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The FrozenFire Girl

Romance

3  

The FrozenFire Girl

Romance

मेरी गहरी सी मोहब्बत

मेरी गहरी सी मोहब्बत

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" मेरा गहरा प्यार,

नहीं! मैं दावे या वादें या दिखावे नहीं कर रहा यह कह के, बल्की ये तो मेरे दिल की ख्वाहिशें है, सुनोगी ना ? तो सुनो क्या हैं मेरी ख्वाहिश है, कि मैं तुमसे कुछ यूं मोहब्बत करना चाहता हूँ की मैं खुद अंधेरी काली रात बनकर, तुम्हारी रौशनी दुनिया तक पहुँचाना चाहता हूँ, मैं तुम्हें अपना चाँद बनाना चाहता हूँ। कि मैं तुमसे गुलाब की पंखुडियों की तरह नहीं बल्की उसकी खुशबू की तरह तुम में बस कर तुमसे मोहब्बत करना चाहता हूँ, जो सबसे छुपा होता है, पर सबसे ज्यादा जुड़ा होता है, मैं वो ख़ुशबू बन तेरे साथ ही फना होना चाहता हूँ, तुम हो एक गहरा सागर जिसमें ना जानें कितने दर्द छिपें हैं, मैं तुम्हारी गहराई बनना चाहता हूँ। मैं कुछ इस क़दर तुमसे गहरी सी मोहब्बत करना चाहता हूँ। मुझे नहीं आते हैं ये दुनिया के रित रिवाजों वालें जिस्मानी मोहब्बत, मैं तो तुमसे वो दादी से सुनी किस्से कहानीयों वाली, तुम्हारे जुल्फों में उलझ कर, तुमसे गहरी सी मोहब्बत करना चाहता हूँ। तुम ना करो ना सही पर मैं तो तुम्हें टूट कर मोहब्बत करता हूँ। " 

8 साल पहले 

रविवार की सुबह, जनवरी का महीना . . .

Mumbai . . . 

अरब सागर के तट पर स्थित भारत का एक खूबसूरत शहर। जिसे सपनों का शहर भी कहा जाता है।  

सपनों के इस शहर में, एक सपने देखने वालीं आँखें, हमारे कहानी के हीरो, यानी की तपन की भी हैं। इस शहर ने, उसके मेहनत को नवाज़ कर उसे एक बहुत ही कामयाब इंसान तो बना दिया, पर तपन का सपना, अब तक पूरा नहीं हुआ।  


beach पर एक हैंडसम सा लड़का, जिसने सफेद रंग की शर्ट पहन रखी है। एक 65 साल की बुढ़ी औरत के साथ खिलखिला कर हंसते हुए बातें कर रहा था।  

आइये आपको मिलाती हूँ मेरी कहानी के हीरो यानी की तपन से और इसके साथ बैठी ये लगभग 65 साल की औरत तपन की दादी है जो की तपन के लिये दुनिया की सबसे खास इंसान हैं। इनके अलावा भी एक बहुत ही खास इंसान तपन की लाइफ में है, नहीं.... पर आज आने वाली है।  

आइए देखते हैं कैसे ?


तपन अपनी दादी के साथ holiday मना रहा था।

आसमान में हल्कि - हल्कि सी दिल को सुकून देने वाली धूप खीली हुई थी।   

" दादी मुझे वो कहानियों जैसी सुन्दर लड़की कब मिलेगी जो मुझसे सच्चा प्यार करेगी ।" आँखों में चमक और चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान लिये तपन अपनी दादी से कहता है।

" जैसी तेरी सुरत है न तुझे तो कोई सुंदर लड़की मिलने से रही। " दादी ने उसे तंज कसते हुए कहा।

तपन उखड़ कर झुठा गुस्सा दिखाते हुए बोला " क्यों क्या खराबी है मेरी सुरत में ? मेरे जैसा handsome बंदा पाने के लिये तो लड़कियां मरती हैं। "

तपन की बात सुनते ही दादी जोर से हंस पड़ीं मानो उसका मजाक उड़ा रहीं हों।

तपन झूठ - मूठ चिढ़ते हुए कहने लगा " हंस लो हंस लो एक दिन मुझे भी प्यार होगा और वो दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की होगी। " 

दादी उसके सर पर एक चपत लगाते हुए बोली " बावले जिससे प्यार होता है न वो खुद - ब - खुद दुनिया का सबसे सुंदर इंसान लगने लगता है। "

" अच्छा और क्या होता है प्यार में ? " आँखों में चमक और शरारत लाकर तपन ने दादी से कहा।

" और . . . . और जब किसी से प्यार होता है न, तो उसके लिये वो सब कुछ करने का मन करता है।  जिससे उसे खुशी मिले और उसकी एक मुस्कान से ही दिल को पूरी दुनिया जीत लेने वाली खुशी और एक प्यारा सा सुकून मिलता है। " दादी तपन से कहने लगीं।

तभी तपन थोड़ा confuse होकर दादी से पूछा " अच्छा दादी जब वो मुझे मिलेगी तो मैं उसे पहचानूंगा कैसे और अगर मैं उसे पहचान नहीं पाया तो ? और मुझे कैसे पता चलेगा की मुझे उससे प्यार हो गया है ? "

दादी मुसकुराते हुए बोलीं " पगले भले ही तु न पहचाने पर ये दिल है न इसे प्यार को पहचानते देर नहीं लगती ये तो पहली नजर में ही अपने प्यार को पहचान लेता है। तुझे तो बस अपने दिल के जज्बातों और एहसासों को समझना होगा बस . . . "

" अब जा और जाकर मेरे लिये ice - cream ले आ गला सुखा दिया मेरा बुलवा - बुलवाकर। " दादी उसे झूठ - मुठ डांटतें हुए बोलीं।

तपन चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लिये कहता है " जी बिल्कुल अभी लाता हूँ। " कहकर वो ice - cream लेने चला जाता है।  

जाते हुए उसके आँखों में अलग सी चमक थी । पास ही ice - cream वाले का ठेला था।  

तपन वहां जाकर कहता है " भाई एक butterscotch और vanilla flavour की ice - cream देना जरा। "

इतना कहकर जैसे ही वो पीछे मुड़ता है। उसके गालों पर एक तेज की आवाज के साथ करारा थप्पड़ पड़ता है।

तपन को इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। इस चाँटे से तपन के कान सुन्न पड़ जाते हैं। तपन को बहुत गुस्सा आया।

 वो एक पल को गुस्सा कर देखता है और बस देखता ही रह जाता है। उसकी धड़कनें अचानक से बढ़ जातीं हैं।  

काले आसमान सी गहरी काली आँखें, काले घने बाल, गोरा रंग और मासूम पर गुस्से से भरा चेहरा। उसने पिले रंग का पटियाला सूट पहन रखा था, और कानों में पिले रंग की बूंदें।

ये है हमारी हीरोइन . . . 


हवा का एक झोंका उनके चेहरों को छुता हुआ गुज़रता है। जिससे उस लड़की के बालों की लंटें उसके चेहरे पर आ जातीं हैं।  

वो लड़की झुंझलाहट में अपने बालों को अपने चेहरे से हटाकर अपने कानों के पिछे खोसती है।

फिर वह तपन के पास आते हुए, दाँत पीस कर गुस्से में कहने लगी " क्यों बे रात को गंदे - गंदे कॉल्स और मेसेजेस करता है ? रूक तेरी आशीकी का भूत तो मैं अभी उतारती हूँ। "

उसके इस तरह तपन के और ज्यादा पास आने से तपन की धड़कनों ने और भी ज्यादा बेतरतीब सी चाल पकड़ लीं। तपन को ऐसा लगा, मानो उसका खुद पर बिल्कुल काबू ही नहीं रहा।  

कुछ पल बाद तपन समझने की कोशिश करता है की वो क्या कह रही थी। पर तपन समझ नहीं पाता है।

