Praveen Shiv

Comedy Drama Romance

4.7  

Praveen Shiv

Comedy Drama Romance

ऑफिस वाली लड़की

ऑफिस वाली लड़की

25 mins
323


डरी सहमी सी आई थी, एक लड़की लड़खड़ाते,

बाल खुले हुए, कपड़े ढीले ढाले, नैन उसके मुस्काते,

कभी देखे इस ओर, कभी देखे उस ओर अपनी कुर्सी की तरफ जाते,

कोमलांगी, मृगनयनी, देवि का जैसे अवतार हो, देख ले जो भी उसे पल भर में उससे प्यार हो, 

बैठ रही थी वह शर्माते शर्माते।।

पिछले पांच दिनों से चर्चा चल रही थी ऑफिस में नई भर्ती हुई है लेकिन वह मेल है या फीमेल यह किसी को नहीं पता था।

आज उसका जॉइनिंग का दिन था दिन बुधवार का हमारे बॉस गणेश जी के उपासक हैं इसलिए कोई भी जॉइनिंग होती है वह बुधवार को ही तो जॉइन करता है या करती है।

9:30 हो चुके थे ऑफिस में पूरा स्टाफ आ चुका था जिसकी नई जॉइनिंग थी उसका आना अभी बाकी था। वह अभी नहीं आए। सब जानना चाहते थे आखिर आज नया चेहरा कौन होगा ?

करीब 9:40 पर बॉस के साथ एक बहुत ही खूबसूरत लड़की चली आ रही थी। वह इतनी मनमोहक थी कोई भी उसे देख ले तो उसे प्यार हो जाए। 

घुंघराले बाल एकदम खुले हुए हैं, बहुत ही अच्छे घराने से लगती थी बहुत अच्छे कपड़े पहन रखे थे।बड़ी बड़ी आंखें खूबसूरत इतनी प्यारी की उन में कोई भी डूब जाने का सपना पालने लग जाए।

सब आपस में कानाफूसी करने लगे बॉस आज किसे लेकर आए हैं ? बॉस की बीवी है या बोस की रिश्तेदार ? कोई नहीं जानता था। 

वह बॉस के साथ चेंबर में भी चली गई तब सब को संतुष्टि हुई की यह नई जॉइनिंग तो नहीं है अगर वह नहीं जॉइनिंग होती तो भाई साहब .......ऑफिस में काम तो बिल्कुल भी नहीं हो पाता सब उसको ही खुश करने में लगे रहते।

कोई कह रहा था शायद नई जॉइनिंग यही हो सकती है क्योंकि इंटरव्यू ऑफिस से बाहर कहीं हुए थे और बॉस और अच आर के अलावा वहां पर कोई नहीं था। अच आर छुट्टी पर थी इसलिए अच आर के अलावा और कोई बता भी नहीं सकता था।

हमारे ऑफिस कि एक लड़की ने कहा हो सकता है बॉस अपने किसी रिश्तेदार को ऑफिस दिखाने लाए हो। लेकिन आज नई जॉइनिंग थी जिसकी शायद वह ज्वाईन नहीं कर रहा या कर रही क्योंकि अब तो 10:00 बजने में कुछ ही मिनट रह गए हैं और अब यदि वह आया या आई तो बॉस तो उसको पहले दिन ही फायर कर देंगे। 

क्योंकि बॉस को देरी से आने वाला व्यक्ति तो बिल्कुल भी पसंद नहीं है। वह एक बार काम समय पर ना हो बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन सुबह अगर कोई ऑफिस में समय पर नहीं आए तो वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है।

सब लोग बॉस के चेंबर में झांकने की कोशिश कर रहे थे किंतु सही से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।वह लड़की सामने बैठी हुई थी और बॉस अपनी चेयर पर बैठकर उससे बात कर रहे थे। बॉस बहुत हंस-हंसकर उससे बात कर रहे थे ऐसे लग रहा था जैसे बहुत करीबी रिश्ता हो उन दोनों का।

किसी के कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरे दिल में कुछ ज्यादा ही क्यूरोसिटी थी। मैं ऑफिस में बॉस के पास एक फाइल लेकर गया। मुझे भी नहीं पता था उस फाइल में करवाना क्या है ? 

मुझे तो सिर्फ इतना पता था मैं उन दोनों के बारे में जानना चाहता था आखिर इन दोनों का रिश्ता क्या है ? और यह खूबसूरत देवी स्वरूप लड़की कौन है ?

मे आई कम इन सर ?

हां ..विशाल आओ

सर गुड मॉर्निंग .....

सर आपको बताना था कि आज अच आर तो है नहीं, तो जो नई जॉइनिंग होनी है उनका भी अभी तक कोई अता पता नहीं है।  

बताओ सर..... आज पहले दिन ही लेट है ऐसे लोगों को कैसे हम अपने ऑफिस में जगह दे सकते हैं ?

