म हो चुकी थी
बदलते विश्व परिदृश्य में हमे इस पर गहन विचार की आवश्यकता है। बदलते विश्व परिदृश्य में हमे इस पर गहन विचार की आवश्यकता है।