STORYMIRROR

Sangeeta Aggarwal

Inspirational

4  

Sangeeta Aggarwal

Inspirational

मुझे भी दुनिया देखनी है माँ

मुझे भी दुनिया देखनी है माँ

5 mins
324

"तुम्हे कल माँ के साथ जाना है.. माँ एक डॉक्टर को जानती जो लिंग जाँच करता है!" सौरभ ने अपनी पत्नी साक्षी से कहा.


" पर लिंग जाँच गैरकानूनी है.. फिर ये तो हमारा पहला बच्चा है क्या फर्क पड़ता क्या है!" साक्षी बोली.


" फर्क पड़ता है साक्षी हमारे यहाँ पहला बच्चा लड़का ही होता आया यही परंपरा है जिसके कोख मे बेटी होती उसे गिरा दिया जाता!" सौरभ बोला.


" कौन सी दुनिया मे जी रहे हो तुम लोग ऐसा भी होता क्या अब!" साक्षी गुस्से मे बोली.


" देखो तुम कल जा रही हो तो जा रही हो बस.. अब सो जाओ!" सौरभ बोला और लाइट बंद कर लेट गया.


ये है सौरभ और साक्षी जिनकी शादी को 5 महीने हुए है और साक्षी को तीसरा महिना लगा हुआ.. सौरभ के घर मे सौरभ सबसे बड़ा है उससे छोटा एक भाई एक बहन हैं... सौरभ की बहन चारू और साक्षी दोस्तों की तरह रहती हैं.. सौरभ यूँ तो पढ़ा लिखा है पर सोच उसकी अपनी माँ के जैसी है पुरानी.. वहीं साक्षी नई सोच की लड़की है.


अगले दिन पता लगा साक्षी की कोख मे लड़की है... डॉक्टर ने चार दिन बाद आने को बोला जिससे वो इस बच्चे को नष्ट कर सके... 


" सौरभ मैं अपने अजन्मे बच्चे की हत्या नही होने दूँगी!" साक्षी सौरभ से बोली.


" देखो साक्षी ये बच्ची तो इस दुनिया मे नही आ सकती!" सौरभ बोला.


" मैं अपने बच्चे को जन्म दूँगी चाहे कुछ हो जाए...!" साक्षी बोली.


" तड़ाक.. ज्यादा जबान चल रही समझ नही आती एक बार की बात के हमारे यहाँ पहला बेटा ही होता है...!" सौरभ ने साक्षी के एक थप्पड़ मारा और उसे कमरे मे बंद कर दिया! 


" ये सही किया तुमने सौरभ जब तक इस बच्ची से छुटकारा नही मिलता बंद रहने दे इसे!" सौरभ की माँ दामिनी जी बोली.


साक्षी को समझ नही आ रहा था वो क्या करे खूब रोई चिल्लाई पर कोई असर नही... रोते रोते सो गई वो.. 


" माँ... माँ.. " अचानक एक आवाज़ सुनाई दी.


" क.. क.. कौन है..?" साक्षी चौक कर बोली.


" माँ मैं तेरी ही तो परछाई हूँ.. जो अभी दुनिया मे भी नही आई..!" 


" तुम मुझे दिखाई क्यों नही दे रही सिर्फ आवाज़ आ रही तुम्हारी!" साक्षी बोली.


" माँ मैं अभी अदृश्य हूँ.. मेरा दुनिया मे आना ना आना तुम्हारे हाथ मे है!" आवाज़ आई. 


" पर यहाँ कोई नही चाहता तुम दुनिया मे आओ..!" साक्षी मायूस हो बोली.


" तुम भी नही माँ..??"


" पर मेरी यहाँ कौन सुन रहा..!" साक्षी ने कहा


" तो क्या माँ तुम मुझे मर जाने दोगी.. मेरे टुकड़े टुकड़े कर नाली मे बहा देंगे वो.. मेरा क्या कुसुर है माँ.. मैं दुनिया मे आना चाहती ये दुनिया देखना चाहती हूँ माँ... मैं अपने माँ- बाबा का नाम रोशन करना चाहती.. माँ मैं यूँ अदृश्य नही बनी रहना चाहती मुझे एक साकार रूप दे दो ना माँ.. मुझे दुनिया मे ले आओ!" आवाज़ बहुत दर्द भरी हो गई थी अब. 


