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C chand

Abstract

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C chand

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ऑन लाईन क्लास

ऑन लाईन क्लास

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कोरोना की वजह से सब स्कूल कॉलेज बन्द हो चुके। न जाने कब खतम हो ये सब । बच्चें भी बोर हो गयें हैं।

घर पर होने की वजह से ,हम माता पिता बच्चों को हमेशा बोलतें रहतें पढ़ाई करो, पढ़ाई करो। बच्चे भी बेचारे घर में बोर हो गएँ हैं।

अर्णव और इशिता का भी यही हाल है। इशिता तो बड़ी है तो अच्छे से बैठ जाती है ऑनलाइन क्लास के लिए। । पर अर्णव नहीं बैठता ठीक से उसका ध्यान बस कनेक्ट होने तक ही रहता है उसके बाद उसका ध्यान हट जाता है 6 साल का बच्चा कितनी देर बैठेगा।

मैंने देखा की जब टीचर्स पढ़ाते हैं तो कुछ बच्चों का ध्यान ही नहीं रहता। कुछ बच्चे का ध्यान रहता है। और टीचर्स सबको म्यूट कर के बस लेक्चर में busy रहते। बच्चे बीच बीच में कितने सवाल करतें लेकिन उनका ध्यान अपने लेक्चर को कम्पलीट करने में रहता है।

फिर बाद में पूछते की" आपको समझ में आया न बच्चों"

बच्चे पूर

े दिन लैपटॉप और मोबाइल पर बैठे रहते हैं। जहाँ हमलोग कोशिश करते थे की मोबाइल से कैसे दूर किया जाए बच्चों को ,अब हम खुद उन्हें ये सब दे रहें हैं।

इसकी वजह से बच्चों में सर दर्द की शिकायत बन रही है। चीड़ चिड़े हो जातें हैं। दिन भर मोबाइल चार्ज और लैपटॉप चार्ज में ही उनका ध्यान रहता है। अब तो ऐसा हो गया है की खाना भी खाते हैं तो मोबाइल और लैपटॉप के साथ ही।

मुझे नही लगता की बच्चों को इसमें फायदा है। स्कूल वालों का रूल है की अटेंडेंस जरूरी है। बच्चे बस इसी डर से क्लास करने बैठते हैं। बाकी अपने दोस्तों को देखने के लिए।

एक एक घन्टे के लेक्चर में सबका मुँह देखने में जाता है बच्चों का।

मुझे लगता है की छोटे बच्चों के लिए यह ठीक नही है, इसकी वजह से उनकी सेहत को भी असर हो रहा है। लगातार बैठ कर उठने के बाद वह चीड़ चिड़े हो जा रहें हैं और सर भी हमेशा भारी रहता है।


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