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निशा शर्मा

Drama

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निशा शर्मा

Drama

नारी उत्थान

नारी उत्थान

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आजकल तुम बहुत लापरवाह हो गयी हो रूपा'

'क्या हुआ साहब ? मुझसे कोई गल्ती हो गयी क्या'

'कल रात तुम मेरे कमरे में बड़ी देर से आयी थी'

'वो साहब कल मालकिन का दर्द बहुत बढ़ गया था,

दो गोली देनी पड़ीं,तब जाकर सोयीं'

'पता नहीं इस मुसीबत से कब छुटकारा मिलेगा'

'साहब कल मेरे मर्द का फोन आया था, उसे दो हजार रुपए की जरूरत है'

'हाँ हाँ अकाउंट में डाल दूंगा, तू बस मुझे खुश रख!चल अच्छा अब फटाफट मेरा नाश्ता लगा, आज दस बजे नारी उत्थान की रैली में मेरा बहुत ही महत्वपूर्ण भाषण है।


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