" मैं क्या करूँ मेरी बच्ची मैं खुद मजबूर हूँ... मै तो चाहती तुम्हे दुनिया मे लाना पर इन घर वालों को कैसे समझाऊँ ये मेरी बात ही नही सुन रहे!" साक्षी रोते हुए बोली.


" एक माँ मजबूर कैसे हो सकती वो भी इतनी के अपने शरीर के अंग को यूँ काट फेंके.. तेरा खून हूँ मैं माँ.. मुझे मांस का लोथडा मत बनने दे... मुझे बचा ले माँ..... मुझे बचा ले.... नही मरना मुझे.. मुझे दुनिया देखनी है...! धीरे धीरे वो आवाज़ दूर होते होते बंद हो गई. 


" नही... मैं मजबूर नही हूँ मैं अपनी बच्ची को बचाऊँगी... उसे कैसे भी दुनिया मे लाऊँगी... सुना तूने मेरी बच्ची मैं तुझे मरने नही दूँगी!" साक्षी अचानक से चौक के उठ बैठी.


" भाभी लो खाना खा लो...!" तभी उसकी ननद चारु खाना लेकर आई. 


" चारू मुझे बचा लो प्लीज़ ये लोग मेरी बच्ची की हत्या कर देंगे... तुम भी एक लड़की हो सोचो कल को तुम्हारे साथ ऐसा हुआ तो...!" साक्षी अपनी ननद के आगे हाथ जोड़ बोली.


" पर भाभी मैं कैसे... आप तो जानती हो मुझे खुद इन लोगों के खिलाफ बोलने की इज़ाज़त नही... मैं क्या करूँ आप बताओ..!" चारू असमंजस मे बोली.


" बस मुझे किसी तरह कोई फोन दे दो जिससे मैं अपने पापा को फोन कर सकूँ!" साक्षी ने कहा.


" ठीक है भाभी मैं कोशिश करती हूँ... आप खाना खाओ अभी!" चारू ये बोल चली गई ताला लगा.


रात को सबके सोने के बाद चुपके से चारू ने सौरभ का फोन साक्षी को लाकर दिया साक्षी ने अपने पापा को फोन कर सब बात बताई... और नंबर मिटा कर फोन वापिस चारू को दे दिया और बोली.. " चारू मैं तुम्हारा ये एहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी!" 


" भाभी मैं भी चाहती मेरी भतीजी इस दुनिया मे आये!" चारू ने कहा और चली गई. 


सुबह चारू के पापा पोलिस को लेकर आये... पोलिस ने दरवाज़ा खोल साक्षी को आज़ाद करवाया... और लिंग परीक्षण और बच्चा गिरवाने की कोशिश मे साक्षी के पति और सास को गिरफ्तार कर लिया साथ ही साक्षी ने उस डॉक्टर का भी पता बता दिया जो चोरी से ये काम करती है...उसको भी गिरफ्तार कर उसका क्लिनिक सील कर दिया गया.


साक्षी को उसके पापा अपने साथ ले आये... तय समय पर साक्षी ने एक बेटी को जन्म दिया... एक अदृश्य परछाई को साक्षी ने माँस का लोथडा होने से बचा लिया. साथ ही ऐसे गिरी हुई सोच रखने वालो से उसने रिश्ता तोड़ लिया तलाक ले.


साक्षी का आज भले उस घर से कोई रिश्ता नही पर चारू से उसकी दोस्ती बरकरार है आखिरकार चारू ने ही तो साक्षी की मदद की थी.


दोस्तों आज भी हमारे समाज़ मे ये कुरीति घर बनाये हुई है और इसको हवा देते कुछ पढ़े लिखे लोग और ऐसे डॉक्टर जो पैसे के लिए अपने पेशे से गद्दारी करते है... हम लोगों को ऐसे लोगों का नकाब उतारना चाहिए ना की चुप बैठना चाहिए.


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational