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RIYA PARASHAR

Children Stories Comedy Tragedy

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RIYA PARASHAR

Children Stories Comedy Tragedy

पालतू पशु

पालतू पशु

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हमारे जीवन में हमारे साथ रहने वाले प्रत्येक जीव का अपना विशेष स्थान होता है। फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर पशु -पक्षी | हमारे घर में भी बहुत से पालतु जानवरों का आना जाना लगा रहता था। हम भाई - बहनों के जन्म से पहले ही हमारे घर में गाय भैंस रहती थी। उनसे घर के सभी लोगों को अपना -अपना लगाव रहता था। हमारे घर में बंदर रोज आ जाते है। तथा कुत्ते और बिल्ली भी हमारे घर में पालतू जानवर है। जीवन में अनेक ऐसी घटनाएं होती है जो हमें हमेशा याद रहती है जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता । ऐसी ही एक घटना है जैकी की (जिसका नाम हमने जैकलीन रखा हुआ था ) । परन्तु घर और आस - पड़ोस के लोग उसे जैकी कहते थे। जैकी एक कुतिया थी और वह हमारे घर में रहती थी। उसे मम्मी के दूर के रिश्तेदार छोड़ कर गए थे । क्योंकि वे उसकी शैतानियों से बहुत परेशान थे। उनका घर कच्चा था और जैकी रोज उनके घर में कई खड्डे कर देती थी। इस बात से परेशान होकर वे जैकी को हमारे घर छोड़ गए थे। जिस दिन जैकी हमारे घर आई थी उस दिन - रात उसका घर में मन नहीं लगा था। शायद उसे अपने पुराने घर की याद आ रही थी। कुछ समय बीतने के साथ उसका हमारे साथ और हमारा उसके साथ मन लगने लगा था। जैकी जब हमारे घर आई थी तो वह छोटी थी शायद चार महीने की। जैकी को हमारे घर में अपनी प्रजाति का तो नहीं पर अन्य प्रजातियों के दोस्त मिल गये थे। वह भैंस और कटिया के पास लगातार ऐसे खड़ी रहती थी वह जैसे कि उनसे बातचीत कर रही हो। फिर एक डेढ़ महीने के बाद उसने गली के कुत्तों से दोस्ती कर ली । जैकी को बच्चे बहुत पसंद थे। वह उनके साथ काफी देर खेला करती थी। जैकी की एक खासियत और थी कि वह घर के बाहर के लोगों को घर में नहीं आने देती थी। ज्योति तो उसे सदिर्यों में रजाई में सुलाती थी। बहुत बार तो ऐसा होता था कि वह उसके मुंह को चाट जाती थी। जैकी ज्यादातर ज्योति के साथ रहती थी। ज्योति जब भी कुछ खाती तो जैकी को जरूर खिलाती । ज्योति की इन हरकतों से उसमें घर के बड़ों की डाँट भी लगती थी। और सबको उस पर हँसी भी आती थी । एक बार ज्योति मम्मी को बताती है कि मैंने एक सपना देखा था कि जैकी को पिल्ले हुए है और आप उसके लिए हलवा बना रही हो। ज्योति की बात पर सब हंसने लगे तथा ज्योति स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी।

उसके थोड़ी देर बाद वह देखती है कि छोटे छोटे पिल्ले बंद आंखों से कमरे में घूम रहे है ज्योति उनसे डरकर भाग जाती है और कहती है कि कमरे में इतने बड़े बड़े चूहे कहां से आ गए? उसके थोड़ी देर बाद पता चलता है कि ये तो पिल्ले है। और यह घटना 1 जनवरी यानि कि नववर्ष की है। और मम्मी ने सच में जैकी के लिए हलवा बनाया । ज्योति तो केवल इस बात से खुश है कि उसका सपना सच हो गया और घर में बहुत सारे पिल्ले हो गए। और वह खुश होकर स्कूल चली जाती है। उसके पाँच पिल्ले हुए जोकि जैकी की तरह ही सुनहरी रंग और काली आँखों वाले थे। हमारे घर में 10 जनवरी को एक और बच्चा हुआ । यह हमारी भैंस को हुआ था। इसका नाम विष्णु रखा गया क्योंकि यह बृहस्पतिवार को हुआ था। कुछ समय बीत जाने के बाद जैकी और ऐश्वर्या ( विष्णु की मां) काफी देर तक साथ बैठी रहती थी तथा इनके बच्चे भी साथ साथ रहते थे। वे विष्णु के ऊपर सो भी जाते थे। और जब तक वे उठते नहीं थे तब तक विष्णु हिलता तक नहीं था। ऐसा लगता था कि वह उनका ख्याल रखता था। परन्तु कुछ दिनों में जैसे ही वे पिल्ले बाहर जाने लगे तो कुत्ते उनको मार देते थे। उन्होंने संघर्ष काफी किया था परन्तु वे नहीं बच पाए।


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