लाकडाउन
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लॉक डाउन। लॉक डाउन। लॉक डाउन। दिन भर tv पर देखते देखते मम्मी पापा, दादा दादी सब चिंता में दिख रहे थे। 3 साल की मिनी को कुछ समझ नही आ रहा था कि ये क्या हो रहा है। उसने मम्मी से पूछा किन्तु मम्मी भी उसे कुछ ज्यादा समझा नही पाई। बस कह दिया कि 21 दिन कोई घर से बाहर नही निकलेगा, केवल जरूरी काम से ही बाहर जाएंगे। कल से स्कूल बंद, पापा का ऑफिस बंद और मिनी भी घर से बाहर नही जाएगी, आसपास रहने वाले बच्चों में साथ नही खेलेगी। यह सब सुनकर मिनी उदास हो गयी और जाकर सो गई। सपने में उसे अपने घर मे पिंजरे में रखी छोटी सी चिड़िया चिंकी दिखाई दी, वह मिनी को उठा रही
थी और कह रही थी -'जानती हो मिनी इस तरह मुझे भी पिंजरे में बंद रहना नही सुहाता। जब तुम 21 दिन घर मे कैद रहोगी तब तुम्हे इसका अहसास होगा, तुम अपनी सहेलियों के साथ खेल नही पाओगी, मुझे भी आसमान में उड़ना और अपनी साथी चिड़ियाओं से बात करना अच्छा लगता है।' इतने में मिनी की आंख खुल गयी देखा तो सुबह हो गयी थी। मिनी बालकनी में गयी और चिंकी के पिंजरे का दरवाजा खोल दिया। चिंकी ची ची करती बाहर निकली और खुले आसमान में उड़ गई। इतने में मिनी की मम्मी ने यह सब देखते हुए उससे पूछा की तुमने ऐसा क्यों किया? मिनी ने उत्तर दिया कि मम्मी, चिंकी का लॉक डाउन आज से खत्म!