इससे तो ऑफिस के बाकी सब लोगों पर गलत असर पड़ेगा। 

अगर आप कहें तो मैं उनको फोन करके बोल देता हूँ कि आज के लिए तो वह बहुत लेट हो गए हैं अब अगले बुधवार को ही उनकी जॉइनिंग हो पाएगी अगर समय पर आते हैं तो।

सर आप, मुझे उनका नंबर दे दीजिए मैं अभी कॉल कर देता हूँ।

ओ भाई साहब.... मेरी बात सुनते ही मेरा बॉस इतनी जोर से हंसने लगा जैसे लंकाधिपति रावण की आत्मा उन में समा गई हो और उधर से उस कोमलांगी की हंसी भी फूट पड़ी। उसकी हंसी भी मुझे अब किसी राक्षसी जैसी लग रही थी।

मैं समझ नहीं पा रहा था आखिर हुआ क्या ? मैंने ऐसा कौन सा चुटकुला इन दोनों को सुना दिया है ?

मैं दोनों की तरफ देखे जा रहा था कुछ भी समझ नहीं पा रहा था। उनकी हंसी देखकर अब मुझे थोड़ी सी कंफ्यूजन हो रही थी और साथ ही साथ डर भी लग रहा था कि मैंने कुछ नया स्यापा ना कर दिया हो जिसकी वजह से इतनी खूबसूरत लड़की के सामने मुझे डांट पड़े या मुझे शर्मिंदा होना पड़े।

बॉस ने अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए कहा विशाल एक काम करो आज की जो नई जॉइनिंग है उसको बोलो कि हम आपको जॉब पर नहीं रख सकते। आप पहले दिन ही लेट आ रहे हो जिम्मेदारी तो आपकी कहीं पर भी नजर नहीं आ रही है।

वास्तव में हमें ऐसे स्टाफ की जरूरत नहीं है जो बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है। बताओ पहला दिन और पहले दिन ही अब तक नदारद नहीं नहीं यह नहीं चलेगा। इससे ऑफिस में गलत परंपरा को बढ़ावा मिल सकता है।

तुम एक काम करो मेरे पास तो नंबर नहीं है एचआर को कॉल करो और उससे उनका नंबर लो और उनको फोन कर दो।

इतने में वह देवी स्वरूप कोमलांगी, ह्रदय घातक, मृगनयनी बोल पड़ी... सर मैं तो एक बात और कहती हूंँ, आप उनको फोन करके बोलना कि इसके बाद उन्हें और कहीं इंटरव्यू देने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब वह और कहीं जाने के लायक नहीं रहेगी या नहीं रहेगा।

भाई साहब मेरे दिमाग में कीड़ा तो बहुत चल रहा था किंतु समझ नहीं आ रहा था क्या करूं कैसे इस, देवी स्वरूप कोमलांगी, ह्रदय घातक, मृगनयनी‌ के बारे में पूछूं कि आखिर यह है कौन जिसने पूरे ऑफिस की बेचैनी बढ़ा रखी है।

बॉस ने कहा ठीक है विशाल तुम जाकर उनका नंबर निकालो उनकी प्रोफाइल निकालो। मैं थोड़ी देर में मैडम के साथ बाहर आता हूंँ और वहीं से उनको फोन करके आज पहले दिन ही फायर करने का फोन कर देते हैं।

मैं बाहर की तरफ चल पड़ा लेकिन मैं चाह कर भी ऑफिस से बाहर नहीं आना चाहता था। मेरी निगाहें। देवी स्वरूप, कोमलांगी, ह्रदय घातक, मृगनयनी पर टिकी हुई थी ऐसे लग रहा था जैसे बस उसे ही देखे जाऊं जो होना है हो जाए।

लेकिन क्या करें बॉस का आदेश था। मेरा वहां पर रुकने का कोई काम भी नहीं था इसलिए बाहर तो आना ही था।

बाहर आकर मैंने अंदर का पूरा किस्सा सबको सुनाया सब लोग फिर नया कयास लगाने लग गए।किसी के कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। मैं जल्दी-जल्दी मेरी अच आर को फोन मिलाने लगा उनका फोन लगातार बिजी आ रहा था।

अब बिना उनकी परमिशन के मैं उनकी टेबल को कैसे छु सकता हूंँ ? इसलिए मैं इंतजार करता रहा था कब उनका फोन फ्री हो और कब में उनसे बातचीत करके उनकी परमिशन लुं फाइल निकालने के लिए और मुझे पता तो चले आखिर वह प्रोफाइल है कहां पर ?

मैं लगातार फोन मिलाता रहा मगर उनका फोन लगातार व्यस्त आ रहा था, आखिरकार बैल बजना शुरू हो गई और उन्होंने फोन रिसीव किया।

फोन रिसीव करते ही पहले तो गुड मॉर्निंग वगैरह सब फॉर्मेलिटी पूरी करी और उसके बाद कहा मैडम आज नई जॉइनिंग होनी थी उनका अभी तक कोई अता पता नहीं है।

बॉस ने कहा है कि मैं आपसे नंबर लूं उनका, या तो आप मुझे सीधा उनका नंबर दे दीजिए या फिर आप मुझे बता दीजिए उनकी प्रोफाइल कहां पर रखी हुई है ?

