नौकरी - मेरी ड्रीमगर्ल
नौकरी - मेरी ड्रीमगर्ल


"खाली बैठा है तो चल ये कपड़े ही तह कर दे" माँ ने कपड़े मेरे सामने डालते हुए कहा
मैं - मैं काम की ही तलाश कर रहा हूं। ये क्या जब देखो खाली बैठा - खाली बैठा का ताना मारते रहते हो ।
मां - दिन भर तो मोबाइल में घुसा रहता है क्या काम की तलाश करता है तू इस नासपीटे में... ये देगा तुझे नौकरी ?
मैं - देखो इधर .. नौकरी वाली ऐप्स और साइट्स पे ही लगा हूँ, न कि किसी से गपशप ( मैंने मोबाइल माँ की तरफ करते हुए कहा)
माँ - अब मुझे क्या पता ये कौन सी एप्स है जो तुझे नौकरी लगा देगी... शादी की उम्र निकली जा रही है पर बिना काम धंधे के लड़की देगा कौन? ( माँ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा ) तेरे साथ वाले सब काम धंधे में लग गए .. सबकी शादी , बच्चे भी होने लगे .. पता नहीं हमारे नसीब में कब वो दिन आएगा।
मैं - आपने फिर वही शुरू कर दिया.. जैसे मैं खाली बैठ के बड़े मजे मार रहा हूं... सब साथी किसी न किसी काम में लगे है ,मुझे भी उतनी ही तलाश है एक नौकरी की..पर कोई दे तब न... जाके किसी के गले पड़ जाऊँ?
माँ - पापा रिटायर होने वाले है उनकी भी यही टेन्शन है कि तू काम धंधे लगे तो वो चैन की सांस ले...
पापा के आने का टाइम होने लगा था अभी इस टॉपिक पे चर्चा चलती रही तो वो भी शुरू हो जाएंगे... ये सोच कर मैं जल्दी से घर से बाहर निकल गया .. कुछ देर तो राहत मिले... चलते चलते सोच रहा था कि हर बार साक्षात्कार में रह जाता हूं.. लोग बुला तो लेते है पर जैसे दिखावा करते है साक्षात्कार का, किसे नौकरी देनी है वो सब तो 'सेट' रहता है तो हमारा मोरल डाउन करने को बुलाते है क्या ये लोग... हुह .. सब बकवास
नुक्कड़ पे दोस्तों की मंडली लगी थी, सब खुश नजर आते है बस मेरा ही चेहरा उतरा हुआ। मैं उन्हें नज़रअंदाज़ करके निकलना चाह रहा था तभी देवेश ने आवाज़ दी - ओये .. कहाँ चला जा रहा है हम सब यहाँ है। अनमने मन से मैं उनकी तरफ बढ़ गया। मुँह लटकाये उनके पास जाके दीवार का टेक लेके खड़ा हो गया पर वो क्या बात करके हँस रहे थे मुझे पता नहीं चला ।
तभी नीलिमा ने बोला - ओये हीरो किसके ख्यालो में खोया है ?
फीकी सी हंसी हँसते हुए मैंने कहा - अपनी ड्रीम गर्ल के
नीलिमा - अच्छा बेटा... मतलब हमे झांसा दे के दूसरी के चक्कर में हो (उसने नाटकीय तरीके से बोला या वो गंभीर थी मैं भांप नहीं पाया)
मैंने एक ठंडी आह भरते हुए कहा - हाँ.. मेरी ड्रीम गर्ल है एक नौकरी ...
नीलिमा - टॉपिक बदल रहा है या सच में?
मैं - यार ये नौकरी जी का जंजाल बन गई सबको क्वालिफाइड और अनुभवी लोग चाहिए... अरे नौकरी दोगे तो ही अनुभव आएगा न ... (कहते हुए मैं मायूस हो गया)
तभी संदेश ने बोला यार बात तो सही है .. बिना जान पहचान के आजकल जॉब मिलना बहुत मुश्किल है हम जैसे लोगो के लिए .. बेस्ट है अपना खुद का काम करो
मैं - पर खुद का काम करने के लिए भी कोई आइडिया और पैसे दोनों लगते है न मेरे भाई .. तेरे पापा ने तुझे दुकान करवा दी और जान पहचान से एजेंसियां भी दिलवा दी.. पर मेरे पापा ये भी नहीं करवा सकते.. न पैसा खिलाकर मुझे कोई जॉब दिलवा सकते है .. बस सपने है बेटे के पास नौकरी हो और बहू हो... हुह ...कहाँ से लाऊं नौकरी ...
संदेश - हम्म वो तो है ही यार .. तू टेंशन न ले .. करते है कुछ
सबके घर जाने का समय हो गया तो सब चल दिये बस मैं और नीलिमा रह गए.. मेरा मन नहीं था बात करने का और मैं भी वहाँ से जाने का सोच रहा था पर उसे नाराज नहीं कर सकता था इसलिए बैठा रहा।
नीलिमा - यार तू खुद का कुछ शुरू कर न जिसमे इंवेस्टमेन्ट कम हो..
मैं - क्या करूँ? चाय पकोड़े की दुकान खोल लू?
नीलिमा - आईडिया बुरा नहीं है .. तू पकवान तो अच्छे बनाता ही है तो यही सही...!!
मैं - मैंने ये पढ़ाई क्या इसलिए कि थी कि चाय और चाट-पकोड़े की दुकान खोल के बैठूं ... ?
नीलिमा - कुछ नही से कुछ तो अच्छा है.. वैसे मैंने चाय पकोड़े का तो नाम लिया है ... मेरा आइडिया है कि तू एक छोटा सा होटल खोले .. किराये पे दुकान मिल जाएगा और इन्वेस्टमेंट भी ज्यादा नहीं है... और तुझे तो पता है कि ये होटल वगेरा में अच्छा कमाई हो जाता है ।
मैं - ह्म्म्म ... पर पापा और माँ नही मानेंगे।
नीलिमा - बेरोजगारी का एक बड़ा कारण तो यही है की सब पढ़े लिखे लोगो का नौकरी ही करनी है.. खैर.. सोच के देख ।
कह के वो चल दी अपने घर, मैं भी घर आ गया पर मेरे दिमाग मे उसकी बातें चल रही थी कि सच में हम में से कई लोग बस इसलिए बेरोजगार है क्योंकि उन्हें बस अपनी मन पसंद की नौकरी नहीं मिली तो वो बेकार बैठना मंज़ूर करते है पर कोई छोटा मोटा काम नहीं कर पाते इस हिचक के कारण की लोग क्या कहेंगे कि इतना पढ़ लिख के ये काम कर रहा है .. यही करना था तो माँ बाप का पैसा ही क्यों लगाया ... मैंने मन में तय किया कि अब मेरी "ड्रीम गर्ल नौकरी" का सपना एक तरफ रख कर अपना रोजगार पैदा करना है .. और लोगो को भी यथा संभव रोजगार देना है... थैंक्स नीलिमा ये राह दिखाने के लिए .. सोचते सोचते मैं सो गया एक नई सुबह और नई शुरुआत के सपने लेने के लिए।