लॉक डाउन डे 20
लॉक डाउन डे 20


डियर डायरी,
शहर में पसरे सन्नाटे का सबसे अच्छा फ़ायदा यह है कि अब चिड़ियों की चहचाहट स्पष्ट सुनाई देती है जो पहले शोर में गुम हो जाती थी। सुबह का वक्त मेडिटेशन में बीतता है। साहित्य पत्र पत्रिकाएँ जिन्हें पहले कभी पढ़ने का समय नहीं मिला वो आज मेरी दोस्त बन गई है। ये वही दिन है जिसके मैं कभी सपने देखा करती थी। किताबें पढ़ना, फिल्में देखना, पुराने दोस्तों से बातें करना, नई नई रेसिपीज बनाना, आँखें बंद कर संगीत सुनना। यह समय कभी लौट कर नहीं आने वाला।
इस गंभीर विपदा से निपटने के लिए मैं लॉक डाउन को सकारात्मक तरीके से ले रही हूँ। आज मैंने दो फिल्में देखी। पति हमेशा ऑफ़िस के काम में बिजी रहते थे इस बीच पहले कभी उनके साथ फ़िल्म देखने का वक़्त ही नहीं मिला। जब से लॉक डाउन लगा है तब से सभी सदस्य इंडोर एक्टिविटी में ही खुद को व्यस्त रखते है। कभी सोचा न था इतने दिनों लगातार पतिदेव के साथ दिन भर रहने का मौका मिलेगा।
आनंद खुशी किसी सुख सुविधा में नहीं यह हमारे स्वयं के अंदर ही है बस एक बार उसे देखने की जरूरत है।