Neeraj Agarwal

Romance Fantasy Inspirational

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Neeraj Agarwal

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मेरा भाग्य और कुदरत के रंग

मेरा भाग्य और कुदरत के रंग

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           आज हम सभी जानते हैं कि मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच होता हैं हम सभी आज विज्ञान के साथ और बनावट या नकली जीवन जीते हैं। क्योंकि आज हम सभी दो जीवन जीते हैं। आज हम सभी के जीवन में कुछ ना कुछ कमियां रहती हैं और हम उन कमियों के चलते दूसरों के सहारे देखते हैं क्योंकि एक मानव जीवन ही एक दूसरे को देखकर ईर्ष्या भाव रखता है जबकि हम सभी समझते हैं जीवन में अगर मन भावनाओं पर नियंत्रण रखा जाए। अपना जीवन खुशहाल और अच्छा बना सकते है। आओ हम सभी मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच के साथ सुनीता रजनी और रमन की कहानी पढ़ते हैं

                  सुनीता रजनी और रमन एक ही गांव की रहने वाली थे। और तीनों में ही एक दूसरे के बहुत लगाव था। और बचपन से ही तीनों के सपने ऊंचे थे वह तीनों गांव के रहने वाले भला ही थे। परंतु तीनों एक दूसरे से प्यार भी करती थी जिसमें सुनीता रमन को बहुत चाहती थी परंतु रमन ना सुनीता को ना रजनी को चाहता था उसके सपने कुछ अलग थी वह जीवन में कुछ अलग करना चाहता था परंतु रजनी और सुनीता इस बात से बेखबर थी। सुनीता रजनी और रमन तीनों शहर के कॉलेज में पढ़ने जाते हैं और और तीनों एक ही कमरे में शहर के अंदर रहत थे।

                सुनीता तो रमन से मन ही मन बहुत प्यार करती थी। परंतु रमन न सुनीता से न रजनी से प्रेम करता था। एक दिन सुनीता कॉलेज अपने काम से गई हुई थी तब रजनी की मन में को अकेला देख कर रमन से वह रमन से पूछती है कि रमन हम दोनों में से तुम्हें कौन पसंद है। मेरे जीवन में तो कोई तीसरी आएगी तुम तो मेरी एक अच्छी दोस्त हो ऐसा कहकर रमन उठकर चलने लगता है। तब रजनी को न जाने क्या सूझता है और वह रमन से कहती है। तो मेरी एक बात पूरी कर दो तो रमन कहता है बोलो क्या चाहती हो। तब रजनी रहती है मैं चाहती हूं तुम मुझे लड़की से औरत बना दो और रमन को लेकर रजनी हमबिस्तर हो जाती हैं इसी बीच में सुनीता भी आ जाती है जब बह रजनी और रमन को हालत में देखती है तो सुनीता की मन में भी एक नारी की भावना जानी जाती है क्योंकि तीनों ही एक उम्र की दहलीज पर थे जो की मन भावन के साथ जवानी की उतावलेपन के साथ कही जाती है। जब सुनीता आ जाती है तब रजनी और रमन भी उसे देखते हैं तब रजनी सुनीता को समझाती है। और रमन सुनीता और रजनी तीनों एक दूसरे के साथ हम बिस्तर हो जाते हैं। एक दूसरे के जीवन में साथ-साथ रहने और जीने मरने की कसम खाते हैं। रमन को भी एक नारी के संग साथ और जिस्म का सहयोग और सुख पहली बार अनुभव था। ऐसा ही कुछ हाल रजनी और सुनीता का था। 

                        सुनीता रजनी भी रमन के साथ अब जब भी मन होता तब नंबर के साथ-साथ रमन के साथ हम बिस्तर र होने लगी। और रमन भी सुनीता और रजनी के साथ मान सम्मान और भावनाओं से जुड़ चुका था। और रजनी और सुनीता ने अब जीवन का समझौता कर लिया था कि वह रमन को ही जीवन में अपना सब कुछ मानेंगे। और रमन पढ़ाई के साथ-साथ अब एक अच्छे घर में नौकरी भी करने लगा। रमन जहां नौकरी करता था वहां की बाँस एक बड़ी उम्र की नारी थी रीना बहुत अमीर और पैसे वाली थी जब उसकी शादी हुई थी तब उसके पति में शारीरिक कमी थी उसने पति की इलाज में विज्ञान और सभी कराई परंतु वह जीवन में मां नहीं बन सकी।

              भाग्य और कुदरत के रंग एक सच यही रहता है कि हर नारी की इच्छा होती है कि वह जीवन में मां बन बने और रीना भी यही चाहती थी परंतु रीना के पति और रीना पर पैसा बहुत था। परंतु जीवन में कोई वारिस न था। एक दिन रीना रमन से एक सौदा करती है तुम मेरे साथ हम बिस्तर होकर एक बच्चा मुझे दे दो और मैं तुम्हें इतना पैसा दे दूंगी कि तुम्हें जीवन भर नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी। 

               रमन भी सुनीता और रजनी के भविष्य के लिए मेरा भाग्य और कुदरत के रंग को जीवन मे भाग्य के साथ समझौता कर लेता है और रीना भी खुश हो जाती है और समय बीतता है रीना एक बेटी को जन्म देती है और रमन भी सौदे की रकम को लेकर सुनीता और राजनी के साथ खुशहाल जीवन बिताने के लिए वह शहर छोड़ कर रजनी और सुनीता को लेकर दूसरे शहर में जाकर जिंदगी शुरु करता है और रजनी और सुनीता भी रमन रमन के साथ खुश और जिंदगी को मेरा भाग्य और कुदरत के रंग समझ कर एक सच की जिंदगी जीते हैं और तीनों जीवन बिताते हैं और रजनी और सुनीता भी एक बेटा और बेटी को जन्म देकर रमन की जिंदगी में खुशियां भर देते हैं सच तो यही है कुदरत और भाग्य में जो लिखा होता है वही मेरा भाग्य और कुदरत के रंग को रमन सुनीता और रजनी अपना अपना ईश्वरीय और जीवन की विज्ञान की जरूरत शारीरिक और मानसिक सोच के साथ तीनों अपनी जिंदगी में ऊंचे सपनों को भूलकर गांव से कॉलेज पढ़ाई करने के लिए आकर सोच अपनी अच्छी होने के साथ-साथ जीवन में मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच अलग दिशा में होते हैं। 

      एक मां भावनाओं के साथ लिखी कल्पना की सोच है काल्पनिक दृष्टिकोण से हम केवल समाज के विभिन्न वर्गों कि पाठकों के साथ एहसास एतवार और सच को बताने का प्रयास करते हैं इस कहानी से मिलते जुलते किसी की घटना हो सकती है परंतु शब्दों के लेखन में शब्द ही तो हम सभी के जीवन के साथ होते हैं और मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहता है परंतु हम जो सोचते हैं वह हो जाए ऐसा बहुत कम होता है तभी तो हम लोग सभी मानवता के साथ मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच की ओर ले जाता है।



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