बॉस ने मुझे उनको कॉल करने के लिए कहा है बॉस आज पहले दिन ही बिना जॉइनिंग के उनक फायर करने वाले हैं।

हद तो तब हो गई जब मेरी एचआर भी बुरी तरह से हंसने लगी

अरे भाई आज हो क्या रहा है, मेरी जुबान कुछ ऐसा बोल रही है क्या जो मुझे भी पता नहीं और सामने वाले को इतनी भयानक हंसी आ जाती है कि मुझे ऐसे लगता है कि यह जरूर कोई राक्षस खानदान से है

तुम एक बार मुस्कुराते हुए देख लो तो सुकुन आये

कोमा में पड़े हुवे को आक्सीजन मिल जाये।।

हद हो गई यार. ? ? ? ? मतलब हद की भी हद हो गई

एच आर मेरा फोन डिस्कनेक्ट कैसे कर सकती है

मैंने दोबारा फोन लगाया किंतु इस बार फोन स्विच ऑफ आ रहा था। तब मेरे दिमाग में आया हो सकता है एचआर की बैटरी खत्म हो गई होगी।

(अरे... आप लोग भी पता नहीं क्या क्या सोचते हो एचआर के फोन की बैटरी कुछ भी सोचते हो यार आप...

अब तो भाई साहब ना तो बात हो सकती ना ही मुझे यह पता लग सकता उस न्यू जॉइनिंग का राज क्या है ? कहीं से उसकी प्रोफाइल भी नहीं मिल सकता नंबर भी नहीं बॉस बाहर आने वाला है।

मुझे मेरी सपनों की परी के सामने डांट लगाएगा और कहेगा तुम एक काम सही से नहीं कर सकते हो ‌विशाल तुम।

पता नहीं वह कौन सा मनहूस दिन था जिस दिन मैंने, तुम्हें अप्वॉइंट किया था.... दो चार और प्यार भरे शब्द जो हमेशा कहता है.... हाय मेरा बॉस ....कितना प्यार करता है मुझे , आई लव यू बॉस...

मैं यह सब सोच ही रहा था की ऑफिस प्यून ने बॉस का चेंबर खोला और बॉस उस मेरी सपनों की परी के साथ उसी तरह मुस्कुराता हुआ बाहर आ रहा था

मेरे पास आकर बॉस ने कहां विशाल नंबर मिल गया ?

नहीं सर वह मेरी बात हो ही रही थी कि शायद एच आर मैडम का फोन स्विच ऑफ हो गया, मैं यह सब आपको बताने आने ही वाला था इससे पहले आप बाहर आ गए।

चलो कोई बात नहीं जो भी है आप सब लोग एक बार इधर आ जाइए मुझे आज पूरे ऑफिस को किसी से मिलवाना है।

तब तक वहां पर चाय नाश्ता लगना शुरू हो गया था।

(ओ..... भाई अब बात समझ में आ गई... अरे मेरे तो सपने टूट गए.... यह बॉस की बीवी है और आज इनकी शादी की सालगिरह है।

धत्त तेरी के यार दिल तोड़ दिया सुंदरी तुने तो, कहां इस लंगूर से तूने शादी कर ली ....अरे मैं था तेरे लिए राइट चॉइस ......अब क्या करें .....तेरा नसीब तो उजड़ गया .....यह जितना ऑफिस में खड़ूस है उतना ही तेरे साथ घर में होता होगा..... तेरा तो रोमांस ही खत्म हो गया लाइफ का अफसोस) मेरा दिमाग़.

सब लोग चाय नाश्ता लेने लग गए बॉस ने अभी-अभी टूटे मेरे सपनों की परी को आगे करते हुए.. ?. ?

कृपया सभी लोग ध्यान दें आप लोगों ने आज तक इस ऑफिस में बहुत मेहनत से काम किया है और सब लोगों ने एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा रिश्ता बनाकर रखा।

एक दूसरे का मान सम्मान कुल मिलाकर इस ऑफिस का एनवायरमेंट ऐसा है कि यहां पर मेल और फीमेल साथ मिलकर काम कर सकते हैं। आप लोगों ने इस एनवायरमेंट को हमेशा हेल्थी रखा उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।👍🏻

(अरे चलना इतनी फॉर्मेलिटी कर रहा है सीधा बोल देना यह तेरी बीवी है और आज तुम्हारी शादी की सालगिरह है। दिल तो तूने मेरा वैसे ही तोड़ दिया है तो इतनी ज्यादा लंबी लंबी भारी भारी लाईन क्यों बोल रहा है सीधा बोल दे ना.... मन ही मन सोच कर मुझे गुस्सा आ रहा था लेकिन क्या करूं बोल नहीं सकता था)

आज हमारे स्टाफ में एक नई जॉइनिंग होनी थी उसके लिए आप सब लोग इधर उधर देख रहे थे विशाल तो मेरे चेंबर तक पहुंच गया था जबकि उसको वहां पर कोई काम नहीं था।

मैं सब कुछ सीसीटीवी से आप लोगों को देख रहा था आप लोगों की क्यूरोसिटी को खत्म करते हुए इनसे मिलिए यह है हमारी नई जॉइनिंग जो आज हमारे इस परिवार का हिस्सा बनने जा रही हैं वैशाली भारद्वाज, एज सेल्स कोऑर्डिनेटर आज इस ऑफिस को ज्वाइन कर रही है।

अरे बाप रे ओमाता रानी मै नंगे पैर चलकर तुम्हारे दर्शन के लिए आऊंगा आज मुझे बॉस बहुत प्यारा लग रहा थ अचानक से भगवान इस को लंबी उम्र देना कितना अच्छा इंसान है मेरे दिमाग में फिर नया लड्डू फूटा

