नई शुरुआत , नए आप
नई शुरुआत , नए आप
जीवन में जब कोई व्यक्ति किसी चीज की शुरुआत करता है तो वह स्वयं अपने आप में कुछ नया महसूस करता है। जैसे कि यदि कोई न पढ़ने वाला बच्चा अगर रोज पढ़ने लगे तो स्वयं में एक नई छवि देखने लगता है। तथा उम्मीद करने लगता है कि वह ज्ञानी व्यक्तियों की श्रेणी में अपना नाम जुड़वा सकता है। जैसे कोई व्यक्ति रोज कसरत करता है तो वह अपने आप को पहलवानो की श्रेणी मे रखने लगता है। ऐसी ही एक कहानी है प्रिया की । प्रिया दिन में खेतों का काम करती है और रात को पढ़ाई भी करती है। प्रिया ने दसवीं की कक्षा सामान्य अंकों से उत्तीर्ण की है। ग्यारहवी कक्षा में उसे यह चयन करना है कि वह आगे किस संकाय से पढ़ेगी । प्रिया की क्लास की सब लडकियों ने कला संकाय में प्रवेश लिया है। परन्तु प्रिया विज्ञान संकाय से पढ़ना चाहती है और वह विज्ञान संकाय मे प्रवेश ले लेती है। और 11वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक पहुंचने में वह अब सोचने लगी है कि वह डॉक्टर बनेगी चाहे उसके लिए उसे कितना ही कठोर परिश्रम क्यों न करना पड़े। प्रिया इस संकल्प से पढ़ाई करती है और जिले में सबसे अधिक अंक प्राप्त करती है। प्रिया के माता पिता उसकी मेहनत को देखकर उससे खेतों का काम कम कराते है और पढ़ाई से संबंधित उसकी हर जरूरत को पूरा करने का प्रयास करते है। प्रिया दो साल की कड़ी मेहनत करने के बाद नीट का पेपर देती है तथा प्रथम प्रयास में ही सफलता प्राप्त करती है। और स्वयं ही यह महसूस करती है कि यदि वह उस समय नई शुरुआत नहीं करती तो वह अपने आप में यह नयापन भी नहीं देख पाती और मन ही मन ईश्वर का धन्यवाद करती है और ईश्वर से यह प्रार्थना करती है कि अपनी कृपया दृष्टि हम पर बनाए रखना
