मैं उबटन क्यूँ लगाऊं
मैं उबटन क्यूँ लगाऊं
"नैना बेटा ! इतनी धूप में जाया करती हो,इससे तुम्हारा रंग काला पड़ जाएगा तुम रोज उबटन लगाया करो। अगर ऐसे ही रंग काला हो गया तो कल को शादी के लिए लड़के भी नहीं मिलेंगे !"
"रोज़ रोज हुई सुनकर मैं तंग आ गई हूं।अगर मेरा रंग काला है इस वजह से मुझे कोई लड़का पसंद नहीं करेगा तो मुझे ऐसी शादी नहीं करनी।मैं उबटन जरूर लगाऊँगी,लेकिन अगर लड़कों को इम्प्रेस करने के लिए नहीं लगाऊंगी।बस अपनी खुशी के लिए लगाऊंगी ताकि मेरी स्किन बेहतर हो जाए!"
काव्या ने कहा और कॉलेज के लिए निकल गई।
उसके जाने के बाद उसकी मम्मी मीनाक्षी को एहसास हुआ कि उन्हें अपनी बेटी से ऐसा नहीं कहना चाहिए था।और उसके बाद उन्होंने रंग के लिए उसे टोकना बंद कर दिया।
सच... रंग रूप से ज़्यादा स्वाभाव का मेल ज़रूरी है।