सब लोग ताली बजा रहे थे पर मैं तो ताली बजाने के साथ साथ उछल भी रहा था बस बात अलग है कि किसी को दिखाई नहीं दे रहा था पर मन से तो मैं उछल उछल कर बस बता नहीं सकता क्या गा रहा था

मेरा बॉस कितना अच्छा इंसान है यार ....मैं ऐसे ही बेचारे को गाली देता रहता हूंँ...... क्या हो गया कभी कभार थोड़ा डांट लेता है ....तो आज उसने मेरे अकेलेपन के लिए .....मेरे भविष्य के लिए मेरी भावी अर्धांगिनी को लाकर इस ऑफिस का तो पता नहीं भला किया या नहीं किया परंतु आज उसने मेरा भला कर दिया।

भाई मैंने तो तय कर लिया मैं इसी से शादी करूंगा चाहे कुछ हो जाए

बॉस अपने चेंबर में चला गया। बॉस ने सबके साथ वैशाली का इंट्रोडक्शन करा दिया था। मुझे तो उसके साथ जोड़ी होने की फीलिंग बार-बार में ऐसे दिखाई दे रही थी बस क्या बताऊं आपको, मैं

वैशाली संग विशाल।

मुझसे ज्यादा मत पूछो यार मुझे शर्म आ जाएगी

वैशाली अपनी सीट की ओर चली गई 2 सीट छोड़कर मेरी सीट थी। मेरा तो दिल कर रहा था मैं मेरी दूसरी फ्रेंड के साथ उसकी सीट चेंज कर लूं और मैं वैशाली के पास बैठ जाऊं किंतु यह पॉसिबल नहीं था सब अपने काम में लग गए।

बस में काम नहीं कर पा रहा था मेरा तो पैन भी सिर्फ वैशाली नाम लिख रहा था, मेरी आंखें सिर्फ वैशाली को देख रही थी मेरा दिल सिर्फ वैशाली के लिए धड़क रहा था

दोपहर हुई सब लोग लंच के लिए गैदरिंग एरिया में उठ कर चले गए किंतु वैशाली वहीं पर बैठी हुई थी और काम कर रही थी। उसको बैठा हुआ देखकर मैं भी वहीं बैठा रहा मैं वहां से उठा नहीं।

बात करूं तो किस तरह से करूं....

लंच के लिए सिर्फ 30 मिनट का टाइम रहता है सब वापस ना आ जाए इसलिए कुछ तो करना होगा दब्बि आवाज में मैंने पूछा आप लंच नहीं लेकर आए ?

नहीं सर आज पहला दिन था इसलिए पता नहीं था कैसा क्या एनवायरमेंट होगा ? लंच कर भी पाऊंगी या नहीं कर पाऊंगी नए माहौल के अंदर इसलिए यह सोच कर मैं लंच नहीं लाई।

अरे यह क्या बात हुई चलो मेरे साथ आज आप मेरे साथ लंच शेयर करो पता नहीं आपको पसंद आएगा या नहीं आएगा। अब कुंवारा आदमी क्या बनाएगा आप ही बताओ लेकिन यह है की पेट भर जाएगा। प्लीज आओ ना आप चलते हैं ...

नहीं नहीं सर, मैं तो आपको जानती भी नहीं...

अभी तो बॉस ने सब से मिलवाया ही था। मेरा नाम विशाल है आपका नाम वैशाली है। हम दोनों इस ऑफिस में काम करते हैं मैं अकाउंट का काम देखता हूं और आप मार्केटिंग टीम का कोऑर्डिनेशन देखोगे। हो गई जानकारी चलो अब खाना खाते हैं भूखे तो नहीं रहना, आप नहीं खाओगे तो मैं भी नहीं खा रहा हूं ? ?

डरते डरते बोल तो दिया बोल तो ऐसे रहा था जैसे मेरी बीवी बन गई हो थप्पड़ मार दिया तो सारा रायता यहीं फैल जाएगा, लेकिन भगवान का शुक्र है वह उठी और कहा ...

चलो ठीक है फिर मैं आज आपके साथ लंच शेयर कर लेती हूं लेकिन कल आप लंच नहीं लाओगे कल आपको मेरा लंच खाना होगा हिसाब बराबर।

भाई साहब यह शब्द सुनते ही तो मेरा तो पेट भर गया। मेरी तो आत्मा तक एकदम से तृप्त हो गई।मुझे, मेरे बॉस पर पता नहीं बार-बार में क्यों प्यार आ रहा है नाना नाना नाना नाना नाना नाना गलत मत सोचो वैसे शौक नहीं है मेरे....

मैंने अपना टिफिन उठाया और वह मेरे पीछे पीछे शर्माते हुए चल पड़ी जब तक हम लोग पहुंचे सारे ऑफिस वाले ऑलमोस्ट खाना खा चुके थे इसलिए अब हमें आराम से अकेले में खाना खाने को मिलने वाला था।

अरे बाप रे.... मेरे तो अब याद आया ....मैं तो आज सिर्फ सैंडविच बना कर लाया हूं... वाह बेटे आज तो तेरा पोपट होता जा रहा है ...सैंडविच खिलाएगा लंच में शर्म कर तूने तो कुंवारों की।

मैंने डरते डरते हैं लंच बॉक्स खोला उसमें चार सैंडविच थे। एक कुंवारा आदमी जैसा सैंडविच बना सकता था वैसा ही था वह कुछ जला हुआ कुछ कच्चा, मैं था यार नादान बच्चा।

वैशाली ने एक सैंडविच उठाया और खाने लगी

मैंने सोचा अकेला सैंडविच कैसे खाया जाएगा इसलिए मैं जल्दी से दो चाय ले आया

वैशाली में एक सैंडविच खाया और चाय पीने लगी मैंने पूछा क्या हुआ सैंडविच अच्छा नहीं लगा ?

