Bhawna Kukreti

Drama

4.7  

Bhawna Kukreti

Drama

मेरे कान खो गए

मेरे कान खो गए

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एक दिन जब ची ची चिडिया सो कर उठी। बबलू भैया के आंगन में मो मो गाय को देख कर हसने लगी!!।मोमो गाय बोली "चींचीं चिड़िया तुम मुझे देख कर क्यों हंस रही हो?", ची ची चिड़िया बोली " हहहहहह तुम्हारे कान कौन ले गया दीदी ?" मोमो गाय ने अपने कान छूने चाहे लेकिन वो तो वहां थे ही नहीं। अरे हां उसके कान तो हैं ही नहीं। मो मो ने ची ची को देखा और बोली "ची ची वो तो तुम्हारे सर पर लगे है?" मोमो गाय की बात सुन कर ची ची चिड़िया ने पास के कूएँ में झांका।

ये क्या ! वाकई उसके सर पर तो मो मो गाय के कान लग गए थे। अब दोनो हैरान हो कर एक दूसरे का मुह देखने लगे।

उसी आंगन में भों भों कुत्ता भी था।वो दोनो को ऐसे अजीब हालात में देख जोर जोर हंसा और बोला " मज़ा आ गया ,क्या कार्टून दिखती हो दोनों ! में अभी सबको बात कर आता हूँ।" और वो वहां से नौ दो ग्यारह हो गया

तभी मो मो गाय और चीं चीं चिड़िया को किसी के हसने की आवाज आयी। देखा, हरि भरी परी अपनी जादू की छड़ी लिए पेड़ पर बैठी थी।

"हरी भरी परी ये तुमने किया ? " ची ची ने गुस्साते हुए पूछा

" हां,"

"लेकिन क्यों ?" मो मो ने सवाल किया।

" मैं देखना चाह रही थी कि तुम दोनों कैसी दिखोगी ?'

"ठीक है, पर अब हमे जल्दी से सही भी तो करो।"

ची चीं ने कहा।

हरि भरी बोली "उसके लिए ची चीं,तुमको ऐसे जानवरों के नाम बताने होंगे। जिनके कान दिखाई पड़ते हैं और मो मो गाय तुम्हे उनके , जिनके कान नहीं दिखाई पड़ते।"

तब तक आंगन में ढेर सारे जानवर इकट्ठा हो गए थे। भों भों कुत्ता सबको बुला लाया था। चीं चीं चिड़िया ने देखा ,बकरी, बिल्ली, घोड़ा, गधा,बैल, भैस बंदर लंगूर ये सब भो भों कुत्ते के पीछे खड़े हैरानी से उन्हें ही देख रहे थे।

ची ची चिड़िया ने फुर्रर्रर्रर से इन सबके पास जा कर पूछा" क्या तुम सबके कान हैं !!" सबने अपने सर हाथ लगाया और टटोला। फिर सबने कहा "हैं , हैं हमारे कान हैं। देखो चीं चीं हमारे सर पर दो कान लगे हैं।" चीं चीं ने खुश हो कर कहा "हरि भरी परी, देखो बंदर, बकरी ,घोड़े,भैस, बैल इन सबके पास कान है।"

ये कहते ही पूवफप्फ ......ची ची के सर से मो मो के कान गायब हो गए। लेकिन ये क्या !! मोमो गाय रोने लगी "मेरे कान खो गए मेरे कान खो गए ,अब मैं कैसे मम्मी की आवाज सुनूँगी ?"

तभी तोता, गौरैया , बुलबुल, बगुला, उल्लू ये सारे पक्षी पर फड़फड़ाते वहां आ गए। और बोलने लगे "हमने सुना है की मो मो गाय के कान खो गए !"

"श श श श "भों भों कुत्ते ने उनको चुप रहने को कहा।

मो मो को रोता देख सारे जानवर और पक्षी उसको चुप करने उसके पास आ गए। बेचारी कितना रो रही थी।

उसका रोना सुन कर बबलू भैया आंगन में निकल आये। बोले "मो मो क्या हुआ? "सबने कहा "भैया मो मो के कान खो गए!! अब ये मम्मी की आवाज नहीं सुन पाएगी।"

बबलू भैया समझ गए कि ये किसकी शरारत है,। उन्होंने हरि भरी परी को देखा और समझाया "हरि भरी ऐसे किसी की परेशानी पर नहीं हसते बेटा।" हरि भरी बोली "भैया मो मो बेकार में रो रही है, उसके तो , सिर्फ दिखने वाले कान गायब हुए है।लेकिन अभी भी उसके कान हैं !"

सब हैरान हो कर आपस मे बोलने लगे " है! मो मो गाय के पास कान हैं?! लेकिन वो तो दिख नहीं रहे ?!" बबलू भैया ने हरी भरी परी को फिर प्यार से कहा "हरि भरी , साफ साफ बताओ बेटा"!

हरि भरी ने ची ची चिड़िया की ओर देखा बोला, "ची ची तुम्हारे तो कान नही दिख रहे , तो क्या तुम सुन नही पा रही ?!", ची ची बोली "में तो सब सुन रही हूँ पर कैसे?? मेरे तो कान ही नही दिखते !'

हरि भरी परी बोली "यही तो कमाल की बात है , तुम्हारे भी कान हैं लेकिन वो सर के बाहर नही लगे लगे हुए। तुम्हारे कान तुम्हारे पंखों से ढके हुए है !"

अब मो मो गाय ने रोना बन्द कर दिया था। वो ची ची के पास आई। अपने दोनो हाथों से ची ची के सर के दोनों और पंख हटा हटा कर देखने लगी। अचानक खुशी से बोली "देखो देखो !! मुझे ची चीन के कान दिख गए !"

अब सब ची ची के पास आकर उसके सर में घुस घुस कर देखने लगे। भों भों कुत्ता बोला "ये कान कहाँ है ? ये तो दो छोटे छोटे छेद हैं !"

हरि भरी परी बोली " यही तो हैं इसके कान "

" ये इतने छोटे छोटे छेद !" बबलू भैया ने ची ची के कान देख कर कहा।

"हॉsssss"

सबके मुँह हैरानी से खुले के खुले रह गए।

अब बबलू भैया बोले " समझ गया , जानवरों के कान बाहर लटके या खड़े दिखाई देते हैं ,लेकिन पक्षियों के नहीं। उनके छेद जैसे कान, हमेशा पंखों से ढके रहते हैं।

अब मो मो गाय ने कहा "इसका मतलब ये तोता ,कबूतर, कव्वा ,मैना ,ये जितने भी पक्षी है सबके कान पंखों से ढके रहते हैं?"

हरि भारी पड़ी बोली "हां भई हां "

लेकिन मो मो गाय को फिर याद आ गया कि उसके कान तो खो गए थे। वो फिर रोने लगी। " मेरे कान कितने अच्छे थे ,वो खो गए ...!

अब सब जानवरों और पक्षियों ने कहा "मो मो तुम क्यों रो रही हो। छू कर तो देखो ,तुम्हारे कान तो वापस आ गए हैं !!"

मो मो ने अपने सर पर हाथ लगाया।अरे हां !! उसके तो कान वापस आ गए थे ,लंबे लंबे, सुंदर चिकने , सर के दोनों ओर लटक रहे थे। वो तो खुशी के मारे पूरे आंगन में कूदने फांदने करने लगी। सारे जानवर पक्षी भी उसे खुश देख कर ताली बजाए हुए नाचने लगे।


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