Deepika Raj Solanki

Drama

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Deepika Raj Solanki

Drama

महत्वाकांक्षी ( टास्क -१)

महत्वाकांक्षी ( टास्क -१)

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शैली बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी लड़की रही, वह अपने माता-पिता, भाई -बहनों को छोटी-छोटी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अथक प्रयत्न करते देखती तो उसका दिल फट जाता है। वह चाहती थी जो वह सपने देखती है वह जल्दी से साकार हो जाए।

पिता एक सरकारी अध्यापक थे और मां एक साधारण सी महिला जो अपनी इच्छाओं को दबाकर अपने बच्चों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी रहती।

शैली रोज आधारभूत चीजों के लिए कशमकश करते अपने परिवार को देखती, हर बार उस की इच्छाओं को हाशिए पर रख दिया जाता।

वह इन सब से बहुत खिन्न हो चुकी थी, एक आलीशान घर में पूरे ऐशों आराम से रहना चाहती थी उसके लिए वह मेहनत करने से भी नहीं डरती, पर मेहनत का फल कितना मिलता है वह अपने पिता की हालत देखकर पहचान चुकी थी, वह एक ऐसा शॉर्टकट चाहती थी कि जिंदगी में उसे वह सब चीजें समय रहते -रहते मिल जाए जो बहुत चाहती है।

अतः उसने अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी करना शुरू कर दिया, वही उसकी मुलाकात अपने बॉस के लड़के से हुई, उसकी ऐशो आराम और चकाचौंध जिंदगी ने शैली को अपनी ओर आकर्षित किया और उस से दोस्ती बढ़ाई, और कुछ समय बाद दोस्ती प्यार में बदल गई, कुछ समय बाद अपने मां-बाप के विरुद्ध जाकर शैली ने उस लड़के से शादी कर ली। शादी के कुछ टाइम तो सब सही चला, जैसी वह जिंदगी चाहती थी मानो उसे मिल गई हो हाई-फाई सोसाइटी में आना जाना उसे बहुत पसंद आ रहा था, अपनी मर्जी से खर्च करना ऐशो- आराम की जिंदगी उसे बहुत भा रही थी, कि उसे अचानक पता चला कि उसका ससुराल बैंक करप्ट हो गया है और उन्हें वह शहर छोड़कर अचानक जाना पड़ा, फिर से जिंदगी उसे उसी मोड़ पर ले आई थी जहां से उसने अपनी शुरुआत की थी, अपनी जरूरतों के लिए उसे फिर से नौकरी करनी पड़ी, अब दोनों पति-पत्नी के बीच में भी तनाव आने लगा।

शैली अपने ससुराल को छोड़ मायके भी नहीं जा सकती थी अतः वह दूसरे शहर चली गई जहां वह नौकरी करने लगी।

एक दिन ऑफिस के डेस्क पर उसे एक पत्रिका में प्रादेशिक टेलीविजन में चल रहे रियलिटी शो के बारे में पता चला, जहां पर कई स्थानीय कलाकारों के साथ प्रादेशिक फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता के साथ-साथ प्रादेशिक क्षेत्र के लोग भी भाग लेकर एक मोटी रकम विजेता के रूप में जीत सकते थे। महत्वाकांक्षी शैली को लगा कि भगवान ने उसे एक और अवसर दिया है कि वह अपनी जिंदगी के सपनों को पूरा कर सके, उसने बिना समय बिताए उस रियलिटी शो के लिए अपना नामांकन भेज दिया और उसका चयन भी हो गया।

शैली के रियलिटी शो में जाने का एकमात्र मकसद विजय होकर वह मोटी रकम जीतना था, उसके लिए वह किसी भी सीमा तक जाने को तैयार थी, वह हर तरह के हथकंडे अपनाते हुए काफी हफ्तों तक प्रतियोगिता में बनी रही।

फिर उसको ऐसा लगने लगा कि वह जल्दी ही इस प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगी, वह किसी भी हालत में यह प्रतियोगिता हारना नहीं चाहती थी। उसके दिमाग में एक प्लान आया, प्लान के अनुसार वह उस प्रतियोगी से अपनी मित्रता बढ़ाने लगी जो इस प्रतियोगिता में बहुत प्रसिद्ध हो रहा था और जिसका जीतना शत - प्रतिशत तय था। दोनों की मित्रता दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी और वह उसे एक तरह से कहे तो डेट करने लगी थी। पर शैली ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में उस प्रतियोगी को कुछ भी नहीं बताया, उसका विश्वास जीतती रही, इस तरह उस प्रतिभागी के सपोर्ट से शैली कई हफ्तों तक इस प्रतियोगिता में बनी रहे। अंत में जब प्रतियोगिता के रिजल्ट का समय आया, शैली थोड़ा घबरा गई क्योंकि प्रतियोगिता में केवल शैली और वह लड़का प्रतियोगी बचा था जिससे शैली झूठा प्यार का नाटक कर रही थी।