अच्छा है लेकिन मैं बेकरी के आइटम बहुत कम खाती हूं आप खा लिजिए, सैंडविच बहुत अच्छा है।

उसने दूसरा सैंडविच मेरी तरफ अपने हाथ से दिया मैंने वह सैंडविच मेरे टिफिन में रख लिया और दो सैंडविच खा कर उस सैंडविच को मैंने वापस पैक कर दिया।

हम लोग ऐसे ही बातें करते रहे 10 मिनट बाद खड़े होकर ऑफिस में आ गए और अपनी अपनी सीट पर बैठ गए वैशाली अपने काम में लग गई उससे बात होने के बाद मेरे मन को बहुत सुकून मिला।

इसलिए मैंने भी मेरे काम को करना शुरू किया बीच-बीच में मैं उसे देखता रहा और मेरा नसीब इतना अच्छा था कि मैं उसी वक्त उसको देख रहा था जब हमारी नजरें एक दूसरे से टकरा जा रही थी।

लग रहा था जैसे हमारा सच में कुछ होने वाला है उसको देखते देखते कब शाम के 6:30 बज गए पता ही नहीं चला। सारे लोग जाने लगे वैशाली अपना सामान पैक करने लगी उसको निकलता देख कर मैं भी अपना सामान लगाने लगा।

वैशाली, मेरे पास आकर बोली आपकी छुट्टी नहीं हुई क्या सब लोग निकल रहे हैं मैंने कहा कि हां बस मैं भी निकल रहा हूं।

वह जाने लगी इतने में मैंने उससे पूछा कि आप किधर जाओगे और क्या आपके पास कोई गाड़िया टू व्हीलर है ?

उसने कहा नहीं सुबह तो मैं पैदल आ रही थी तो सर ने मुझे लिफ्ट दे दि क्योंकि हमारे उस एरिया में जल्दी से कोई भी साधन मिलता नहीं है वैसे मैं पुराने बाजार की तरफ जाऊंगी।

अरे वाह फिर तो साथ चलते हैं मेरा घर तो पुराने बाजार के पास ही है। इस बहाने आपसे थोड़ी बातचीत भी हो जाएगी। पैदल पैदल ही चलते हैं मैं भी ऐसे ही आता हूं।

हम दोनों निकलने की पूरी तैयारी कर चुके थे उसी वक्त बॉस ने मुझे बुला लिया कुछ बात करने के लिए। मैं उसको बोल कर गया था सिर्फ 2 मिनट वेट करना अगर नहीं आ पाया तो निकल जाना।

किंतु भगवान का शुक्र है कि बॉस ने मुझे फाइल दी थी सिर्फ चेक करने के लिए जो मैंने मेरे बैग में रख ली और मैं कुछ सेकंड में भी बाहर आ गया आज फिर बॉस ने मेरा दिल जीत लिया।

हम दोनों बात करते करते चले जा रहे थे मैंने उसके बारे में सब कुछ पूछ लिया उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया। उसका नंबर भी ले लिया बात करते-करते कब मेरा घर आ गया पता ही नहीं चला ।

मैंने उसे घर पर आने का ऑफर किया और मेरे संग चाय पीने के लिए कहा किंतु उसने कहा कि आज पहला दिन है इसलिए मैं भी समय से अपने घर पहुंचना चाहती हूं फिर कभी यह कहकर वह निकल गई।

शाम को 8:00 बजे के आसपास मैंने उसे मैसेज किया बात करने की हिम्मत नहीं थी। क्या आपने खाना खा लिया ?

उसका कोई रिप्लाई नहीं आया 10:00 बज चुके थे मैं अपनी वह फाइल चेक करने लग गया। जो सैंडविच उसने मुझे वापस किया था उस सैंडविच को मैंने तय किया कि मैं कभी नहीं खाऊंगा और मैंने उसे कुछ केमिकल्स लगाकर प्लास्टिक जीपर में डाल कर अच्छे से पैक कर दिया और सामने लगी घड़ी के पास उसको भी टंगा दिया।

11:30 हो चुकी थी मेरी फाइल कंप्लीट हो चुकी थी मैं सुबह जल्दी उठने के लिए अलार्म लगाने लगा तब भी मैंने मोबाइल में मैसेज देखा कि वैशाली का मैसेज आया हुआ था .....जी सर मैंने तो खाना खा लिया आपने खाया या नहीं ....

उसका रिप्लाई 10:40 पर आया हुआ था अब तक बहुत लेट हो चुकी थी पता नहीं मैंने देखा कैसे नहीं अब कुछ भी रिप्लाई देना तो ठीक नहीं होगा यह सोचकर मैं सो गया।

 सुबह मैंने अपना ब्रेकफास्ट बनाया ऑफिस के लिए तैयार हुआ। लंच आज वैशाली लाने वाली थी इसलिए आज मुझे लंच नहीं लेकर जाना था। मैं घर से निकल लिया मैं सोच रहा था वैशाली को कॉल करूं फिर लगा कि नहीं यार पता नहीं अभी क्या सोचे ?

बस यही सोचकर फोन नहीं मिलाया मैं घर से निकल लिया पैदल पैदल कुछ ही दूर चला था मुझे वैशाली नजर आ गई वह आगे जा चुकी थी। मैं जल्दी जल्दी चल कर उस तक पहुंचा और उसको गुड मॉर्निंग विश किया!

उसने बहुत ही प्यारी मुस्कान के साथ मुझे गुड मॉर्निंग कहा

आज उसने प्लेन साड़ी पहनी हुई थी बिल्कुल भी उसने मेकअप नहीं कर रखा था कोई लड़की इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है ? यह सोचते सोचते मैं उसको चलते-चलते भी देखे जा रहा था वह बहुत प्यारी लग रही थी

हम लोग ऑफिस पहुंच गए अपनी अपनी सीट पर बैठ कर काम करने लग गए बीच दौरान में हम दोनों में आपस में बात भी हो रही थी। हमने 2 से 3 मिनट बीच में टी ब्रेक पर बात की उसको जब भी मौका मिलता वह मुझसे बात करने आ जाती थी और मुझे जब भी मौका मिलता मैं उससे बात करने पहुंच जाता था।

यही माहौल हमारा चलने लगा लंच मैंने उस दिन उसके साथ ही किया वह बहुत अच्छा खाना बना कर लाई थी जैसे माता अन्नपूर्णा उसको विशेष रूप से आशीर्वाद देकर गई हो वह खाना इतना टेस्टी था

कुछ ही दिनों में हम दोनों के चर्चे ऑफिस में होने लगे सबसे मजे की वाली बात यह है कि हम दोनों को इस बारे में कुछ भी नहीं पता। हम दोनों में अभी तक कोई भी ऐसी बात नहीं थी जिसके लिए ऑफिस वालों को बात करने का मौका मिले लेकिन उन लोगों को लगता था कि यह दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं।

एक दिन मुझे ऑफिस के ऐक व्यक्ति ने बताया कि तुम दोनों के बारे में इस इस तरह से ऑफिस में चर्चा चल रही है।

मैंने उसको समझाया ऐसा कुछ नहीं है हम दोनों के बीच। बड़ी अजीब सी कहानी थी।हम दोनों के बारे में चर्चा हो रही थी हम दोनों को ही नहीं पता है कि हम दोनों में ऐसा कुछ है या नहीं।

मैंने वैशाली को कुछ नहीं बताया लेकिन मैं ऑफिस के अंदर वैशाली से थोड़ी सी दूरी बनाने लगा।

वैशाली यह सब नोटिस कर रही थी तीन-चार दिन बीत गए तब उसने मुझे घर जाते हुए पूछा कि अचानक ऐसा क्या हो गया है कि आप ऑफिस में मेरे से कतराने लगे हो ?

मैंने पूरी बात वैशाली को समझाई या यूं कहूं कि शुक्रगुजार हूं उन बातों का जिन बातों की वजह से अब मुझे वैशाली के सामने अपनी बातें रखने का मौका मिल गया था।

मैंने ऑफिस की सारी बात बताते बताते वैशाली को अपने दिल की बात भी बता दी इस तरह से मैं पहले दिन जब वह ऑफिस में आई थी उस दिन ही उसको अपना दिल दे बैठा था। मैं, मेरे बारे में पहले ही वैशाली को सब कुछ बता चुका था अब वैशाली को फैसला लेना था।

मेरा घर आ चुका था वह पूरी तरह से चुप थी उसने कुछ नहीं बोला और वह आगे निकल गई मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी। मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था आखिर वैशाली का जवाब क्या होगा ?

मुझे लगा मुझे वैशाली को फोन कर लेना चाहिए या फिर उसको एक मैसेज छोड़ देता हूं फिर लगा नहीं यार बात करूंगा तो आमने सामने ही करूंगा जो होगा देखा जाएगा।

रात को उसका मैसेज आया आपने खाना खा लिया क्या ? उसका मैसेज पढ़कर मुझे उसका जवाब शायद मिल चुका था। मैं मन ही मन बहुत खुश था मैंने तुरंत उसको रिप्लाई किया हां मैंने खाना खा लिया आपने खाया क्या ?

सुबह तक उसका कोई रिप्लाई नहीं आया मैं पूरी रात मोबाइल हाथ में लिए बैठा रहा

अगली सुबह मैं ऑफिस के लिए तैयार होकर निकलने से पहले वैशाली से बात करना चाहता था इसलिए मैंने फोन मिलाया और वैशाली को बताया कि मैं ऑफिस के लिए निकल रहा हूं आप अभी आ रहे हो या बाद में आओगे ?

