Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

kavi manoj kumar yadav

Tragedy

4.5  

kavi manoj kumar yadav

Tragedy

नीम का पेड़

नीम का पेड़

2 mins
222



रमेश वन विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था। वह हमेशा दूसरों को पेड़ पौधे लगाने की नसीहत देता था और साथ ही बच्चों को पेड़ पौधों से होने वाले फायदे बताया करता था। विभाग के साथ साथ कई सामाजिक संस्थाओं ने भी उसे इस कार्य के लिए सम्मानित किया था। एक दिन रमेश अपने घर में पुराने एवं विशाल नीम के पेड़ की छांव में लेटा सोच रहा था कि बच्चों की फीस जमा करनी है, बूढ़ी मां की दवा लानी है और भी न जाने कितने काम उसकी दिमाग में घूम रहे थे। तभी उसका ध्यान पुराने नीम के पेड़ पर गया। अचानक उसके मस्तिष्क में एक विचार कौंधा कि यह वृक्ष इतने वर्षों से यहां खड़ा है कभी भी गिर सकता है। घर में तमाम खर्चे भी हैं और तनख्वाह पिछले दो महीने से नहीं आई है। यदि इस पेड़ को कटवा दूं तो अच्छे खासे दाम मिल सकते हैं और इस प्रकार सभी समस्याएं भी स्वत: हल हो जाएंगी। तभी उसके अंदर से आवाज आई कि जिस वृक्ष ने इतने साल तेरी सेवा की आज जब उसे तेरी सेवा की जरूरत है तू उसे कैसे काट सकता है। रमेश इसी उधेड़बुन में काफी देर पड़ा रहा और फिर सोचा कि वह पेड़ को नहीं काटेगा।

 तभी उसकी बूढ़ी मां ने आवाज दी और पूछा कि रमेश क्या मेरी दवाइयां लाया है। रमेश ने बुझे मन से कहा मां कल ले आऊंगा। अगले दिन रमेश मां की दवाइयां भी ले आया और बच्चों की फीस भी जमा कर दी। मां और बीवी दोनों बहुत खुश हुईं। काफी देर से बिजली नहीं आ रही थी। गर्मी के कारण जैसे सबके प्राण सूख रहे थे। मां ने कहा बेटा रमेश जरा मेरी चारपाई बाहर नीम के पेड़ के नीचे डाल दे तो कम से कम कुछ हवा तो मिलेगी ही। यह सुनकर रमेश की आंखें भर आईं।रमेश ने मां की चारपाई बाहर बिछा दी लेकिन नीम का पेड़ अब वहां नहीं था।स्वार्थ एक बार फिर नैतिक मूल्यों पर विजय पा चुका था।



Rate this content
Log in

More hindi story from kavi manoj kumar yadav

Similar hindi story from Tragedy