लिखे जो खत तुझे
लिखे जो खत तुझे
वह काॅलिज के दिन थे। मैं काॅलिज में पढ़ती थी।
मेरी कक्षा में पढ़ता था एक लड़का नाम था विजय। वह मुझे बहुत पसंद किया करता था एक दिन उसने मुझे बताया था कि मैं उसे बहुत पसंद हूँ। मेरा इस बारे में क्या ख्याल है। मैंने उसे साफ समझाया कि मेरा लक्ष्य सिर्फ पढ़ाई है और अभी मैं इस के अलावा कुछ भी नहीं सोच सकती।
उस ने मुझसे उस दिन के बाद बात नहीं की वह अपनी सारी भावनाएं पत्र में व्यक्त किया करता था। एक दिन मैंने नोटस् बनाने के लिए उसकी कापी मांगी तब उसमें से सारे पत्र गिर पड़े और मुझे पता चला कि उसने मुझे पत्र लिखे जरूर थे मगर मुझे कभी भेजे नहीं थे।
मुझे उसके एक तरफा प्यार पर गर्व महसूस हुआ।