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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Drama

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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Drama

नुमाईश

नुमाईश

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”गुप्ता जी आपके यहाँ नया सोफ़ा सेट आया है, दो घंटे के लिए चाहिए था।”


“सुनील भाई, ऐसी क्या जरूरत पड़ गई।”


“यार, आज चन्दा बिटिया को लड़केवाले देखने आनेवाले है।”


“ओके, बिटिया की शादी की बात है तो ले जाना भाई।”


“आज तो पूरा घर सज-धज कर तैयार है माँ, क्या बात है?”


“चन्दा बेटी, जा तू भी अच्छे से सज सँवर ले, ऐसे तो बस लड़कों जैसे घूमती रहती है।”


“क्यों माँ?”


“बेटी तेरे रिश्ते की बात चल रही है और तुझे लड़केवाले देखने आने वाले हैं। बड़े पैसेवाले हैं वे लोग। हमें वैसी तैयारी करनी पड़ेगी न।”


“माँ, क्या ये सब ठीक है...?”


“आपने पड़ोसियों के यहाँ से सभी नयी चीज़ें घर में लाकर सजा दी।

और अब मैं भी... नहीं माँ, मैं कोई नुमाईश की चीज नहीं।”


“पड़ोसियों के सभी सामान वापस कीजिये और जो हमारे पास है उसी से स्वागत करेंगे उनका। मैं तो बस ऐसे ही साधारण तरीके से ही मिलूँगी उनसे। क्या मेरी पढाई-लिखाई और मेरे संस्कार कुछ मायने नहीं रखते।”


माँ को ऐसे जवाब का बिल्कुल भी भान न था।

अवाक रह गई पर एक अनुभव जीवन भर के लिए मिला कि हम जो हैं वही दिखें। हम कोई प्रदर्शन या नुमाईश की वस्तू तो नहीं है!


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