वैशाली ने कहा मैं 3 से 4 मिनट के अंदर आपके घर के पास पहुंच रही है अगर आप निकलना चाहते हैं तो निकल जाइए नहीं तो मैं आ रही हूं।

वैशाली की बात सुनकर वहां पर इंतजार करने लग गया। पूरे पूरे 3 मिनट हुए थे वैशाली बहुत तेज चलते चलते वंहा पहुंच गई आज उसने जींस की और टीशर्ट डाली हुई थी इसमें भी वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।

मैंने प्यार से उसे गुड मॉर्निंग कहा और उसने भी उतने ही प्यार से मुझे गुड मॉर्निंग का रिप्लाई दिया उसने अपने बैग में से एक सिल्वर फॉयल का रोल निकाला और कहा ...

यह लो चलते चलते आप इसको खाओ मैं बड़ा सरप्राइज हुआ और मैंने जल्दी से उसे खोला देखा तो उसके अंदर बहुत सारे मक्खन के साथ आलू का पराठा था। उसमें इतनी प्यारी खुशबू आ रही थी जी कर रहा था एक बार में ही इशको पूरा खा लो।वैशाली साथ नहीं होती तो सच में ऐसा ही करता लेकिन अभी इंसान बनकर खाना था इसलिए मैं छोटी छोटी बाइट चलते-चलते खाने लग गया।

मैंने वैशाली से उसका जवाब जानना चाहा वैशाली ने मुझे धीरे से कहा कि आज शाम को आप मेरे साथ मेरे घर चल रहे हो।

भाई साहब मैं बता नहीं सकता उस समय मेरा हार्ट अटैक आने को हो गया था पूरे शरीर में पसीना जैसे लीकेज हो गया हो ऐसे बहने लगा। चेहरा मेरा एकदम लाल आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा और मैं लड़खड़ाते हुए चलने लगा।

वैशाली मेरी तरफ देखने लगी मैंने उसे कहा कुछ नहीं तुम चलते रहो वह समझ गई थी इसलिए उसको हंसी आने लग गई।

ऑफिस खत्म करने के बाद शाम को हम दोनों उसके घर पहुंचे। उसके घर पर उसके पापा मम्मी और उसका छोटा भाई था।

वैशाली ने मुझे सब से मिलाया मेरे बारे में सब को बताया। वैशाली के पापा बैंक में मैनेजर थे जो अब रिटायर हो चुके थे वैशाली के मम्मी अभी भी गवर्नमेंट टीचर है।

वैशाली जितनी ही खूबसूरत वैशाली के मम्मी थी उनकी उम्र का पता ही नहीं चल रहा था कि वह इस वक्त इतनी उम्र की होंगी। उन्होंने बताया कि हमारे यहां शादी बहुत देर से होती हैं और इसीलिए बच्चे भी बहुत देरी से हो पाते हैं हमारी रिटायरमेंट के बाद भी उम्र गुजर जाती है तब तक हमारे बच्चे शादी के लायक भी नहीं हो पाते।

कुछ पल तो इधर-उधर की बातें होती रही वैशाली ने मेरी तरफ इशारा किया शादी की बात चलाने का किंतु मेरी हिम्मत बिल्कुल भी नहीं हो रही थी कि मैं अपनी ही शादी की बात अपने मुंह से करूं लेकिन और कोई था ही नहीं जो मेरी बात करेगा।

माता-पिता तो जब मैं 3 साल का था उसी समय सड़क एक्सीडेंट में मारे गए थे। बाकी कोई रिश्तेदार था या नहीं था मुझे नहीं पता क्योंकि मुझे एक अनाथालय में छोड़ दिया गया था। सुनने में आया था कि हमारा बहुत बड़ा घर है जिस पर मेरे चाचा जी ने कब्जा कर रखा है किंतु मैं कभी इन सब में पढ़ा नहीं।

5 से 10 मिनट और बीत गए मेरी धड़कन बढ़ने लगी मेरा चेहरा फिर से लाल होने लगा मुझे फिर से पसीना छूटने लगा तभी वैशाली के पापा ने कहा क्या हुआ बेटा गर्मी लग रही है उन्होंने वैशाली से कहा कि टेबल फैन लाकर विशाल के पास लगा दो।

मैंने वैशाली को इशारा किया कि वह इस वक्त मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाए नहीं तो मैं यहीं पर हार्ट अटैक आ कर मर जाऊंगा। वह वहीं खड़ी रही मैंने अपनी बात बोलनी शुरू की..

अंकल दरअसल बात यह है कि मैं और वैशाली एक ही ऑफिस में काम करते हैं ...…वैशाली ने अभी आपको बता ही दिया है। मेरा इस दुनिया में कोई भी नहीं है आपके जस्ट पास में ही मेरा घर है।

मैं अकेला ही रहता हूं, घर ज्यादा बड़ा नहीं है सिर्फ दो कमरों है।‌ मैं और वैशाली यदि आपका आशीर्वाद मिले तो शादी करना चाहते हैं। मैं भी आप ही की जाति से हूं गोत्र वगैरह मुझे कुछ पता नहीं है क्योंकि बहुत छोटा था उसी टाइम पर ही सब कुछ खत्म हो गया था।

मैं बोलते बोलते चुप हो गया वैशाली के पापा वैशाली और वैशाली के मम्मी को लेकर अंदर चले गए। वैशाली का भाई वहीं बैठा बैठा मुझे देख रहा था और हंस रहा था मेरी हालत बहुत बुरी हो रही थी।