जब शैली को लगा कि इतना सब कुछ करने के बाद भी वह यह प्रतियोगिता नहीं जीत पाएगी तो वह अपने कमरे में बैठे गुस्से में अपना आपा खो कर चिल्लाते हुए कहने लगी -"पूरी जिंदगी मैंने अभावों में काटी है, और उसने असफल शादी का भी दर्द झेला है अब वह अभावों से बहुत परेशान हो गई है अगर वह यह प्रतियोगिता नहीं जीत पाए तो शायद वह पागल हो जाएगी।" उसकी सारी बात उस पुरुष प्रतियोगी ने सुन ली, जो कहीं ना कहीं सच्चे मन से शैली से प्यार कर बैठा था। उसे शैली के षड्यंत्र के बारे में पता चला तो उसे बहुत धक्का लगा। अपने को संभालते हुए वह समझ गया कि शैली एक बहुत महत्वाकांक्षी लड़की है जो अपनी इच्छाओं को ही अपनी जिंदगी समझती है। जिसके लिए धन दौलत ही सब कुछ है। उस प्रतियोगी ने अपनी आंखों में आंसू को पूछा और कुछ सोचते हुए वहीं पास में रखे सोफे में बैठकर अपने को संभालने लगा।

उधर शैली इस कशमकश में पड़ी हुई थी कि अगर वह नहीं जीतती तो उसकी जिंदगी में फिर से संघर्ष ही रह जाएगा।

 बैकस्टेज से दोनों को स्टेज पर आने की हिदायतें मिलने लगी। कुछ ही देर में इस रियलिटी शो का रिजल्ट निकलने वाला था और शैली को पूरा विश्वास था कि वह यह नहीं जीत पाएगी।

दोनों प्रतिभागी एक दूसरे से नज़र चुराते हुए  मंच में पहुंचे।

शैली की आशंका सच साबित हुई है रियलिटी का विनर वहीं पुरुष प्रतिभागी रहा लेकिन उसके रवैया सबको भौचक्का कर दिया, जब उसने अपनी जीती हुई ट्रॉफी के साथ रकम शैली को दे दी।

शैली से उसने यही कहा "तुमने इस रियलिटी शो के लिए मुझसे प्यार का नाटक किया, तुम तो मुझसे भी अच्छी अदाकारा निकली, मुझे कितने महीनों तक तुम पर बिल्कुल भी शक नहीं हुआ, यहां जीता हुआ पैसा और ट्रॉफी मैं तुम्हें इसलिए दे रहा हूं कि तुम्हें जिंदगी में दोबारा अपनी महत्वाकांक्षा के लिए दूसरों के अरमानों का खून करने का इल्ज़ाम ना लगे और तुम अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी पाओ, तुमने मुझे प्यार करना सिखाया है और इस तरह से तुम मेरी गुरु हुई, गुरु को गुरु दक्षिणा देनी पड़ती है यह मेरी तरफ से तुम्हें गुरु दक्षिणा।"

यह कहता हुए उस प्रतिभागी ने ट्रॉफी और जीती हुई रकम शैली को दे दी।

उस प्रतिभागी की बात सुनकर सारे दर्शक जोर-जोर से ताली बजाने लगे। पर शैली की महत्वाकांक्षा अपनी पराकाष्ठा पर थी, शैली को उसकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा, शैली को केवल वह रकम दिख रही थी जो उसकी महत्वाकांक्षी को उड़ान दे सके और जिस से वह जिंदगी  के सारे ऐशो आराम पा सके जिसको वह सपनों में देखती थी।

शैली ने उस प्रतिभागी से ट्रॉफी और रकम लेकर उसे एक बड़ी मुस्कुराहट देखकर धन्यवाद कहा और कहा "यह एक प्रतियोगिता थी मैंने इसे एक प्रतियोगिता की तरह देखा है मैं इस रियलिटी शो को किसी भी हालत में जीतना चाहती थी और यह रकम लेकर अपनी जिंदगी के सपनों को पूरा करना चाहती थी, आपने अपनी जीती भी रकम मुझे दे दी क्योंकि मुझ में काबिलियत थी।" शैली अपनी महत्वाकांक्षी के आगे किसी और की भावनाओं को समझना तक नहीं चाहती थी वह केवल उस रकम के लिए इस प्रतियोगिता में आई थी और यह रकम लेकर वह अपने घर जा रही थी जहां वह अपने लिए अपने हिसाब का नया संसार बना सके।



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