डॉ दिलीप बच्चानी

Inspirational

4.2  

डॉ दिलीप बच्चानी

Inspirational

सुसंगतता (लघुकथा)

सुसंगतता (लघुकथा)

1 min
104


हँसी ठहाको के साथ भोजन का आनंद लेता हुआ पूरा वर्मा परिवार डायनिंग टेबल पर बैठा था। 

तभी वत्सल ने अपने पिता की ओर मुखातिब होकर कहा! बाबूजी प्रीती की पढ़ाई भी अब बस खत्म होने वाली है और निहारिका की ताईजी ने प्रीति के लिए एक रिश्ता सुझाया है। 

हाँ ! बाबूजी लड़का बहुत अच्छा और वेल सैटल्ड है

निहारिका ने पानी का जग रखते हुए कहा। 

आप कहे तो जन्मपत्री मंगवा ले मिलाने के लिए। 

देखो बेटा निहारिका की ताईजी ने रिश्ता बताया है तो अच्छा ही होगा। 

परन्तु ?

परन्तु क्या बाबूजी कहिये न आप जो फैसला लेंगे हम वैसा ही करेंगे। 

शिवचरण वर्मा गंभीर मुद्रा में बोले। मैं चाहता हूँ कि शादी से पहले लड़का और लड़की का कम्पेटिबिल्टी टेस्ट यानी जेनेटिक काउंसलिंग और कम्पलीट ब्लड प्रोफ़ाइल टेस्ट करवाया जाए। 

वत्सल को बाबूजी की आँखों में अपनी बहन वीणा का दर्द साफ नजर आ रहा था। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational