Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Archana Kewaliya

Tragedy

4.4  

Archana Kewaliya

Tragedy

मायका

मायका

2 mins
183


क्या हुआ मम्मी,मुझे अनमना सा देख कर रितु मेरे पास आ कर बैठ गयी।उसके पीछे रोहित भी आ गया ।मैं कुछ बोल नहीं पायी बस आँखों से आँसू बहने लगे।इतने में राकेश भी आफ़िस से आ गए ।मुझे उदास देख कर पूछने लगे कि क्या बात है?मैं बस इतना ही बता पायी कि पापा और भैया ने अभी आने के लिए मना कर दिया है ।इतना सुनते ही दोनों बच्चे एक साथ बोल पड़े,"क्यों मम्मी हम तो जा रहे हैं ना आप ही बोल रही थी कि पन्द्रह साल हो गए आपने मामाजी को राखी नहीं बांधी।"

बच्चों की पढ़ाई और मेरी ख़ुद की नौकरी के कारण शादी के बाद मुश्किल से एक आध बार ही राखी पर मायके जा पायी थीं ।इस बार कोरोना के कारण बच्चे घर पर ही हैं तो मन कर रह था ।और मम्मी की तबियत भी आजकल ठीक नहीं रहती ।सोचा हमारे जाने से उनको भी अच्छा लगेगा ।परन्तु पापा और भैया दोनों ही मना कर रहे हैं ।ऐसे में कैसे जा सकती हूँ?तभी रितु बोल पड़ी "क्या मम्मी के घर जाने के लिए भी पूछना पड़ता है? क्या मेरी शादी के बाद मुझे यहाँ आने के लिए पूछना पड़ेगा मम्मी?" मैं एकदम सोच में पड़ गई सहीं तो कह रही है क्या बेटी शादी के बाद इतनी पराया हो जाती हैं कि उसे अपने घर आने जाने के लिए भी पूछना पड़े ।"नहीं नहीं मैं अपनी बेटी के लिए बिल्कुल भी ऐसा नहीं करूँगी बल्कि शादी के बाद तो उसके दो घर हो जाएँगें जब उसको आना हो आए।" इतना सोच कर मैंने अपने आँसूओ को धीरे से छिपा लिया और राकेश के लिए चाय बनाने लगी।



Rate this content
Log in

More hindi story from Archana Kewaliya

Similar hindi story from Tragedy