DR ARUN KUMAR SHASTRI

Drama Fantasy Inspirational

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Drama Fantasy Inspirational

मेरी वैश्विक - षष्ठम अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य यात्रा - मारीशस

मेरी वैश्विक - षष्ठम अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य यात्रा - मारीशस

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2018 दिसंबर 15 की रात - भारत में भीषण सर्दी व मारीशस में बसंत - तदनुरूप वस्त्र निर्वाह एक अलग परीपेक्ष्य . फिर भी उत्साह से भरपूर अन्य वैश्विक हिंदी प्रचार प्रसार का नव्या जोश - अद्भुत सामंजस्य . हम भारत के भिन्न भिन्न राज्यो के प्रतिनिधी। मै दिल्ली से लगभग 41 सदस्य दिल्ली के इन्दिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 11 बजे रात को एक जगेह एकत्र हो चुके थे हमारे documents के फोल्डर हमारे साथ सीने से लगा के रखें हुये।          

हमारे मुखिया बार बार निर्देश दे रहे थे उनको सहेज कर रखने के लिये - विदेश यात्रा में आपके कागजो की ही कीमत है - आपकी नही - यदि कोई कमी कागजो में रह गई तो आप गये काम से। ठीक १२बज के 21 मिनट पर आदेश हुया terminal संख्या 3 गेट न . १२ के पास एकत्र होने का हम सब 15 मिनट में वहा पहुंच गये फिर 30 मिनट बाद बोर्डिंग की सूचना चेच्किंग आदि सब जरुरी व्यवस्था से गुजर कर विमान की ओर . मेरा सीट मेरी एक सहभागी के साथ था जिनके साथ सीट सांझा करने को सभी लालायित थे सब मुझे मेरे सौभाग्य को तिरछी नजरो से देख रहे थे . और मै अपनी डायरी में रखें भगवान जी को धन्यवाद कर रहा था। 

हम सभी एक दुसरे को जानते थे लेकिन उनके साथ मेरा पेहला परिचय था मेरी सीट विंडो side थी लेकिन एक विशेष अनुग्रह मुस्कान के चलते उन्हे देनी पडी एक शर्त के साथ की आप कम से कम 50 फोटो व एक vdo विमान के बाहर की अवश्य लेंगे ओर उन्होने सहज मुस्कान के साथ मेरा हांथ में लेते हुये कहा अरे ये तो मेरा सौभाग्य होगा। मै अपने सेह्योगी को अपनेजैसे विचार का ही पा कर आश्वस्त हो गया। यात्रा हिंदी साहित्य और फोटो बस इतना स यही मेरा जीवन है। बचपन से बाकी तो दुनियादारी है - मारीशस को आप किसी भी कोण से देखीये - आपका मन न मोह ले ये नही हो गा।          

यात्रा का संपूर्ण विवरण लिखता हुं तो पुरा दिन निकल जायेगा - संक्षेप में - वहा पहुंच कर 3 दिन तो लोकॅल साईट स्थळ ऐतिहासिक स्मारक समुद्र माल इत्यादी देखने में लगे। फिर दो दिन हिंदी उत्सव में - हम प्रति सांझ हमारे हॉटेल ले ग्रांड ब्लू जो कि बिलकुल समुद्र तट पर था के hut नुमा [ जिसमे 50 व्यक्ति बेठ्ने की व्यवस्था थी सामूहिक काव्य सम्मेलन किया करते थे - भोजन में 57 प्रकार के व्यंजन दोनो देशो की शैली अनुसार उपलब्ध थे - खाते 2 पेट भर जाता था मन नही -           

उस देश की सबसे बडी खास बात - शाम 5 बजे सब कामकाजी गतिविधिया बंद हो जाती थी सिर्फ सैर सपाटा म्युजिक डान्स खाना पीना allowed था और इमेर्जेन्सी सेवाये आदि - सब tour sites भी बंद ये देश कुल मिला कर एक island पर ही स्थापित है -और इसकी जनसंख्या कुल भारत की १। 20 के बराबर ही है सब काम काज हिंदी में ही चलता है - इतना छोटा देश फिर भी खास बात - जो भारत में नही - इनका खुद का विश्व हिंदी सचिवालय है -            

वापस आने का तो सवाल नही था वहा से लेकिन visa 15 दिन का ही था क्या करते अफसोस - फिर भी जो समय मिला मालिक से वो अद्भुत अविस्मरणीय अकल्पनीय था।


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