STORYMIRROR

Vimla Jain

Inspirational

3  

Vimla Jain

Inspirational

निस्वार्थ सेवा भावी डॉक्टर

निस्वार्थ सेवा भावी डॉक्टर

3 mins
153

यह कहानी है एक ऐसे डॉक्टर की जिसने सूरत में जब प्लेग फैला,तब अपने साथियों के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ मिलकर अपनी टीम बनाकर जिस तरह लड़ाई लड़ी है। किस तरह उसके परिवार जन का जीव मुट्ठी में था कि, कहीं मेरे पति को कुछ हो ना जाए। और साथ के कर्मचारियों को प्लेग जैसी भयंकर बीमारी लग ना जाए। पूरे सूरत में प्लेग के कारण अफरा तफरी मच गई थी । लोग अपनी जान मुट्ठी में लेकर जो हाथ में आया सामान थोड़ा पैसा रातों-रात शहर छोड़ कर भाग रहे थे । उस डॉक्टर के यहां पर भी पूरी मिनी बस भर के सूरत से लोग आए थे पनाह लेने। कि इस पर इस इस परिस्थिति में हम जाएं तो जाएं कहां । नजदीकी रिश्तेदार हैं ,तो आएंगे तो सही। ना तो मना करते बनता था, ना रखते बनता था। गांव के लोग आए बोले ,आप इनको नहीं रखेंगे। तो भी उनसे लड़ झगड़ समझा-बुझाकर उनको सबको रखना पडऔर परिस्थितियों को देखते हुए बच्चे और मिसेस कुछ बोल भी ना पाए ।और डॉक्टर योगेंद्र तो अपनी टीम को लेकर रातों-रात सूरत के लिए निकल लिए ।

सूरत के पास में बारडोली गांव में और सूरत में घर घर जाकर के उन लोगों ने अपनी जान पर खेलकर हर जगह से प्लेग के पेशेंट को निकालकर ,पूरी सावधानी के साथ पूरी सतर्कता और सेवा के साथ पूरी शिद्दत से, उन लोगों का ट्रीटमेंट करा। और उनको ठीक करा । प्लेग से एक को भी मरने नहीं दिया ।

जब वहां केसेस निल हो गए। तब वे लोग अपनी टीम के साथ वापस अपने अपने घर अपने हॉस्पिटल पहुंचे। वहां उनका पूरा जांच करी गई। थोड़ा प्रॉब्लम था। घरवालों का मन बहुत ही घबरा रहा था। अब क्या होगा। मगर लोगों की दुआएं काम करती हैं। ट्रीटमेंट से सब अच्छे हो गए। और पूरे 7 दिन बाद क्वॉरेंटाइन रखने के बाद उन लोगों को घर में एंट्री दी गई। जब घर वालों को शांति मिली। बच्चे भी पीछे पीछे कि हम को पापा से नहीं मिलने दिया जा रहा।

हमारे पापा क्यों चले गए, क्या समय था वह भी। जब एक तरफ यह लग रहा था यह डॉ क्यों है। दूसरी तरफ यह लग रहा था, कि यह कितना अच्छा काम कर रहे हैं । अपनी जान की परवाह करे बिना लोगों की जान बचा रहे हैं। सच में मेडिकल प्रोफेशन बहुत सेवाभावी डॉक्टर्स के लिए अपना हमारा सिर इज्जत से झुका देता है।

मेडिकल प्रोफेशन काफी नोबल प्रोफेशन है। यह तो एक जगह की कहानी मैंने आपको बताई है। और ऐसी ही कहानी कोलेरा की भी है ।

और भूकंप की भी है। जहां जहां पर भी एपिडेमिक फैलता या कोई बड़ी तकलीफ हो जाती सब जगह जहां तक पहुंच पाते वहां सब जगह डॉक्टर योगेंद्र और उनकी टीम ने इसी तरह का अपनी पूरी सेवाभावी टीम के साथ पूरे जज्बे से पूरे शिद्दत से सब की सेवा करते हुए बहुत काम किया है। और यह मैं नहीं पूरा गांव बोलता है ।और हर लाभार्थी बोलता है। इंटीरियर गांव आथा डूंगरी और उसके आसपास के गांव में से एंबुलेंस ले जाकर घर घर से पेशेंट उठाकर हॉस्पिटल में लाएं और उनको हॉस्पिटल की सुविधा नहीं थी तो घर की सुविधाएं देकर उनका इलाज करके उनको सही करके वापस भेजा सब जगह निस्वार्थ सेवा 10000 आंखों के कैटरेक्ट ऑपरेशन करवाएं लोगों के। अनगिनत कैंप लगवाएं सब फ्री टीबी के कैंपों में तो मैं भी ज्वाइन हुई थी आज कैंप में गई 8 गांव में और बहुत सारे पेशेंट का इलाज करा!

यह एकदम सच्ची है क्योंकि डॉक्टर योगेंद्र मेरे पति हैं और उन्होंने जिंदगी भर इसी तरह हर एपिडेमिक में पेशेंट की सेवा करी है। और कर रहे हैं। और लोगों की दुआएं उनके साथ हैं। निस्वार्थ सेवा के विषय पर अगर मैं उनके बारे में ना बताऊं तो मेरा लिखना अधूरा रह जाएगा ऐसा मुझे लगा इसलिए मैंने आपके साथ सब शेयर करा है!



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational