महत्वाकांक्षा
महत्वाकांक्षा
महत्वाकांक्षा एक ऐसा शब्द है जो अगर आपकी जिंदगी में हो और आप उसकी तरफ मेहनत करें।अपने लक्ष्य की तरफ मेहनत करें तो आप उन ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं। भले रस्ते में कितनी भी कठिनाइयां है महत्वाकांक्षा होनी चाहिए अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए।
नीति अपने भाई बहनों में चौथे नंबर पर थी। उसके एक भाई और चार बहने थी। घर की स्थिति भी एकदम सामान्य थी मां-बाप सोचते थे बेटे की पढ़ाई हो गई है उसकी नौकरी लग गई है। बेटियों को भी बीकॉम ,बीए करा कर शादी कर देंगे। मगर नीति की इच्छा तो कुछ और ही थी। उसकी महत्वाकांक्षा थी कि मुझे इतना मध्यम श्रेणी( लोअर मिडल क्लास) का बनकर नहीं रहना है। मेरी महत्वाकांक्षा सिविल सर्विसेज में जाने की है और मैं वह करूंगी। सिविल सर्विसेज की परीक्षाएं दूंगी और अपना कलेक्टर बनने का मुकाम हासिल करूंगी।
और बहुत सारी परेशानी आने के बावजूद घरवालों की बहुत सारी रोक-टोक, शादी के लिए परेशान करना, बाहर वाले लोगों का बार-बार में टोकटोकी करना, उसके इरादों को और मजबूत कर रहा था। और वह मेहनत करके अपने मुकाम को हासिल करने की कोशिश कर रही थी। और परिणाम स्वरूप उसका परिणाम उसको प्राप्त हुआ वह पास हो गई। पहले तो डीडीओ बनी और फिर कुछ साल बाद कलेक्टर बन गई। और वह अपनी महत्वाकांक्षा पूरी होने पर बहुत खुश थी। उसने अपनी जिंदगी में बहुत ईमानदारी से काम किया और एक अच्छे कलेक्टर के रूप में अपने आप को प्रतिस्थापित किया।
अब बोलने वालों के मुंह बंद हो गए थे।
उसके मां-बाप भी बहुत खुश थे वे मान रहे थे कि खाली शादी जिंदगी का असली मुकाम नहीं होता है। अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करना भी बहुत जरूरी है, और महत्वाकांक्षा रखना भी बहुत जरूरी है। मां बाप को उस पर गर्व था कि नीति ने उनका नाम रोशन किया । अब तो जो भाई-बहन उसको ताना देते थे वह भी उसकी तरफ हो गए, और उसकी तारीफ करने लगे। सच में सफलता को नमस्कार है।
जो जिंदगी में ऊंची महत्वाकांक्षा रखता है और सही तरह से अपना मुकाम हासिल करता है ,वही सफल होता है सामने वाले को गिरा कर खुद ऊंचा चढ़ने वाले कभी सफल नहीं होते। मजा तो मेहनत करके अपनी मंजिल को हासिल करने में है।