तपन के माथे पर सिलवटें उभर आती हैं और वो मन ही मन खुद से कहता है " ये लड़की आखिर इतनी भड़की हुई क्यों है ? और ये, ये क्या बोले जा रही है। रात को गंदे - गंदे कॉल्स और मेसेज, मैं करता हूँ ? छी। । "

उसका दिल तेजी से धड़क रहा था और वो नॉर्मल होने की कोशिश करते हुए बोलता है " देखीये मैडम, शायद आपको कुछ गलत . . . . . "

वो कहना चाहता था, की " गलतफहमी हो गयी है " पर बोल नहीं पाया क्योंकि, शायद वो लड़की समझ चुकी थी, की वो क्या कहेगा।

उसने तुरंत तपन का कॉलर पकड़ लिया और भड़कते हुए बोली " मुझे गलतफहमी हुई है, मुझे ? सकल से तो बड़े अच्छे खासे घर के लगते हो और इतनी चीप हरक़त . . . ? "


तभी बगल में खड़ी उसकी friend आकांक्षा, जो कब से उसे रोकने की कोशिश कर रही थी।

वह हल्की सी तेज आवाज में बोली " ऋतुजा रूक ये वो white shirt वाला लड़का नहीं बल्कि वो है। " उसकी दोस्त ने बगल में bike पर बैठे लड़के की तरफ उंगली से इशारा करते हुए कहा।   

अब ऋतुजा को उसकी गलती का एहसास हुआ।  उसने दाँतों से अपने निचले होंठ को दबा लिये और मासूम सा चेहरा बनाकर उसने तपन से कहा " sorry . . . . . ! " कह कर तुरंत ही उसने बुक्स से अपना चेहरा छुपा लिया और वहाँ से भाग गयी।

 तपन को वो बिल्कुल एक मासूम से बच्चे की तरह बहुत ही cute लग रही थी।  

लगभग 5 मीनट बाद वो वापस आई तपन ने उसे देखते ही अपने गालों पर हाथ रख लिया। पर इस बार वो गुस्से में नहीं बल्कि शर्मिंदा थी। तो ये देखकर तपन ने अपने हाथ धीरे - धीरे अपने गालों से हटा लिये।  

फिर ऋतुजा ने मासूमियत से उसके तरफ ice - cream बढ़ा दी, तपन ने confuse होकर सवालिया नजरों से उसे देखा।  

ऋतुजा समझ गई की तपन के मन में क्या चल रहा है और फट से बोली " वो actually। वो थप्पड़, उसे चिपकाना था, पर गलती से तुम्हें चिपका दिया। "  " I am so sorry। " कहकर उसने ice - cream तपन के हाथ में दी और इतनी तेजी से वहाँ से भाग गयी। जैसे वहाँ उसकी जान को खतरा है।

तपन उसे देखता ही रह गया और वो मन ही मन बोला " बड़ी अजीब लड़की है, पर जो भी हो है बड़ी cute। " तपन धीरे से बुदबुदाया और उसके चेहरे पर एक बड़ी सी smile आ गयी।

फिर उसने ice - cream वाले को पैसे दिये, और उसी तरह मुसकुराते हुए दादी के पास गया।  

दादी ने उसे एक पल गौर से देखा और थोड़ी हैरानी से उससे पूछा " ये क्या लाया है ? "

दादी का सवाल सुनकर उसने confuse होकर कहा  " क्या लाया ?, मतलब ?, आपने ice - cream मंगायी थी, तो आपके लिये, आपकी favourite butterscotch और अपने लिये vanila, ice - cream लाया हूँ। "

दादी ने उसका हाथ खींचकर, उसे जल्दी से अपने पास बिठाकर उसके गालों पर हल्के से अपनी उंगलियों को फेरते हुए, चिंता करते हुए कहने लगीं " मैं ice - cream की नहीं, तेरी बात कर रही हूँ। ये तेरे गाल, इतने लाल क्यों हैं ? और इन पर तो, किसी की उंगलियों के निशान पड़े हैं, कुछ हुआ है क्या ? " दादी ने तपन के चेहरे को अपने हाथों में लेकर कहा।  

