लॉक डाउन डे 14
लॉक डाउन डे 14


डियर डायरी,
आज मेरा बेटा बहुत खुश था। आज मैने बेटे के साथ आर्ट और क्राफ्ट एक्टिविटी की। वैसे तो बेटा अभी ढाई साल का है लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी वह इस एक्टिविटी को इतना एन्जॉय करेगा। क्वारंटाइन में बच्चों के साथ खुद को बिजी रखने का यह बहुत अच्छा तरीका है। माना हर पेरेंट्स रचनात्मक नहीं होते पर आज के बच्चे हमसे या यूं कहें हमारी उम्मीद से कही ज्यादा रचनात्मक होते है। कम से कम हम उनके साथ उनकी मदद तो कर ही सकते है।
आज के समय मे सब बच्चों को पढ़ाई पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई का प्रेशर देते है। यहां तक कि गर्मियों में होने वाली छुट्टियों में भी पेरेंट्स पढ़ाई का ही रोना लिए रहते है। तमाम आधुनिक सोच के बावजूद भी आर्ट और क्राफ्ट की और बच्चे के रूझान को बढ़ावा नहीं दिया जाता। पर आर्ट और क्राफ्ट की मदद से बच्चे न सिर्फ व्यस्त रहते है बल्कि उनकी रचनात्मकता भी बढ़ती है।
आज जब मैंने अपने बेटे के साथ बैठकर ड्राइंग और कलर किया मुझे देखकर अपने छोटे छोटे हाथों से उसने भी कलर करने की कोशिश की। मम्मा यह क्या है? मम्मा इससे क्या बनेगा? मम्मा यह कलर कहा करना है? मम्मा मुझसे ठीक से नहीं हो रहा आप हेल्प कर दो। उसके यह सभी बातें मेरे होठों पर अभी भी मुस्कान ला देती है। बहुत ही उत्साह के साथ उसने मेरे साथ समय बिताया।
लॉक डाउन में जब हम अपने अपनों के साथ दिन भर समय बिता रहे है तो क्यों न हम भी बच्चे बनकर बच्चों में शामिल हो जाये। अगर बच्चे की रुचि नहीं है तो उसे जताना होगा कि यह बोरिंग नहीं है बल्कि मजेदार चीज है। बच्चे के साथ तरह तरह की चीजें बनाने, कलर करने या कुछ नया बनाने में बच्चे की मदद करने मात्र से हम उसकी रचनात्मकता को बढ़ा सकते है। साथ ही हमारा बच्चे के साथ रिश्ता भी गहरा होगा।