लव जेहाद
लव जेहाद
हैलो बेटा हसन, कैसे हो
मम्मी ठीक हूँ, मै
कहाँ हो, होस्टल मे,
जी मम्मी, होस्टल में ही हूँ
बेटा, कालेज में तेरे साथ लड़कियां भी पढ़ती हैं?
हाँ मम्मी, पढ़ती है,।
क्या वो भी तुम्हारे साथ होस्टल में रहती है?
नहीं मम्मी, वे गर्ल्ज होस्टल में रहती है।
क्या तुम्हारी कोई दोस्त भी है?
हाँ मम्मी, साथ में पढ़ती है तो सभी दोस्त ही है
बेटा, उनके साथ घूमने तो नहीं जाते?
हाँ मम्मी, कभी कभी हम दो चार दोस्त माँल वगैरह घूमने जाते हैं
बेटा, लड़कियों मे कोई मुस्लिम लड़की तो नहीं होगी,?
हाँ मम्मी, कोई मुस्लिम लड़की नही है।
तो बेटा, तुम किसी लड़की के साथ मंदिर वगैरह मत जाना।
क्यो मम्मी?
बेटा, अभी दो दिन पहले ही विष्णु नगर में एक मंदिर के मेले की भीड़ में किसी ने एक हिंदू लड़की के साथ मुस्लिम लड़के को पहचान कर लव जेहाद का शोर मचा दिया, भीड़ ने उस लड़के को बहुत मारा,। वह तो भला हो उस नौजवान सरदार दरोगा का जिसने उस लड़के को अपने सीने में छुपा लिया और भीड़ की मार से बचाया।
मगर मम्मी, मेरे दोस्त तो मुझे प्रत्येक मंगलवार को हनुमान मंदिर ले जाते है और वहाँ के पुजारी भी मुझसे बहुत प्रेम करते हैं जब कि वह अच्छी तरह जनते है कि मैं मुस्लिम हूँ।।
