मुलाकात भाग-2
मुलाकात भाग-2
साहिल की माँ वैष्णोदेवी से वापस आ गयी थी। और फिर 2-3 बाद उसने रिया को माँ से मिलवाया। साहिल ने उसे रात के खाने का निमन्त्रण दिया। रिया साहिल के माँ के लिए तोहफा लेकर गयी। साहिल की माँ को रिया का स्वभाव अच्छा लगा। रिया को भी बहुत अच्छा लगा मिलकर। अब रिया का काम खत्म हो गया था उसने घर जाने की तैयारी कर ली थी। रिया उस जगह से अलग ही अच्छा लगने लगा। उसको घर जाने का मन न हुआ। पर फिर भी उसके पास कोई और विचार न था। साहिल उसे छोड़ने स्टेशन पर आया। वह दोनों रो रहे थे जैसे काफी पास का रिश्ता हो पैर 2 महीने पर विश्वास बहुत ज़्यादा बढ़ गया था। दोनों अपना रोज़ाना जीवन जीने लगे। अब महीने में हाल चाल पूछ लेते थे, ज़्यादा बात चीत न होती और साहिल ही अक्सर मैसेज करता है रिया ने कभी न ही उसे कॉल किया न मेसाज। रिया को अब ज़्यादा बात करने में कोई इंटरेस्ट नहीं था और वह अपने दोस्तों में मस्त रहती थी। साहिल को लेकिन अभी भी उतनी दोस्ती रक्खी जितनी पहले बात करता था रिया से। साहिल को कई बार रिया का जवाब न आने से रोना आ जाता था । परन्तु वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था।
थोड़े दिन बाद साहिल के दोस्त ने उससे पूछा की तुम उसके लिए रोते क्यों रहते हो जिससे तुम्हारी चिंता न है। साहिल ने कहा की मैं उसे पसंद करने लगा था पर कभी बोल न पाया। उसके दोस्त ने समझाया बहुत बार की, कभी मिलने नहीं वाली वह उसे। और नहीं वह तुझे पसंद करती है भूल जा उसे। पर बात कुछ और ही थी रिया अपने दोस्तों में मिल जुल कर रह रही थी यह बात साहिल को पता था पर वह नहीं जानता था रिया के जीवन में कुछ चल रहा है। रिया के माँ बाप बहुत ज़्यादा गुस्से वाले स्वभाव के थे उन्हें रिया का लड़कों से बात करना पसंद नहीं था। जब रिया शुरुआत में उनके घर से आई थी तब उसने साहिल से छुपकर बात करी थी परन्तु एक दिन उसके माँ बाप ने पकड़ लिया और वह कुछ कहती उससे पहले उसका फ़ोन छीन लिया और उसकी कुछ बात नहीं सुनी और सो गए।

