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Shipra Singh

Horror

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Shipra Singh

Horror

मेरा सपना हॉरर लैंड में...

मेरा सपना हॉरर लैंड में...

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मेरा वह सपना बहुत ही डरावना था। एक रात मैं बहुत गहरी नींद में सो रहा था। अचानक एक चीज से मेरी आँखें खुल गई। मैंने घड़ी देखी तो रात के २:३० बजे थे। मैंने खिड़की के बाहर झाँका पर वहाँ कुछ नहीं था। मुझे फिर किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी। इस बार आवाज और तीखी तथा बहुत पास से आ रही थी, पर खिड़की के पास तो कोई नहीं दिखाई दे रहा था। कुछ ही मिनट बाद बहुत जोर से आने लगी। खिड़की पर एक औरत खड़ी थी और मुझे देख कर बहुत अजीब से मुस्कुराने लगी। कभी हँसती तो कभी चिल्ला रही थी। मैंने अपना मेटल का बल्ला लेकर उस औरत को इतनी जोर से मारा कि वह बेहोश होकर गिर गई।


जब मैंने अपने मम्मी-पापा को बताया तो हमने देखा मेरी खिड़की का शीशा चटक गया है। हमने पुलिस को बुलाया... कोई औरत नहीं मिली, उन्होंने कहा कि, “बहुत तीखी आवाज से शीशा चटक सकता है।” मैं आज तक नहीं समझ पाया हूँ कि वहाँ सच में औरत थी कि मैं बस सपना देख रहा था क्योंकि अगर सपना था मेरे घर का मे शीशा क्यों टूटा?’


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