दादी के लिये तपन उनकी इकलौती जीने की वजह थी और तपन के लिये दादी ही उसकी दुनिया।

" तपन जब 14 साल का था।  उसके पिता घर छोड़कर किसी और औरत के साथ रहने चले गये थे और उसकी माँ में पति का धोखा सहने और तलाक देने की हिम्मत नहीं थी और उन्होंने आत्महत्या कर ली। " 

" Ohh !। ये तो। . . . " दादी का सवाल सुनकर तपन बोला और सोचने लगा की क्या कहे और फिर अटकते हुए बोला " य, य ये तो, ये तो अम, म मच्छर, हाँ। मच्छर। ! "

दादी चौंकते हुए तुरंत बोली " क्या मच्छर ? " 

तभी तपन तुरंत बोला " ह, हाँ दादी। वो actually मैं ice - cream लेने गया था, ना वहाँ बहुत मच्छर थे और मुझे feel हुआ की एक मेरे गाल पर है और उसे मारने के लिये मैंने खुद को शायद कुछ ज्यादा तेज मार लिया। " 

दादी को तपन का reason थोड़ा अटपटा सा लगा। पर फिर भी उनके चेहरे पर satisfaction के भाव आ गये और बोलीं " अच्छा पर इतना तेज नहीं मारना चाहिये था न मैं तो डर गयी। मुझे तो लगा की कहीं तू किसी झगड़े में तो नहीं पड़ गया। " कहते हुए दादी उसे ठीक से देखने लगी। उसकी हालत मार - पीट करके आयी हुई उन्हें नहीं लगी, तो उन्होंने एक तसल्ली भरी साँस ली।

उन्हें ice - cream देते हुए तपन ने उनके गालों पर kiss किया और कहा " दादी आप न बहुत चिंता करती हो, मैं बिलकुल ठीक हूँ और मैंने कोई झगड़ा नहीं किया है। अब ये ice - cream खाओ, वरना अगर ये पिघल गयी। तो मैं आप से जरूर झगड़ा कर लूँगा। " तपन ने शरारत से दादी को धमकाते हुए कहा, तो दादी हंस पड़ी और दोनों हंसी मजाक करते हुए ice - cream खाने लगे।  


इधर autorickshaw में बैठी ऋतुजा, बार बार तपन के बारे में सोच कर पछता रही थी।  

हवा चलने की वजह से उसके बाल उड़कर बार - बार उसके चेहरे पर आ रहे थे।  

उसके चेहरे पर पछताने के भाव साफ समझ आ रहे थे और उसके दिमाग में बार - बार तपन का चेहरा आ रहा था।  

गोरा रंग, हल्कि trimed दाढ़ी, innocent expression और उसकी कंजी आँखें। तुरंत ही ऋतुजा के चेहरे के भाव बदल गये मानो वो कुछ सोच रही हो और confuse हो।

हाँ सोच तो रही थी वो, उसकी आँखों के बारे में ऋतुजा ये तय नहीं कर पा रही थी की आखिर उसकी आँखें थी किस रंग की।

बगल में बैठी आकांक्षा ने जब उसके चेहरे पर परेशानी देखी तो वो भी परेशान हो गयी।

उसे लगा की शायद ऋतुजा फिर से अपने अतीत के बारे में सोच कर परेशान हो रही है।  

तो उसने जल्दी से ऋतुजा के कंधे पर हाथ रख कर उसे हल्के से हिलाकर पूछा " ऋतु। क्या सोच रही है तू ? "

ऋतुजा मानो निंद से जागी और बोली " हाँ। क्या ? "

आकांक्षा ने दोबारा अपना सवाल दोहराया " मैंने कहा, कहाँ खोयी है तू ? क्या सोच रही है ? " 

" मैं वो उस लड़के के बारे में सोच रही थी . . . " ऋतुजा ने एक दम से कह दिया।   

उसकी बात पर आकांक्षा आश्चर्य से उसे देखने लगी।



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