भाई साहब घर पर बुलाकर कहीं अब यह मुझे मारेंगे तो नहीं ......ना...ना ....मारेंगे नहीं घबरा मत बैठे रहो.. दिमाग में चल रहा था l

कुछ समय बाद तीनों बाहर आए वैशाली के पापा ने कहा कि बेटा तुम हाथ मुंह धो कर आराम से बैठ जाओ खाना खा कर जाना तब तक हमारे कुछ रिश्तेदार यहां पहुंच रहे हैं l

अरे बाप रे और कर ले शादी समझाया था पर नहीं माना उन्होंने तो रिश्तेदारों को भी बुला लिया सारे मिलकर मारेंगे ...…

वैशाली का चेहरा बहुत उतरा हुआ सर दिखाई दे रहा था वैशाली की मम्मी भी बहुत परेशान सी दिखाई दे रही थी वैशाली के पापा भी बहुत ऐसे गुस्से का मूह बनाकर बैठे हुए थे।

सच कहूं तो मेरी बहुत बुरी तरह से फटी पड़ी थी वह तो कह रहे थे खाना खा ले मुझे लग रहा था जो मुझे अब खाना है उसके बाद तो हॉस्पिटल वाले ही मुझे दवाई खिलाएंगे।

कुछ ही देर में उनके रिश्तेदार धीरे-धीरे आने शुरू हो गए सब लोग अंदर के कमरे में जाए जा रहे थे मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था तब तक मेरे सामने खाना लगा दिया गया था।

खाने की खुशबू देखकर मैंने सोचा खाना तो जम के खा ले क्योंकि उसके बाद पिटाई अच्छे से खाई जाएगी

मैंने जी भर कर खाना खाया और बैठ गया खाना खाने के 10 मिनट बाद वैशाली के पापा खड़े हुए और उन्होंने मुझे कहा कि आओ बेटा अंदर चलते हैं और उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख लिया।

आज तो गया विशाल आज तू गया यह सोचते सोचते में वैशाली के पापा के साथ अंदर चला गया।

जैसे ही हम लोग अंदर पहुंचे सब लोगों ने ताली बजानी शुरू कर दी मेरे कुछ समझ नहीं आया ऐसे लग रहा था जैसे कोई परंपरा निभा रहे हो।

वैशाली के पापा ने मुझे वहां पर बैठने को कहा वह लोग करीब 25 से 30 थे। मैंने सोचा यह सब अगर एक एक थप्पड़ भी मारेंगे तो मैं बचने वाला तो नहीं हूंँ।

अब तो मैं भाग भी नहीं सकता पता नहीं किस-किस को याद करने लग गया। अपने मरे हुए मां बाप को भी याद करने लग गया। बचा लो बचा लो बचा लो मुझे कोई तो बचा लो

वैशाली कि मम्मी रसोई से एक थाली लेकर आ रही थी उस थाली में कुछ सामान रखा हुआ नजर आ रहा था। मैं समझ नहीं पा रहा था यार अभी तो खाना खाया था अब यह नया क्या है ?

वैशाली के मम्मी एकदम मेरे पास आ गई उन्होंने मुझे तिलक लगाया हल्दी लगाई और मेरे मुंह में मिठाई खिलाई और हंसने लगी उसके बाद सब धीरे-धीरे यही करने लग गए। वैशाली भी हंसने लगी। तब मैरी जान में जान आई।

अब हुआ क्या वह बताता हूं आपको ...वैशाली को भी मैं पहले दिन ही पसंद आ गया था बस वह कंफर्म करना चाहती थी कि मैं ...

किस जाति का हूं

किस धर्म का हूं

कैसा इंसान हूं

जब उसने सारा सब कुछ कंफर्म कर लिया जब वह एकदम श्यौर हो गई तो उसने अपनी मम्मी पापा को सारी बात बता दी थी। वह रोज ऑफिस से जाकर जो कुछ भी बताने लायक बात होती थी वह उनको बता देती थी उनको वह रिश्ता पहले से ही मंजूर था वैशाली ने पता नहीं कब मेरा घर भी वैशाली के मम्मी पापा को दिखा दिया था।

तो भाई साहब कुल मिलाकर बात यह है कि हमारा रिश्ता हो गया पक्का ...अब वह मृगनयनी, कोमलांगी हकीकत में मेरी बीवी होने वाली थी।

तय किया गया कि पंडित जी को बुलाकर आसपास की भी कोई तारीख निकलवा लेंगे और बहुत सिंपल तरीके से शादी कर देंगे ताकि मेरे भी जेब पर कोई ज्यादा दबाव ना पड़े।

रात को मैं वहीं रुका सुबह हम लोग साथ-साथ ऑफिस गए। आज हम लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था। ऑफिस मैं हर कोई यह देख कर देखता रह गया हम लोगों ने अनाउंसमेंट कर दिया कि बहुत जल्द हमारी शादी होने वाली है।

कुछ दिनों बाद हमारी शादी हो गई।

आज शादी को 12 साल हो चुके हैं।

2010 में शादी हुई थी सब कुछ बहुत अच्छा जिंदगी में चल रहा है ‌।

बच्चे हो चुके हैं बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं बस अब और क्या कहानी यहीं खत्म हो रही है अब आप लोग भी अपना अपना काम करो अगली कहानी में मिलेंगे।


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