Pradeep Soni प्रदीप सोनी

Comedy Drama Thriller

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Pradeep Soni प्रदीप सोनी

Comedy Drama Thriller

फ्लाइंग

फ्लाइंग

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“तेरी बंजारन रास्ता देखे … कब आयगा मेरे बंजारे….. कब आयगा मेरे बंजारे” ये गाना बज ही रहा था की अचानक रोडवेज में खड़े ब्रेक लगे और आगे के दरवाजे से 2 और पीछे के दरवाजें से 2 ताऊ चढ़े.

“हां भाई सारे टिकेट बोलियों” ताऊ ने कहा।

ये सुनते ही दिमाग में एक ही डायलॉग उठा “भाई फसगे भरे बाजार” अब हम 4 – 5 दोस्त बिना टिकेट और हमारी तो शक्लो पर लिखा था की फ्री में बस तोड़ रहे है. हमने उतारते टाइम प्लानिंग कर ली “सारे कह देना जी कॉलेज में पढनें वाले बालक है पिछले स्टैंड से चढ़े थे और अगले पे उतरना है आगे से टिकेट लेकर चलेंगे इस बार माफ़ कर दो”

“आ जाओ भाई सारे नीचे” ताऊ ने कहा

अब हम में से अधिकतर पहले से फ्लाइंग फेसिंग का तजुर्बा था मगर आज भाई बब्लू जो हमेशा टिकेट लेता था हमारे भड़काने से बिना टिकेट था. और कुदरती ताऊ ने सवाल जवाब भी बब्ब्लू से चालू कर दिए.

ताऊ: हां रे छोरे टिकेट क्यों ना लेता ?

बब्लू: जी अंकल जी गलती हो गयी !

ताऊ: ना बस पाणी से चलती है ?

बब्लू: नहीं अंकल जी तेल से चलती है !

ताऊ ने ऐसे ही एक दो सवाल निकालकर बबलू की छाती पर मारे की इतने में बब्लू का रोना निकल गया…..अंकल जी अंकल जी माफ़ कर दो मैं रोंज टिकेट लेता हूँ आज इनके कहने से ही नहीं ली ये बुरे लोग है मुझे माफ़ कर दो अब हमेशा से टिकेट लूँगा.

“रामफल सारे बालका की टिकेट काट दे”…. फ्लाइंग हेड ने कंडक्टर को कहा  

आज भी जब उस हाईवे के उस स्पॉट से निकलता हूँ तो दिमाग में आवाज़ आती है “ये बुरे लोग है” और एकदम से मुस्कान चेहरे पर दौड़ जाती है।


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