फिर बस ,,,,, नो टेंशन !

फिर बस ,,,,, नो टेंशन !

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“क्या बात है सुधा, इतनी परेशान क्यो हो?”


“क्या बताऊं दी, कुछ समझ में नहीं आता। इन्होंने तो फोन करके कह दिया सात लोग दोपहर के खाने पर आ रहे है। दो बजे तक आ जाएंगे और बारह बज चुके है, सब्जी के नाम पर केवल आलू-प्याज और टमाटर, बस! हम दोनों के लायक ही सब्जी थी, मैंने बना ली। बाजार भी कितना दूर है लाने का भी वक़्त नहीं है, आप ही बताओ - क्या करूं?”


“सब्जी तो मेरे पास भी नहीं है। आलू-प्याज लगेंगे तो मिल जाएं, अब छोले वगैरह भी नहीं बन सकते! बेसन है?”


“हां , वो तो पूरा एक किलो पड़ा है !”


“फिर बस, नो टेंशन! प्याज की बेसन वाली सब्जी, बहुत टेस्टी बनती है। खाने वाले उंगलियां चाटते रह जाएंगे! भरवां आलू बड़े है तो दो टुकड़े कर लेना, एक दही वाले आलू, बेसन के गट्टे की सब्जी और दाल, रायता, कुछ पकौड़े बना लो, पापड़ तल लो। ला मैं तेरी हेल्प करती हूं, मेरे पास एक घंटा है !”


“अरे वाह दी! आपने तो इतने सारे आइटम बता दिए, थैंक्स दी!”


जिन्दगी में कई बार ऐसी छोटी-मोटी परेशानियां आती रहती है जो अक्सर चिंता का विषय बनती है लेकिन विवेक और संयम से सोच-विचार कर चिंतामुक्त हुआ जा सकता है!


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